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48 घंटे अस्पताल में पड़ा रहा कोरोना संक्रमित का शव, मरीजों ने किया जमकर हंगामा
कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरे देश की स्थिति नाजुक दौर से गुजर रही है। लगातार बढ़ते संक्रमण से मृतकों की
रांची। कोरोना वायरस की दूसरी लहर से पूरे देश की स्थिति नाजुक दौर से गुजर रही है। लगातार बढ़ते संक्रमण से मृतकों की संख्या में हर रोज बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में झारखंड भी कोरोना मामलों में पीछे नहीं है। यहां भी कोरोना ने खतरनाक रूप धारण कर लिया है। इस दौरान दुमका में एक व्यक्ति की कोरोना संक्रमण से मौत होने के बाद उसका शव दो दिन से दुमका मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में पड़ा रहा। हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमित को लेकर अस्पताल आए उसके परिवार वाले मरीज की मौत के बाद वहां से चलते बने। जिसके चलते दो दिन से शव पड़े होने को लेकर मरीजों ने अस्पताल में जमकर हंगामा किया। और फिर तब उसे ले जाकर शव को पोस्टमॉर्टम हाउस में रखा गया।
परिवार वाले छोड़कर भागे
बढ़ते कोरोना संक्रमण से लोगों में खौफ का माहौल बना हुआ है। ऐसे में संक्रमण की गिरफ्त में आए लोगों से उनके अपने भी दूरी बनाकर रख रहे हैं। लेकिन हद तो तब पार हो गई, जब कोरोना के कारण मौत की स्थिति में मृतक का शव ले जाकर अंत्येष्टि करने वाला भी कोई अपना नहीं है। ये ताजा मामला दुमका का है। यहां कोरोना संक्रमित को लेकर डीएमसीएच पहुंचे उसके परिजन मौत के बाद उसके शव को वहीं छोड़कर चले गए और उसका शव दो दिन तक वहीं पड़ा रहा।
ऐसे में जानकारी के मुताबिक, दुमका में एक मरीज के परिजन उसे लेकर डीएमसीएच आए थे। लेकिन जब तक डॉक्टर मरीज के स्वास्थ्य की जांच करते, उसकी मौत हो गई। औऱ मौत के बाद परिजन शव वहीं छोड़कर धीरे से चलते बने। फिर लोगों ने एक मरीज के काफी देर से बगैर हलचल कुर्सी पर बैठे होने की जानकारी जब डीएमसीएच प्रशासन को दी और चिकित्सकों ने जांच की तो यह पाया कि उस व्यक्ति की मौत हो चुकी थी।
इस बारे में सिविल सर्जन अनंत झा ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि मृतक के परिजनों का पता नहीं चल पाया है। इसकी अंत्येष्टि के लिए अनुमंडल पदाधिकारी को पत्र लिखकर अनुरोध किया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी महेश्वर महतो ने जानकारी दी कि एसओपी के तहत शव को डिस्पोज करने के लिए दो दिन पहले ही नगर परिषद को पत्र लिखा गया है।