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New President Draupadi Murmu: देश को मिली पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू की यशवंत सिन्हा पर बड़ी जीत

New President Draupadi Murmu: एनडीए की आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। संसद भवन में आज कड़ी सुरक्षा के बीच हुई मतगणना के बाद द्रौपदी मुर्मू को निर्वाचित घोषित किया गया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 21 July 2022 7:48 PM IST (Updated on: 21 July 2022 8:52 PM IST)
New President Draupadi Murmu
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New India President Draupadi Murmu (Image: Newstrack)

President Of India Draupadi Murmu: एनडीए की आदिवासी महिला उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। संसद भवन में आज कड़ी सुरक्षा के बीच हुई मतगणना में द्रौपदी मुर्मू बड़े अंतर के साथ चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। देश की आजादी के बाद यह पहला मौका है जब कोई आदिवासी महिला देश के राष्ट्रपति का चुनाव जीतने में कामयाब हुई है। मुर्मू ने तीसरे राउंड में ही जीत के लिए जरूरी 50 फ़ीसदी वोट पाकर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हरा दिया।

एनडीए के घटक दलों के साथ ही देश के तमाम क्षेत्रीय दलों का समर्थन हासिल होने के कारण द्रौपदी मुर्मू की जीत पहले ही तय मानी जा रही थी। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा मुर्मू को कड़ी चुनौती देने में कामयाब नहीं हो सके। मुर्मू को देशभर के 27 दलों का समर्थन हासिल था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने मुर्मू को इस जीत पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने मुर्मू से मुलाकात करके उन्हें जीत की बधाई दी।

25 को शपथ लेंगी मुर्मू,जमकर मना जश्न

देश के मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने वाला है। 25 जुलाई को द्रौपदी मुर्मू देश के नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगी। मुर्मू की जीत के बाद राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न राज्यों में पहली बार महिला आदिवासी उम्मीदवार के राष्ट्रपति बनने पर जमकर जश्न मनाया गया। लोगों ने मिठाई खिलाकर एक-दूसरे का मुंह मीठा कराया।

मुर्मू के गृह राज्य ओडिशा में तो जश्न का अलग ही नजारा दिखा। ओडिशा के मयूरभंज जिले के आदिवासी संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली मुर्मू के गांव में भी खूब जश्न मना। चुनाव नतीजे की घोषणा से पहले ही मुर्मू के गांव में जश्न शुरू हो गया था। मुर्मू के गृहनगर रायरंगपुर में भी जमकर जश्न मनाया गया और लड्डू बांटे गए।


पहले चरण में ही मिली बड़ी बढ़त

मतगणना के दौरान सबसे पहले सांसदों के मतों की गिनती की गई। सांसदों के कुल 748 मत पड़े थे जिनमें से मुर्मू 540 सांसदों के मत पाने में कामयाब रहीं। मुर्मू को मिले सांसदों के मतों की वैल्यू 3,78,000 है। दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 208 सांसदों के मत हासिल हुए जिनकी वैल्यू 1,45,600 है।

पंद्रह सांसदों के मत अमान्य घोषित किए गए। संसद के दोनों सदनों में सांसदों के कुल वोटों की संख्या 780 है मगर 13 सांसदों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया था। इस तरह मतगणना के पहले चरण में ही द्रोपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा पर बड़ी बढ़त बना ली थी।

दूसरे चरण में और मजबूत हुईं मुर्मू

दूसरे राउंड की मतगणना में द्रौपदी मुर्मू को 809 वोट हासिल हुए। पहले चरण के 540 वोट मिलाकर दूसरे चरण की समाप्ति तक द्रौपदी मुर्मू ने 1349 वोट हासिल किए। उधर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को दूसरे चरण में 329 वोट मिले। पहले चरण के 208 मतों को मिलाकर दूसरे चरण तक यशवंत सिन्हा ने 537 वोट हासिल किए। दूसरे चरण की समाप्ति तक द्रौपदो मुर्मू को मिले वोटों की वैल्यू 4.83 लाख थी जबकि यशवंत सिन्हा को मिले वोटों की वैल्यू 1.89 लाख थी।

तीसरे राउंड में हासिल कर ली जीत

तीसरे राउंड की गिनती में मुर्मू ने राष्ट्रपति बनने के लिए जरूरी 50 फ़ीसदी वोट जुटा लिए। इसी के साथ उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को बड़े अंतर से हराने में कामयाबी हासिल की। इसके बाद चौथे राउंड की गिनती महज औपचारिकता मात्र ही रह गई।

तीनों राउंड की गिनती में कुल पड़े 3219 मतों में से द्रौपदी मुर्मू 2161 मत पाने में कामयाब रहीं इन मतों की कुल वैल्यू 5,77,777 है। दूसरी और यशवंत सिन्हा को तीनों राउंड में 258 मत मिले और इसकी वैल्यू 2,61,062 है। इस तरह मुर्मू ने तीसरे राउंड में ही राष्ट्रपति के चुनाव में जीत हासिल कर ली।


शुरुआत से ही बना रखी थी बढ़त

संसद भवन के कमरा नंबर 63 में कड़ी निगरानी के बीच आज सुबह 11 बजे राष्ट्रपति चुनाव की मतगणना का काम शुरू हुआ। राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी की निगरानी में मतगणना का काम पूरा किया गया। मोदी को राष्ट्रपति चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी बनाया गया था। पूरे देश में व्यापक समर्थन मिलने के कारण मुर्मू ने शुरुआत से ही विपक्षी उम्मीदवार यशवंत सिन्हा पर बढ़त बना रखी थी।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए सोमवार को 99.18 फ़ीसदी मतदान हुआ था। भारतीय जनता पार्टी के सनी देओल समेत आठ सांसद मतदान में अनुपस्थित रहे। इन सांसदों के अलावा भाजपा और शिवसेना के दो दो, बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, अकाली दल और एआईएमआईएम के एक-एक विधायक ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने पीपीई कित पहनकर मतदान में हिस्सा लिया था क्योंकि दोनों कोरोना से संक्रमित थे।

17 विपक्षी सांसदों ने की क्रॉस वोटिंग

इस बीच भाजपा की ओर से दावा किया गया है कि 17 विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि उन्हें मुर्मू को 523 सांसदों का समर्थन मिलने का अनुमान था मगर मुर्मू को पहले चरण में 540 सांसदों का समर्थन मिला है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि विपक्ष के 17 सांसदों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है।

मतदान के दौरान दौरान कई राज्यों में क्रॉस वोटिंग का फायदा भी मुर्मू को मिला। मतदान के दिन ही खास तौर पर एनसीपी, कांग्रेस और सपा में क्रॉस वोटिंग की बात उजागर हुई थी। राष्ट्रपति चुनाव में सांसदों और विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने विभिन्न राज्यों का दौरा किया था।


मुर्मू की जीत का कारण

वैसे यशवंत सिन्हा के मुकाबले एनडीए की उम्मीदवार मुर्मू की स्थिति पहले ही ज्यादा मजबूत मानी जा रही थी क्योंकि उन्हें 27 दलों का समर्थन हासिल था। इन 27 दलों के मतों की कुल संख्या 6.65 लाख थी। दूसरी ओर विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 14 दलों ने समर्थन देने की घोषणा की थी और इन दलों के सम्मिलित वोट करीब 3.62 लाख ही थे। पहले राष्ट्रपति चुनाव के लिए कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही थी मगर कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन हासिल होने से मुर्मू यशवंत सिन्हा के मुकाबले ज्यादा मजबूत बनकर उभरीं।

तमाम दलों ने दिया मुर्मू का साथ

एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को एनडीए के घटक दलों के अलावा कई क्षेत्रीय दलों का समर्थन भी हासिल हुआ। कई राज्यों में तो विपक्ष के सहयोगी दलों ने भी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर दिया। मुर्मू को एनडीए के घटक दलों के अलावा बीजू जनता दल, वाईएसआर कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, बसपा, टीडीपी एआईडीएमके, जदएस, शिवसेना, शिरोमणि अकाली दल और सुभासपा का समर्थन मिला। शिवसेना से बगावत करके अलग होने वाले शिंदे गुट का समर्थन भी मुर्मू को ही हासिल हुआ। कई क्षेत्रीय दलों के मुर्मू के समर्थन में आ जाने के कारण ही सिन्हा मतदान के दौरान पिछड़ते नजर आए।


यशवंत सिन्हा को मिला इन दलों का समर्थन

मुर्मू की मजबूती को इसी बात से समझा जा सकता है कि कि विपक्ष की बैठक में सिन्हा के नाम पर मुहर लगाने वाले कई दलों ने भी अंतिम समय में मुर्मू को समर्थन देने की घोषणा कर दी थी। ऐसे में द्रौपदी मुर्मू की स्थिति विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के मुकाबले पहले ही काफी मजबूत हो गई थी। विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को कांग्रेस, वामदलों, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राजद, सपा, एनसीपी, रालोद, टीआरएस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और केरल कांग्रेस एम का समर्थन मिला है।

12 राज्यों में हुआ सौ फ़ीसदी मतदान

राष्ट्रपति के चुनाव में 12 राज्य ऐसे थे जहां 100 फ़ीसदी मतदान हुआ। इन राज्यों में गुजरात, गोवा, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, मणिपुर, सिक्किम, तमिलनाडु और पुडुचेरी शामिल हैं। इन सभी राज्यों में राष्ट्रपति चुनाव में मतदान के प्रति काफी गंभीरता दिखी।


देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति

देश के सर्वोच्च राष्ट्रपति पद पर पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू दूसरी महिला हैं। मुर्मू से पहले प्रतिभा पाटिल देश की पहली महिला राष्ट्रपति बनी थीं। प्रतिभा पाटिल 2007 से 2012 तक देश की राष्ट्रपति थीं। मुर्मू से पहले दलित वर्ग से आने वाले के आर नारायणन और मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जरूर देश के सर्वोच्च पद पर पहुंचे हैं मगर आदिवासी समुदाय से पहली बार किसी को राष्ट्रपति बनने का मौका मिला है।



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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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