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पीएम के मुंह में नीलकुरिंजी दिल में केरल, 16 पॉइंट्स में BJP का कल आज और कल
नई दिल्ली : पीएम नरेंद्र मोदी ने आजादी की 72वीं सालगिरह के मौके पर अपना पांचवां भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने नीलकुरिंजी पुष्प का जिक्र भी किया। मोदी को नजदीक से जानने वाले ये मानते हैं कि पीएम बिना मकसद कुछ नहीं बोलते। अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं से उन्हें जो कहना होता है वो ऐसे ही प्रतीकों के जरिए कहते हैं। इसका जो अर्थ निकल कर आ रहा है वो ये है की केरल विजय के लिए कमर कस लो। चलिए आज जान लेते हैं आखिर केरल का माहौल कैसा है और बीजेपी की तैयारी कैसी है।
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- केरल देश का अकेला राज्य है जहां वाम पार्टी की सरकार है।
- 2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को यहां 20 प्रतिशत वोट मिले।
- 2011 के चुनाव में बीजेपी को करीब 9 प्रतिशत वोट मिले।
- केरल में मुसलमान और ईसाई आबादी का 48 प्रतिशत हिस्सा हैं।
- बीजेपी की बात करें तो देश में उसकी छवि अल्पसंख्यक विरोधी रही है। इसका फायदा उसे अन्य राज्य में भले ही मिला हो लेकिन यहां हिंदुओं में उसका कोई खास असर नहीं है।
- केरल में वाम दल जब सत्ता से बेदखल होते हैं तो कांग्रेस सत्ताधारी होती है।
- केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट और सीपीएम के नेतृत्व वाले एलडीएफ गठबंधन की सरकार गत चार दशक से रही है।
- बीजेपी कैडर न के बराबर है। कुछ इलाकों में संघ का असर नजर आने लगा है। लेकिन ये प्रभावी नहीं है।
- यहां उग्र हिंदूवादी खोजने से भी नहीं मिलते। ऐसे में बीजेपी को खाद पानी नहीं मिलता।
- बीजेपी ने यहां कुछ समय पहले ही राज्य अध्यक्ष के तौर पर पीएस श्रीधरण पिल्लई को चुना।
- पिल्लई की छवि उदारवादी रही है। यहां संघ भी किसी नरमपंथी को अध्यक्ष चाहता था। ऐसे में वो इस खाने में फिट बैठते हैं।
- पिल्लई दूसरी बार केरल का पार्टी अध्यक्ष बने हैं। इससे पहले 2003-2006 में भी वह अध्यक्ष पद पर थे।
- पिल्लई पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के मन मुताबिक नहीं है। क्योंकि उन्हें समझौता करने वाला नेता समझा जाता है।
- आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, केरल और ओडिशा से लोकसभा की कुल 164 सीटें आती हैं। लेकिन पिछली बार बीजेपी को इनमें से सिर्फ सात पर जीत मिल पाई थी। बीजेपी रणनीतिकार मानते हैं कि यहां मेहनत कर वो हिंदी भाषी राज्यों में होने वाले नुकसान की भरपाई कर सकते हैं। क्योंकि पार्टी को ऐसी रिपोर्ट मिली है कि हिंदी भाषी राज्य में उसकी सीटें कम होने वाली हैं।
- 20 सीटों वाले केरल में बीजेपी भारत धर्मा जना सेना के साथ पींगें बढ़ा रही है।
- पिछले वर्ष बीजेपी ने अपने अध्यक्ष अमित शाह, कई दिग्गज नेता और कई राज्यों के सीएम को केरल भेजा जिससे माहौल बन सके।
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