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60 साल के बुजुर्ग ने बचाई तेंदुए से अपनी जान, मुंह में हाथ डालकर खींची जुबान

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Published on: 7 Sep 2016 11:35 AM GMT
60 साल के बुजुर्ग ने बचाई तेंदुए से अपनी जान, मुंह में हाथ डालकर खींची जुबान
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मध्य प्रदेश: तेंदुए का नाम लेते ही अक्सर लोगों के पसीने छूट जाते हैं। ऐसे में अगर किसी के सामने आ जाए, तो डर की वजह से उसे क्या हो जाएगा? यह तो शायद वही जानता है। लेकिन अगर आपको पता चले कि एक 60 साल के बुजुर्ग ने तेंदुए का सामना किया हो और आखिर में वह तेंदुआ भाग खड़ा हो। तो आप क्या कहेंगे। जी हां, मध्य प्रदेश के एक जिले में एक 60 साल के बुजुर्ग पर तेंदुए ने हमला किया, तो वह उससे भिड़ गए और अपनी जान बचाई ।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या है पूरा मामला

मध्य प्रदेश में शिवपुरी जिले के माधव नेशनल पार्क के बलारपुर जंगल से 60 साल के रामकिशन मंदिर दर्शन के लिए जा रहे थे। रास्ते में एक नदी में उनका नहाने का मन हुआ, तो वह नदी के पास पहुंच गए। जैसे ही वह नदी की ओर बढ़ने लगे, तभी अचानक एक तेंदुए ने उनपर हमला कर दिया। तो वह मुंह के बल गिर गए। तेंदुआ उन्हें पंजों से नोचने लगा और उनकी पीठ पर कई घाव भी कर दिए। इस बीच अचानक तेंदुए ने रामकिशन के हाथ को मुंह में दबा लिया और उन्हें जंगल की ओर ले जाने लगा। रामकिशन मदद के लिए चिल्लाए भी, पर वहां कोई नहीं था। तभी तेंदुए की पकड़ थोड़ी सी ढीली हो गई और रामकिशन ने अपना हाथ छुड़ा लिया।

आगे की स्लाइड में जानिए क्या कहना है रामकिशन का

तेंदुए को हारने वाले रामकिशन का कहना है कि जब तेंदुए ने उन पर हमला किया, तो उन्होंने सोंचा कि जान तो जानी ही है, क्यों न लड़कर ही मरा जाए। उन्होंने अपना हाथ तेंदुए के मुंह में घुसेड़ दिया और उसकी जीभ को कसकर पकड़ लिया। उनकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि तेंदुआ छटपटाने लगा। रामकिशन ने तब तक उसकी जुबान पकड़े रखी, जब तक तेंदुआ पूरी तरह बदहवास नहीं कर दिया। वह बताते हैं कि जब उन्होंने अपना हाथ तेंदुए के मुंह से बाहर निकाला, तो वह बिना कुछ किए जंगल की ओर भाग गया। किसी तरह वह 7 किलोमीटर की दूरी तय करके हाईवे पहुंचे, जहां कुछ लोगों ने उन्हें हॉस्पिटल पहुंचाया। डॉक्टर्स का कहना है कि अभी उनकी हालत खतरे से बाहर है।

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