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संघ के दीक्षांत में प्रणब दा के संबोधन पर टिकी देश-दुनिया की निगाहें

Manali Rastogi
Published on: 7 Jun 2018 6:51 AM GMT
संघ के दीक्षांत में प्रणब दा के संबोधन पर टिकी देश-दुनिया की निगाहें
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Sanjay Tiwari

नागपुर/ नई दिल्ली: भारत के साथ ही दुनिया की निगाहें आज शाम नागपुर में होने वाले संघ के कार्यक्रम पर टिकी हैं। ऐसा पहली बार हो रहा है कि संघ के किसी रूटीन कार्यक्रम को लेकर राजनीतिक हलकों और मीडिया में इतनी उत्सुकता हो। इसकी वजह यह है कि जीवनभर सेक्युलर राजनीति के अलबरदार रहे पूर्व कांग्रेसी नेता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के दीक्षांत समारोह में शामिल हो रहे हैं।

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इसके लिए वह बुधवार शाम को ही नागपुर पहुंच गए। संघ से जुड़े कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया लेकिन एक भी कांग्रेसी एयरपोर्ट पर उनसे मिलने नहीं पहुंचा। उधर, कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने बुधवार देर रात कहा कि मुझे उनसे (प्रणब मुखर्जी) ऐसी उम्मीद नहीं थी।

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बताया जा रहा है कि वह समारोह में करीब 20 मिनट तक भाषण दे सकते हैं। प्रणब दा यहां 3 दिन तक संघ के मेहमान बनकर रहेंगे। इस कार्यक्रम में नेता जी सुभाषचंद्र बोस के पोते अर्धेंदु बोस और लाल लालबहादुर शास्त्री के बेटे भी सुनील शास्त्री भी नागपुर पहुंच गए हैं।

सोनिया, राहुल आलोचना करते तो कांग्रेस को फायदा होता

इस यात्रा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार कुलदीप नैयर की एक महत्वपूर्ण टिपण्णी आई है। उन्होंने कहा है कि इस यात्रा पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को बोलना चाहिए था। संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति ही राष्ट्र को भ्रम में डालेगी क्योंकि उन्होंने हर कांग्रेस नेता से यही सुना है कि आरएसएस की सोच विविधता के विचार के विपरीत है।

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वास्तव में, सोनिया गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस यात्रा के लिए मुखर्जी की आलोचना करनी चाहिए थी। अगर उन्होंने ऐसा किया होता तो राष्ट्र को फिर से उस पार्टी की ओर ध्यान देने को मजबूर किया होता जो लगातार अप्रासंगिक होती जा रही है।

कांग्रेस की ख़ामोशी आश्चर्यजनक

कुलदीप नैयर एक आलेख में लिखते हैं- अचरज है कि कांग्रेस ने मुखर्जी के कदम की भर्त्सना में एक भी शब्द नहीं कहा है। उसकी खामोशी उस काम का समर्थन है जो वह कर रहे हैं। फिर भी एक पूर्व कांग्रेसी मंत्री ने सेकुलरिज्म के हित में उनसे अपने फैसले पर फिर से विचार का आग्रह किया है। जाहिर है, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आरएसएस काडरों को संबोधित करने के उनके फैसले का बचाव यह कहकर किया है कि वह आईएसआई के शिविर में नहीं जा रहे हैं।

इसके बावजूद कि कांग्रेस में इस मामले पर लोगों का मत बंटा हुआ है, कुछ सदस्यों को अभी भी भरोसा है कि आरएसएस के मंच से वह विविधतावाद पर एक मजबूत संदेश देंगे। वास्तव में, पार्टी के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने उनका बचाव किया कि पार्टी को प्रणब मुखर्जी में भरोसा रखना चाहिए और उनमें सिर्फ भारत की सोच के प्रति सच्ची आस्था के कारण ही भरोसा नहीं रखना चाहिए, बल्कि हम लोगों के मुकाबले ज्यादा समझदार और बुद्धिमान होने के लिए भी। यह एक कमजोर दलील है।

कांग्रेस के 30 नेताओं ने कार्यक्रम में न जाने की अपील की थी

प्रणब दा के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने के फैसले से कांग्रेस खुश नहीं है। सोनिया गांधी के करीबी और कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने बुधवार देर रात ट्वीट कर कहा कि मुझे उनसे ऐसी उम्मीद नहीं थी।

इससे पहले भी पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 से ज्यादा कांग्रेस नेताओं ने प्रणब दा से संघ कार्यक्रम में नहीं जाने की अपील की थी। इन नेताओं ने पत्र और मीडिया के जरिए मुखर्जी से इस कार्यक्रम से दूर रहने को कहा।

नेताओं का कहना है दा के कार्यक्रम में जाने से संघ विचारधारा को मजबूती मिल सकती है। इस कार्यक्रम में शामिल होने पर प्रणब दा ने 2 जून को कहा था कि इस बारे में कई लोगों ने पूछा, लेकिन जवाब नागपुर में दूंगा। उन्होंने कहा कि वे संघ के कार्यक्रम में जाने पर अभी कुछ भी नहीं कहना चाहते हैं।

उनके आने की ऑफिशियल जानकारी नहीं: नागपुर कांग्रेस

कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोंढे के मुताबिक, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे हैं। फिलहाल वे निजी दौरे पर नागपुर आए हैं। उनके दौरे की सूचना नगर कांग्रेस को भी अधिकृत तौर पर नहीं मिली है। लिहाजा कांग्रेस नेता उनसे मिलने नहीं पहुंचे होंगे। मुखर्जी से मिलने से किनारा करने की कोई ठोस वजह नहीं है।

ऐसे है संघ का कार्यक्रम

शाम 5.30 बजे नागपुर के रेशिमबाग संघ मुख्यालय पहुंचेंगे। यहां आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत स्वागत करेंगे। इसके बाद संघ के प्रमुख पदाधिकारियों का प्रणब मुखर्जी से परिचय कराया जाएगा। शाम 6.15 बजे कार्यक्रम स्थल पर पहुंचेंगे। करीब 6.35 बजे प्रणब भाषण देंगे। यह भाषण करीब 20 मिनट चल सकता है। आखिर में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे।

डॉक्टर्स, इंजीनियर हुए शामिल

25 दिन तक चले इस प्रशिक्षण शिविर में देशभर से डॉक्टर, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान और विभिन्न वर्गों के युवा शामिल हुए। इनकी उम्र 25 से 30 साल के बीच है।सुभाषचंद्र बोस के पोते अर्धेंदु बोस और लाल लालबहादुर शास्त्री के बेटे भी सुनील शास्त्री भी नागपुर पहुंच गए हैं।

मेरे पिता अफवाहों को मौका दे रहे हैं : शर्मिष्ठा

इस बीच प्रणब मुखर्जी की बेटी और कांग्रेस नेता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पिता से कहा कि आरएसएस भी नहीं मानता है कि आप भाषण में उसकी सोच का बखान करेंगे, लेकिन बातें भुला दी जाएंगी। रहेंगे तो सिर्फ फोटो, जो फर्जी बयानों के साथ प्रसारित किए जाएंगे। नागपुर जाकर आप भाजपा-आरएसएस को फर्जी खबरें प्लांट करने, अफवाहें फैलाने का पूरा मौका दे रहे हैं। आज की घटना तो सिर्फ शुरुआत है। बुधवार को कई मीडिया रिपोर्ट्स में उनके भाजपा में शामिल होने की खबरें आई थीं। शर्मिष्ठा ने इन खबरों को खंडन किया।

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