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Jharkhand: CM हेमंत सोरेन की बढ़ी मुश्किलें, विधानसभा की सदस्यता पर लटकी तलवार
Jharkhand News Today: झारखंड के राज्यपाल इस पर फैसला ले सकते हैं। इसके बाद से झारखंड सीएम की विधानसभा सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं।
Jharkhand News Today: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Jharkhand CM Hemant Soren) की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। चुनाव आयोग ने उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द करने पर अपनी राय राज्यपाल रमेश बैस (Governor Ramesh Bais) को भेज दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, दोपहर तक राज्यपाल इस पर फैसला ले सकते हैं। इसके बाद से झारखंड सीएम की विधानसभा सदस्यता पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। बता दें कि सोरेन पर पद के दुरुपयोग का आरोप है।
क्या है पूरा मामला?
हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के पद पर रहते हुए खुद के लिए और अपने भाई के लिए खनन का पट्टा लेने का आरोप है। जिस समय उन्हें पट्टा दिया गया था, उस वक्त खनन मंत्रालय भी उन्हीं के पास था। बीजेपी ने इसे रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल्स एक्ट की धाराओं का उल्लंघन करार देते हुए मुख्यमंत्री की विधानसभा सदस्यता को रद्द करने की मांग की थी। इस मामले में चुनाव आयोग ने जांच कर अपनी राय गुरुवार को राज्य के राज्यपाल को भेज दी है। ऐसे में गेंद अब राज्यपाल के पाले में है। क्योंकि संविधान का अनुच्छेद 192 के तहत, किसी सदस्य को अयोग्य ठहराने के मामले में अंतिम फैसला राज्यपाल को करना होता है।
ऐसे सीएम बने रह सकते हैं सोरेन
लाभ का पद मामले को लेकर काफी पहले से सीएम हेमंत सोरेन की कुर्सी खतरे में होने की बात कही जाती रही है। मीडिया में तो इस बात की भी चर्चा है कि सोरेन की जगह उनकी पत्नी कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाल सकती हैं। लेकिन, राजनीतिक जानकारों की माने तो सोरेन अपनी कुर्सी बचा सकते हैं। यदि हेमंत सोरेन को चुनाव आयोग अयोग्य घोषित कर देता है तो उन्हें इस्तीफा देना होगा। मगर इस्तीफा देकर दोबारा उन्हें विधायक दल का नेता चुना जा सकता है और छह माह के भीतर उप चुनाव लड़कर वह मुख्यमंत्री बने रह सकते हैं। सोरेन अपनी मौजूदा सीट बरहेट से दोबारा चुनाव लड़ सकते हैं, जहां उन्हें कोई खास दिक्कत नहीं आएगी। बता दें, कि झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और राजद की गठबंधन सरकार है। वहीं विपक्ष में बीजेपी और आजसू है।