Chhawla Gangrape Case: पीड़िता के परिवार ने दायर किया रिव्यू पिटीशन, सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया था दोषियों को रिहा

Chhawla Gangrape Case: दिल्ली के चर्चित छावला गैंगरेप कांड में पीड़िता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की। पीड़िता के पिता की तरफ से याचिका दाखिल की गई।

Krishna Chaudhary
Published on: 5 Dec 2022 10:30 AM GMT
supreme court
X

सुप्रीम कोर्ट  (photo: social media )

Chhawla Gangrape Case: दिल्ली के चर्चित छावला गैंगरेप कांड में पीड़िता के परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दाखिल की। पीड़िता के पिता की तरफ से याचिका दाखिल की गई। 7 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन दोषियों को बरी कर दिया था, जबकि हाईकोर्ट और निचली अदालत ने इन्हें फांसी की सजा सुनाई थी। शीर्ष अदालत के फैसले से पूरे देश हतप्रभ रह गया था। विशेषकर पीड़िता के परिजनों को जोरदार झटका लगा था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल भी उठे। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने कुछ दिनों पहले ही दिल्ली पुलिस को रिव्यू पिटीशन दायर करने की मंजूरी दे दी थी। अदालत के फैसले से आहत पीड़िता के पिता ने सर्वोच्च न्यायालय पर सबूतों की अनदेखी करने का आरोप लगाया था। 10 साल तक केस चलने के बाद रेप के दोषियों को कोर्ट से बरी मिलना जख्म को कुरेदने जैसा है।

क्या है छावला गैंगरेप केस

साल 2012 दिल्ली के चर्चित निर्भया केस को लेकर काफी सुर्खियों में रहा था। क्योंकि उस साल दिल्ली की सड़कों पर बड़ा आंदोलन चला था और संसद को कठोर कानून पास करने पड़े थे। उसी साल निर्भया जैसी ही एक और वीभत्स वारदात हुई थी। उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले की रहने वाली एक लड़की के साथ दरिंदों ने हद दर्जे की हैवानियत की थी। लड़की का गैंगरेप करने के बाद उसके शरीर को सिगरेट और गर्म लोहे से दागा गया था। उसके चेहरे और आंखों पर तेजाब डाला गया था।

पीड़िता दिल्ली के छावला इलाके में रहती थी। घटना वाले दिन गुरूग्राम के साइबर सिटी से काम करके लौट रही थी। तभी रास्ते में घर के पास तीन लोगों ने कार से उसे अगवा कर लिया और उसके साथ दरिंदगी की। लड़की के घर नहीं लौटने से परेशान माता-पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। तीन दिन बाद लड़की का शव जली-गली हालत में रेवाड़ी के पास मिला।

पुलिस ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों रवि, राहुल और विनोद नामक को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि लड़की ने रवि से शादी करने से मना कर दिया था, जिससे नाराज होकर उसने दोस्तों को साथ मिलकर इस जघन्य वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में निचली अदालत और दिल्ली उच्च न्यायालय ने तीनों को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों के विरूद्ध अपराध से जुड़े ठोस सबूत का अभाव होने का हवाला देते हुए तीनों को रिहा कर दिया था।

Deepak Kumar

Deepak Kumar

Next Story