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Jharkhand Trolley Hadsa: हवा में लटके 18 लोगों को बचाया गया, बाकियों को बचाने की जंग जारी
Jharkhand Trolley Hadsa: त्रिकूट पर्वत पर बीते दिन रोपवे की ट्रालियों के टकराने से हुए भयानक हादसे में करीब 20 घंटे से बचाव कार्य जारी है।
Jharkhand Trolley Hadsa: झारखण्ड के सबसे ऊंचे त्रिकूट पर्वत पर बीते दिन रोपवे की ट्रालियों के टकराने से हुए भयानक हादसे में करीब 20 घंटे से बचाव कार्य जारी है। इस दौरान अचानक हुए हादसे में कुछ लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है लेकिन इसके अतिरिक्त अभी भी करीब 48 लोग हवा में लटके ज़िंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं।
झारखण्ड के सबसे ऊंचे त्रिकूट पर्वत पर बीते दिन रोपवे की ट्रालियों के टकराने से हुए भयानक हादसे में करीब 20 घंटे से जारी बचाव कार्य में वायुसेना ने जांबाजी का परिचय देते हुए हवा में अटके 18 लोगों को बचा लिया है।
भारतीय सेना और एनडीआरएफ की टीम द्वारा साझा रूप से यह बचाव अभियान चलाया जा रहा है। सुबह तक की सूचना के मुताबिक त्रिकूट पर्वत के रोपवे पर करीब 18 ट्रलियाँ फांसी हुई थीं, जिनमें सवार करीब 48 फंस गए थे।
यह हादसा बीते दिन का है तथा सुबह तक कि प्राप्त जानकारी के मुताबिक करीब 20 घंटे से करीब 48 लोग हवा में रोपवे की ट्रॉली पर अटके थे। जिसके बाद भारतीय सेना को मदद के लिए बुलाना पड़ा। इस दौरान हवा में फंसे लोगों को ड्रोन की मदद से भोजन-पानी पहुंचाया जा रहा है।
भारतीय वायुसेना द्वारा बेहद ही रणनीति के साथ फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्य हेतु दो MI-17 हेलिकॉप्टर की मदद ली जा रही है। भारतीय वायुसेना ने बेहद ही सूझबूझ का परिचय देते हुए बचाव अभियान की बागडोर संभाली और अभीतक 8 लोगों को सुरक्षित रूप से बचाने में सफलता पाई है।
घंटों से रोपवे में फँसे लोग भयभीत
सेना को बचाव अभियान के लिए बुलाने के बाद हेलीकॉप्टर की मदद से लोगों को बचाने का प्रयास जारी हुआ लेकिन जैसे ही सेना के हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी वैसे ही हेलीकॉप्टर के पंखों की तेज हवा से रोपवे की ट्रालियों सहित उसमें बैठे लोग लड़खड़ाने लगे, जिसके चलते इस योजना को रद्द करना पड़ा।
बचाव दल द्वारा फंसे लोगों को सुरक्षित बचाने के तरीके लगाए ना रहे हैं लेकिन अभीतक सफलता हाथ नहीं लगी है। आपको बता दें कि रोपवे पर करीब 18 ट्रलियाँ फांसी हुई हैं, जिनमें सवार करीब 48 लोगों की जान पर बन आई है।
जानें कैसे हुआ हादसा
बीते दिन रविवार को रामनवमी के अवसर पर त्रिकूट पर्वत पर भारी भीड़ रही, जिसके चलते रोपवे भी पूरी व्यस्तता के साथ संचालित हो रहे थे। इस दौरान 3 ट्रालियों के पत्थर से टकराने के बाद संतुलन बिगड़ने के चलते एक ही समय पर चल रही करीब 24 ट्रॉलियां असंतुलित हो गईं।
जिसके तुरंत बाद कुछ लोगों को सुरक्षित निकाला जा सका लेकिन इस दौरान एक व्यक्ति की मौत हो गई। बीते 20 घंटे से अभी भी कुल 18 ट्रलियाँ हवा में लटकी हुई हैं और उसमें सवार करीब 48 लोगों को बचाने का प्रयास जारी है।