Year Ender 2022: साल 2022 के जघन्य अपराध, जिसने देशवासियों की रूह झकझोर कर रख दी..श्रद्धा से अंकिता तक

Year Ender 2022: कई मायने में ये साल सुखद रहा। कई ऐसे अपराध हुए जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया। ऐसे हत्याकांड जिन्हें 'जघन्यतम' की श्रेणी में रखा जाए, तो दो राय नहीं।

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Written By aman
Published on: 17 Dec 2022 2:36 AM GMT
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प्रतीकात्मक चित्र (Social Media)

Year Ender 2022: वर्षांत आ गया। कई मायने में ये साल सुखद रहा तो कई ऐसे अपराध हुए जिसने मानवता को झकझोर कर रख दिया। इस वर्ष कई ऐसे हत्याकांड हुए जिन्हें 'जघन्यतम' की श्रेणी में रखा जाए, तो दो राय नहीं। ये साल जब समाप्त होने की तरफ बढ़ चला था कि तभी श्रद्धा वॉकर मर्डर केस ने देश को हिलाकर रख दिया। लोगों को ये समझ नहीं आ रहा था कि कोई इतना निर्दयी हो कैसे सकता है? श्रद्धा के शरीर के 35 टुकड़ों की पहेली अभी तक नहीं सुलझ पाई। मगर, इसी कड़ी में कई और क्राइम रहे जिन्होंने सुर्खियां बटोरी। श्रद्धा के अलावा, अंकिता मर्डर केस, भागलपुर में दिनदहाड़े एक महिला के स्तन काट देने की घटना हो या झारखंड की अंकिता सिंह की एकतरफा प्यार में जलाकर हत्या। इन मामलों ने लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा।

इन हत्याकांडों में हत्यारों की क्रूरता, निर्दयता, अमानवीयता उनका मनोविज्ञान सभी पक्ष सामने आया। भागलपुर में एक महिला ने विशेष समुदाय के एक शख्स को अपनी किराना दुकान पर बैठने से मना किया। उस व्यक्ति ने उसे अपना अपमान मानते हुए बीच सड़क काट डाला। महिला के हाथ, कान स्तन तक को निर्दयता से काटा। इसी तरह, उत्तराखंड का अंकिता भंडारी मर्डर केस भी सुर्ख़ियों में रहा। ये मामला बीजेपी के एक बड़े नेता के बेटे से जुड़े होने के कारण राजनीतिक भी रहा।


प्यार-धोखा-फरेब और हत्या की कहानी (Shraddha Murder Case)

साल 2022 के आखिर में हुए श्रद्धा वॉकर मर्डर केस ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। इस हत्याकांड में पुलिस अभी भी खाक छान रही है। सबूतों की तलाश जारी है। मृतका श्रद्धा वॉकर अपने लिव-इन-पार्टनर आफताब अमीन पूनावाला के साथ दिल्ली के महरौली इलाके में रह रही थी। दिल्ली पुलिस ने हत्याकांड के करीब 6 महीने बाद आरोपी शख्स को गिरफ्तार किया। दरअसल, आफताब और श्रद्धा की दोस्ती मुंबई के एक कॉल सेंटर में साथ-साथ काम करने के दौरान हुई थी। ये दोस्ती धीरे-धीरे प्यार में बदल गई। श्रद्धा के पारिवारिक विरोध के बाद दोनों दिल्ली आकर रहने लगे थे।

श्रद्धा लंबे समय तक रिलेशन में रहने के बाद अपने प्रेमी से शादी की जिद करने लगी थी। मगर, आफ़ताब हमेशा कोई न कोई बहाना बना देता। इसी मुद्दे पर दोनों में झगड़ा होने लगा। अचानक एक दिन श्रद्धा गायब हो गई। किसी को उसका कोई पता नहीं चला। 6 महीने से गायब श्रद्धा के पिता विकास मदान वॉकर ने दिल्ली के महरौली थाने में केस दर्ज करवाया। पिता ने आरोप लगाया था कि, आफताब ने उनकी बेटी को अगवा किया। शादी का झांसा देकर श्रद्धा को मुंबई से दिल्ली लाया था। गिरफ़्तारी के बाद आफताब ने जो कहानी पुलिस को बताई उससे सभी सन्न रह गए। उसने बताया वो श्रद्धा वॉकर का कत्ल कर चुका था। उसने ना केवल उसकी हत्या की, बल्कि उसकी लाश को 35 टुकड़ों में काटकर कुछ अलग तरीके से ठिकाने लगाया। उस शातिर हत्या आरोपी ने कानून के शिकंजे से बचने के लिए श्रद्धा की लाश के कई टुकड़े कर वो कई दिनों तक दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में फेंकता रहा। इस तरह, उसने अपनी लिव-इन-पार्टनर को बेरहमी से मौत के घाट उतारा। आफ़ताब इस जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आराम से जीवन जी रहा था। उसे तनिक भी ये अंदाजा नहीं था कि कानून एक दिन उसके गिरेबान तक आ पहुंचेगी।


अंकिता भंडारी हत्याकांड (Ankita Bhandari Murder Case)

उत्तराखंड के अंकिता भंडारी हत्याकांड ने भी खूब सुर्खियां बटोरी। धर्मनगरी ऋषिकेश के एक रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। पौड़ी जिले (Pauri district) के यमकेश्वर में गंगा भोगपुर में वनतारा रिजॉर्ट में अंकिता काम करती थी। वो वहां बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। 18 सितंबर 2022 की रात वह अचानक गायब हो गई। उसकी तलाश शुरू हुई। अंकिता भंडारी गुमशुदगी मामले में पांच दिन बाद यानी 23 सितंबर को पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। आरोपियों की निशानदेही पर अंकिता का शव 24 सितंबर को एक नहर से बरामद हुआ। मुख्य आरोपी बीजेपी के एक बड़े नेता का बेटा है। जिसके बाद कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। अंकिता पर रिजॉर्ट में आने वाले वीआईपी मेहमानों को 'स्पेशल सर्विस' देने का दबाव बनाया जा रहा था। गहन जांच के बाद अंकिता के आरोपों की पुष्टि भी हुई। इसकी तस्दीक उसके व्हाट्सएप चैट से हुई। मैसेज में अंकिता भंडारी ने अपने दोस्त को लिखा था, 'मैं गरीब हो सकती हूं, मगर 10 हजार रुपए के लिए खुद को बेचूंगी नहीं।'

अंकिता भंडारी की हत्या कथित रूप से वनतारा रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, प्रबंधक सौरभ भास्कर तथा सहायक प्रबंधक अंकित गुप्ता के साथ मिलकर की थी। पुलिसिया पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि, ऋषिकेश के पास चीला नहर में धकेल कर उन लोगों ने अंकिता की हत्या कर दी थी। अंकिता मामले में जेल में बंद आरोपियों पर पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट के तहत केस दर्ज किया। अंकिता के बाद पूरा उत्तराखंड सुलग गया था। इस मामले की तपिश इतनी बढ़ी कि नई-नई बनी पुष्कर सिंह धामी सरकार बैकफुट पर आ खड़ी हुई। इसके पीछे बड़ी वजह आरोपियों के संबंध बीजेपी से होना सामने आया था। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पूर्व मंत्री डॉ. विनोद आर्य का बेटा है। चूंकि, अंकिता बेहद मेहनती लड़की थी। उसके सपने भी आम लड़कियों की तरह थे। गरीब परिवार से आने के बावजूद उसने रिजॉर्ट संचालक द्वारा 'गलत काम' का दबाव बनाए जाने का विरोध किया। लोगों का गुस्सा एक आम लड़की की बेरहम हत्या पर जमकर फूटा।


अंकिता सिंह को जलाया,...फिर हंसा भी

अगस्त 2022 में झारखंड के दुमका जिले में 12वीं की एक छात्रा अंकिता सिंह की हत्या (Dumka Ankita Death Case) कर दी गई। सोती अंकिता को शाहरुख नामक शख्स ने पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। अंकिता रोती-चिल्लाती घर के बाहर भागी। पिता सहित अन्य ने अस्पताल में भर्ती करवाया। कई दिनों तक अस्पताल में जिंदगी और मौत से संघर्ष करने के बाद अंकिता ने 29 अगस्त 2022 को दम तोड़ दिया। अंकिता को जब अस्पताल लाया गया था, तभी वो 90 फीसदी तक जल चुकी थीं। एक सिरफिरे की आवारगी की कीमत अंकिता सिंह ने अपनी जान की कीमत अदा कर चुकायी। अंकिता दुमका के जिस जरूआडीह मोहल्ले में रहती थी, उसमें हिंदू और मुस्लिम समुदाय की मिश्रित आबादी है। उसके पिता एक बिस्किट कंपनी में सेल्समेन हैं। मां का पहले ही देहांत हो चुका था।

वहीं दूसरी तरफ, आरोपी शाहरुख को अंकिता को आग के हवाले करने का कोई गम नहीं था। दरअसल, दुमका पुलिस जब शाहरुख को पेशी के लिए ले जा रही थी उस दौरान उसकी हंसी ने लोगों के गुस्से को और भड़का दिया। पुलिस की गिरफ्त हंसता आरोपी बेफिक्र था। उसे इतनी बड़ी वारदात का कोई गम नहीं था। आरोपी की हंसी बता रही थी कि एकतरफा प्यार में 'सनकी आशिक' को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है। इस घटना के बाद भी सूबे की सियासत गरमाई। आरोपी पर सख्त कार्रवाई को लेकर कई संगठनों ने प्रदर्शन किए। अंकिता की मौत के बाद दुमका में भारी तनाव रहा। प्रशासन को धारा- 144 लगाना पड़ा। अंकिता के अंतिम संस्कार से पहले परिजनों तथा स्थानीय लोगों ने उसकी शवयात्रा भी निकाली। इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती रही।


भागलपुर में बीच सड़क महिला के काटे हाथ, स्तन और कान

कांडबिहार के भागलपुर जिले में श्रद्धा मर्डर केस से भी ज्यादा रूह कंपा देने वाली एक वारदात सामने आई। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना उसे लगा, आखिर कोई इतना निर्मम हो कैसे सकता है? भागलपुर के पीरपैंती की रहने वाली नीलम देवी (Nilam Devi) की हत्या शकील नामक एक शख्स ने अपने भाई के साथ मिलकर अंजाम दिया। आरोपी शकील ने नीलम को धक्का देकर गिराया और उसके बाद शरीर से एक-एक अंग को काटना शुरू किया। धारदार हथियार से शकील ने महिला के स्तन काटे। फिर उसके दोनों हाथ, कान सहित अन्य अंगों को काटने लगा। शकील मृतका के पैर भी काटना चाहता था, लेकिन ऐसा कर नहीं पाया। दरअसल, ये मामला शकील के चरित्र से जुड़ा था। आरोपी शकील ने जिस नीलम देवी की हत्या की, उसके पति ने बताया कि, शकील उसी गांव का निवासी है जहां उसके किराने की दुकान है। नीलम के पति अशोक ने शकील पर आरोप लगाया था कि उसका चरित्र ठीक नहीं है। उन्होंने बताया कि, शकील आए दिन नीलम के पास बैठा जाया करता था। बिना काम के भी वो घंटों बैठा रहता था। दरअसल, नीलम भी किराने की दुकान चलाने में अपने पति का हाथ बंटाती थी। नीलम जब दुकान पर होती थी तो शकील दुकान पर आकर बैठ जाया करता था।

मृतका के पति ने बताया, कि हत्या के एक दिन पहले नीलम ने शकील से बातों-बातों में कहा था, तुम्हारा चरित्र सही नहीं है। तुम मेरी दुकान पर मत आया करो। नीलम को बिना काम शकील के उसके दुकान पर घंटों बैठना अच्छा नहीं लगता था। मृतका के पति के अनुसार, इस घटना के बाद शकील ने उसकी दुकान पर बैठना छोड़ दिया। लेकिन, चरित्र पर उठे सवाल को शकील बर्दाश्त नहीं कर पाया। वो अंदर ही अंदर घुटता रहा। जिसका अंजाम नीलम की निर्दयतापूर्ण हत्या के रूप में सामने आया।

श्रद्धा हो या अंकिता भंडारी, नीलम हो या अंकिता सिंह हत्या के इन वारदातों ने लोगों की रूह कंपा दी। इन मामलों में पीड़ित पक्ष जहां आरोपी की घृणित मानसिकता से बिलकुल अंजान था। वहीं, हत्या आरोपी पक्ष किसी भी कीमत पर अपनी मनमानी को उतारू था। हालांकि, इस तरह के मामले में धर्म का एंगल भी आया। पीड़ित और आरोपी पक्ष के जाति-धर्म-समुदाय को खंगाला गया। लेकिन, इस तरह के जघन्य हत्याकांड का किसी से कोई वास्ता नहीं। इन वारदातों ने साल 2022 में देशवासियों के दिलो दिमाग और मन-मस्तिष्क को झकझोर कर रख दिया।

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अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

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