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Jharkhand: नक्सलियों ने पुल को विस्फोट से उड़ाया, घटनास्थल पर छोड़ा पर्चा
Jharkhand News Today In Hindi: झारखंड पुलिस ने एक बड़ी सूचना दी है कि नक्सलियों ने गत रात दो से ढाई बजे के बीच गिरिडीह (Giridih) के डुमरी पुलिस स्टेशन के तहत एक नवनिर्मित पुल को विस्फोट कर उड़ा दिया है।
Jharkhand News Today In Hindi: झारखंड पुलिस ने एक बड़ी सूचना दी है कि नक्सलियों ने गत रात दो से ढाई बजे के बीच गिरिडीह (Giridih) के डुमरी पुलिस स्टेशन (Dumri Police Station) के तहत एक नवनिर्मित पुल को विस्फोट कर उड़ा (Naxals Blow Up Bridge) दिया है। बारागढ़ पुल (Baragarh Bridge) गिरिडीह और डुमरी को जोड़ता था। फिलहाल इस विस्फोट में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। गौरतलब है कि नक्सली 21 जनवरी से छह दिन का विरोध सप्ताह मना रहे हैं। इसका आह्वान भाकपा माले द्वारा किया गया है।
जानकारी के मुताबिक, विस्फोट इतना जबर्दस्त था कि इसका धमाका काफी दूर तक सुनाई दिया। विस्फोट के बाद पुल पर नक्सलियों ने एक पर्चा भी छोड़ा है जिसमें नक्सलियों ने माओवादी नेता प्रशांत बोस और शीला मरांडी को जेल में बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग की गई है। गौरतलब है कि जिले में नक्सलियों का आए दिन उत्पात देखने को मिल रहा है।
गिरिडीह और डुमरी को जोड़ने के लिए बनाया गया पुल
बारागढ़ा पुल गिरिडीह और डुमरी प्रखंड को जोड़ने के लिए बनाया गया था। जिससे लोगों को आने जाने में सुविधा हो जाती। इस नवनिर्मित पुल का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका था, लेकिन अभी तक संबंधित विभाग को हैंड ओवर नहीं किया गया था। पुल से जोड़ने वाली सड़क का निर्माण कार्य चल रहा है। इस घटना को शनिवार देर रात या रविवार के तड़के अंजाम दिया गया है।
शुक्रवार को भी नक्सलियों ने पीरटांड थाना क्षेत्र के मधुबन और खुखरा थाना क्षेत्र के महुआटांड में जियो कंपनी के दो मोबाइल टावरों को विस्फोट कर उड़ा दिया था। जिससे इलाके में मोबाइल सेवा बाधित हो गयी है। नक्सली प्रशांत बोस और उसकी पत्नी शीला मरांडी को जेल में बेहतर स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं। भाकपा माओवादी 21 जनवरी से छह दिवसीय प्रतिरोध दिवस मना रही है जिसके तहत दूसरे दिन इस घटना को अंजाम दिया गया है।
भाकपा माओवादी ने कहा है कि पोलित ब्यूरो सदस्य प्रशांत बोस और केंद्रीय कमेटी सदस्य उनकी पत्नी शीला मरांडी दोनों जीवन साथी हैं। ये दोनों कई गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं। दोनों को स्वास्थ्य सुविधाएं न दिये जाने के विरोध में संगठन 21 जनवरी से लेकर 26 जनवरी तक प्रतिरोध दिवस और 27 जनवरी को एकदिवसीय बिहार- झारखंड बंद मनाएगा।
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