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19 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव होने का संकेत, पहली बार कांग्रेस करने जा रही ये काम
दो महीने बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्षी एकता को परवान चढ़ाने की कोशिशों में जुटी सोनिया गांधी ने यह तय कर लिया है कि कांग्रेस पृष्ठभूमि का कोई भी नाम वह नहीं सुझाएंगी।
नई दिल्ली: दो महीने बाद होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए विपक्षी एकता को परवान चढ़ाने की कोशिशों में जुटी सोनिया गांधी ने यह तय कर लिया है कि कांग्रेस पृष्ठभूमि का कोई भी नाम वह नहीं सुझाएंगी। यह कदम विपक्षी दलों में एकता बनाने व कांग्रेस विरोधी क्षेत्रीय दलों को एक मंच पर लाने की दिशा में उठाया जा रहा है। स्वतंत्र भारत के इतिहास में यह पहली बार होने जा रहा है जब राष्ट्रपति पद पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी।
सोनिया इस दिशा में भी काम कर रही हैं कि विपक्ष की ओर से सर्वोच्च पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए ऐसा नाम सामने रखा जाए जो एनडीए में सेंधमारी कर सके।
सोनिया गांधी से पिछले एक माह में दो बार मुलाकात कर चुके विपक्ष के एक नेता का मानना है कि यह तय मानिए इस पद की उम्मीदवारी के लिए जो नाम पिछले कुछ दिनों से हवा में तैर रहे थे। उनमें से कोई भी नाम तय नहीं होने जा रहा। सोनिया यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि बीजेपी विरोधी राय रखने वाले सभी प्रमुख क्षेत्रीय दलों को पहले इस बात के लिए रजामंद किया जाए कि वे संयुक्त विपक्ष के साझा उम्मीदवार को ही वोट करेंगे।
अगले सप्ताह सोनिया गांधी या राहुल गांधी तमिलनाडु में डीएमके प्रमुख करुणानिधि से भेंट की योजना बना रहे हैं। आंध्र प्रदेश में वाइएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी से भी संपर्क किया गया है, लेकिन तेलंगाना में मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव के भाजपा के पाले में जाने से रोकने की तैयारियां की जा रही हैं।
बीजेपी सूत्रों का कहना है कि टीआरएस के साथ आने के बाद भाजपा के लिए मैदान पूरी तरह खाली है क्योंकि 17 सांसदों व 62 विधायकों के साथ उसके पास 1.25 प्रतिशत वोट शेयर है।
बता दें, कि सोनिया सपा, बसपा, राजद, नेशनल कांफ्रेस, वाम नेताओं और नीतीश व शरद यादव से पहले ही मशविरा कर चुकी हैं। माना जा रहा है कि विपक्ष और सोनिया की रणनीति इस बात पर भी केंद्रित है कि ऐसे किसी संभावित नाम के बारे में बीजेपी के सहयोगी खास तौर पर शिव सेना जैसी प्रमुख साझीदार पार्टियों और अन्ना द्रमुक जैसी पार्टियों को भी भरोसे में लिया जाए।
पूर्वोत्तर के सात छोटे प्रदेशों में बीजेपी की बढ़त को रोकने और राष्ट्रपति चुनावों की तैयारियों के सिलसिले में मेघालय के सीएम और पूर्वोत्तर में कांग्रेस के प्रमुख चेहरे मुकुल संगमा को सक्रिय कर दिया गया है।
16 जून को ऐलान हो सकता है चुनाव कार्यक्रम
निर्वाचन आयोग के सूत्रों का कहना है कि मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. नसीम जैदी अगले महीने 16 जून को राष्ट्रपति चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर देंगे। नामांकन प्रकिया के बाद वोटिंग के लिए 19 जुलाई का दिन तय होने के संकेत हैं। यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रह चुके मुख्य चुनाव आयुक्त जैदी इस चुनाव को संपन्न कराते ही जुलाई के आखिर में रिटायर हो रहे हैं। 22 जुलाई को नए राष्ट्रपति चुनाव नतीजों की घोषणा हो जाएगी।