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पहली बार संसद में नोेटबंदी पर PM बोले- चर्चा के लिए तैयार थे, विपक्ष टीवी पर देता रहा बाइट

Rishi
Published on: 7 Feb 2017 7:46 AM GMT
पहली बार संसद में नोेटबंदी पर PM बोले- चर्चा के लिए तैयार थे, विपक्ष टीवी पर देता रहा बाइट
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नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस में हिस्सा लेते हुए पहली बार लोकसभा में नोटबंदी पर बोले। उन्होंने कहा कि पहले दिन से सरकार कह रही थी कि नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं, लेकिन आपको लग रहा था कि इस समय चर्चा करने से मोदी इसका फायदा उठा ले जाएगा। इसीलिए उस वक्त विपक्ष को सिर्फ टीवी पर बाइट देने में मजा आ रहा था।

नोटबंदी के बाद कितना बड़ा बदलाव आया है और अगर बारीकी से अगर विपक्ष अध्ययन करे तो सब समझ आ जाएगा। 2014 से पहले का वक्त उठाकर देख लीजिए। वहां से आवाज आती थी, कोयले में कितना खाया, 2-जी में कितना गया, जल, वायु और आसमान के घोटाले में कितना गया। अब वहां से आवाज आती है कि मोदी जी कितना लाए, कितना लाए। ये मेरे लिए खुशी की खबर है। इससे बड़ा जीवन का संतोष और क्या होगा। यही तो सही कदम है।

26 साल तक कानून को नोटिफाई क्यों नहीं किया?

पीएम मोदी ने आगे कहा कि खड़गे जी कहते हैं कि काला धन, सोने, प्रॉपर्टी और हीरे-जवाहरात में है, लेकिन सदन यह जानना चाहता है कि ये ज्ञान आपको कब हुआ? ये कोई इनकार नहीं कर सकता कि भ्रष्टाचार की शुरुआत नगद से होती है। जरा आप लोग बताइए 1988 में जब राजीव गांधी जी प्रधानमंत्री थे। पंडित नेहरू से भी ज्यादा बहुमत दोनों सदन में आपके पास था। पंचायत से संसद तक सबकुछ आपके कब्जे में था, तो आपने बेनामी संपत्ति का कानून बनाया, आपको जो ज्ञान आज हुआ है क्या कारण था कि 26 साल तक कानून को नोटिफाई नहीं किया ? अगर 26 साल पहले इस कानून को नोटिफाई किया होता तो देश कब का साफ-सुधरा हो चुका होता था।

गरीबों के हक का लौटना पड़ेगा: पीएम

वो कौन लोग थे जिन्हें कानून बनने के बाद ज्ञान हुआ कि कानून दबाने में फायदा है। आप इससे बच नहीं सकते। आप किसी का नाम देकर बच नहीं सकते। आपको जनता को जवाब देना होगा। आज मैं इस सदन के माध्यम से आज देशवासियों से कहना चाहता हूं कि आप कितने भी बड़े क्यों ना हों, गरीब के हक का आपको लौटना पड़ेगा और मैं इस रास्ते से पीछे हटने वाला नहीं हूं। मैं गरीबों के लिए लड़ाई लड़ रहा हूं और लड़ता रहूंगा।

आगे की स्लाइड में पढ़िए, क्यों मोदी ने कहा- हमें नहीं चुनाव की चिंता...

हमें चुनाव की नहीं, देश की चिंता है: मोदी

देश के पास मानव संसाधनों की कमी नहीं थी, लेकिन देश में एक ऐसा वर्ग उभरा, जिसने गरीबों का हक लूट लिया। इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि समांनांतर अर्थव्यवस्था डेवलप हुई थी। ये विषय आपकी सरकार और कमेटियों ने आपके सामने भी रखा था। जब इंदिरा जी राज करती थीं, तब यशवंत राव जी चव्हाण नोटबंदी का विषय लेकर उनके पास गए थे, तब उन्होंने कहा था कि क्या भाई कांग्रेस को चुनाव नहीं लड़ना है क्या। आपना निर्णय गलत नहीं था, लेकिन चुनाव का डर था। हमें चुनाव की चिंता नहीं है, देश की चिंता है। इसलिए हमने फैसला लिया।

'हड़बड़ी में नहीं गया फैसला'

आप जानते हैं कि अगर आपको डॉक्टर कहता है कि ऑपरेशन बहुत जरूरी है तो इसके लिए पहले यह भी कहता है कि शरीर ठीक करना पड़ेगा। जब तक वो स्वस्थ नहीं होता है, ऑपरेशन नहीं हो सकता है। नोटबंदी के लिए यह बिल्कुल सही समय था। अगर समय सही नहीं होता तो इस फैसले को सफलतापूर्वक लागू नहीं कर पाते। ऐसा मत सोचिए कि यह फैसला हड़बड़ी में लिया गया। यह जानने के लिए आपको मोदी का अध्ययन करना पड़ेगा। नोटबंदी के बाद सारी चीजें रिकॉर्ड पर हैं। कौन लाया, कहां रखा, कहां से लिया।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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