तस्वीरें बयां करती हैं कई राज, फोटोग्राफर डालते हैं इनमें अल्फाज

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Published on: 19 Aug 2016 7:08 AM GMT
तस्वीरें बयां करती हैं कई राज, फोटोग्राफर डालते हैं इनमें अल्फाज
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लखनऊ: बिना कुछ कहे सब बोल जाती हैं तस्वीरें,

होते नहीं अल्फाज फिर भी कह जाती हैं तस्वीरें,

रोते हुए की मुस्कराहट बन जाती हैं,

तो कभी हंसते हुए को भी रुला देती हैं तस्वीरें।

WORLD PHOTOGRAPHY DAY

पर क्या कभी आपने सोचा है कि इन तस्वीरों को बिना शब्दों के बोलने को मजबूर कौन करता है? कौन है जो एक बेजुबान सी तस्वीर को हजारों अल्फाजों में पिरो देता है? वह कोई और नहीं, हाथों में कैमरा लिए हुए धूप हो छांव, गर्मी हो या ठंडी, हर मौसम को झेलने वाला फोटोग्राफर होता है। जो अपने व्यूवर्स के लिए ऐसी फोटोज खींचता है, जिसे देखने के बाद खुद व्यूवर्स भी दांतों तले उंगली दबा लेते हैं।

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कहते हैं कि जैसे नकली पंख लगाने से कौवा मोर नहीं बन जाता है या सिर्फ सफ़ेद रंग पाने से बगुला हंस नहीं बन जाता है, ठीक वैसे ही हाथों में कैमरा होने से कोई फोटोग्राफर नहीं बन जाता है। आज का समय टेक्नोलॉजी का समय है। हर किसी के पास मोबाइल है और उसमें कैमरा है लेकिन वो नजरिया जो एक फोटो को अलग ही पहचान दे सके, वह तो केवल एक फोटोग्राफर के पास ही मिल सकता है।

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सोशल मीडिया के किसी भी कोने में चले जाइए। फिर वह चाहे फेसबुक हो, ट्विटर हो, व्हाट्सएप्प हो, हर तरफ बस फोटोज ही फोटोज दिखाई देती हैं। लेकिन असली फोटोज तो वो होती हैं, जिन पर एक ही बार में नजरें ठहर जाएं, जिन्हें देखकर इंसान एक बार रुकने को मजबूर हो जाए।

WORLD PHOTOGRAPHY DAY

फोटोग्राफी केवल स्टार्स के लिए ही नहीं होती है। किसी को वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफी पसंद होती है। तो किसी को नेचर की, कोई देश की प्रॉब्लम्स को सामने लाने की कोशिश करता है। तो कोई जिंदगी को जीने का जरिया बना लेता है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो शौकिया इसमें खूब आजमाते हैं। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के इस मौके पर हम आपको बताना चाहते हैं कि एक तस्वीर को खींचना आसान काम नहीं होता है?

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एक फोटोग्राफर को क्या-क्या पापड़ बेलने होते हैं, यह उससे बेहतर कोई नहीं समझता है? मीडिया के फोटोग्राफर की बात ही अलग है ये अपने-अपने संस्थानों के लिए अलग फोटोज लाने में दिन-रात एक कर देते हैं। कब कौन सी घटना हो जाए, बस दौड़ पड़ते हैं। अपने कैमरे के साथ ये फोटोग्राफर की तस्वीरें हो होती हैं, जो रीडर्स को ख़बरों पर रुकने के लिए मजबूर करती हैं। वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर तो जान को जोखिम में डालकर जंगल और उससे जुड़ी तस्वीरें खींचते हैं।

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कहते हैं कि एक फोटोग्राफर तस्वीर में आवाज डालने का काम करता है। कभी-कभी जो काम अल्फाज नहीं करते हैं, वह तस्वीरें कर देती हैं। इन फोटोग्राफर का सेंस ऑफ ह्यूमर कमाल का होता है। वर्ल्ड फोटोग्राफी डे के इस मौके पर सभी फोटोग्राफर्स को हम बधाई देते हैं।

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