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Social Service Job: समाज सेवा के क्षेत्र में बनाइए अपना करियर
Social Service Job: समाज सेवा की शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है। समाजसेवा विज्ञान में मनोविज्ञान शास्त्र, समाजशास्त्र, विवाह आदि विषयों की व्यावहारिक जानकारी दी जाती है।
Social Service Job: आज के इस व्यस्त एवं कठिन जिंदगी में समस्याओं के जटिल होने से सामाजिक कार्यकर्ताओं की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। पहले यह कार्य शौक के रूप में किया जाता था, परंतु आजकल यह व्यवसाय का रूप ले चुका है। समाजसेवा एक प्रकार की कला है जिसमें विभिन्न साधनों का सही उपयोग कर उन्हें सही लोगों तक पहुंचाना होता है। इसमें सामाजिक समस्याओं , असामाजिक तत्वों, बेरोजगारी, अपंगों एवम साधनों की कमी के कारण उत्पन्न होती हैं को रोकने का प्रयास करते हैं।
समाज सेवा मुख्य रूप से बाहरी क्षेत्र में रहकर करना पड़ता है। इसमें विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलना पड़ता है और लोगों को कानूनी आदि संबंधी सलाह भी देनी पड़ती है। इस क्षेत्र में महिलाओं का स्तर सर्वोच्च है। यह एक प्रकार का व्यावहारिक पेशा है अतः इसमें पुस्तकीय ज्ञान के साथ साथ व्यावहारिक गुणों का मिश्रण कर दूसरों की तरफ अपना ध्यान लगाना पड़ता है।
समाज सेवा की शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है। समाजसेवा विज्ञान में मनोविज्ञान शास्त्र, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र,परिवार शिक्षा, मानव का विकास, विवाह, भौतिक विज्ञान, अपराध शास्त्र आदि विषयों की व्यावहारिक जानकारी दी जाती है। अनेक सरकारी एवं गैर सरकारी एजेंसी समाज सेवा कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर कार्य करती हैं। समाज सेवा सामान्य जिंदगी में करने के लिए किसी डिग्री या प्रशिक्षण की जरूरत नहीं पड़ती। परंतु आज की व्यस्त एवं जटिल जिंदगी में समाज सेवा जैसे महत्वपूर्ण कार्य करने के लिए डिग्री और प्रशिक्षण प्राप्त करना अत्यंत आवश्यक है ताकि उसके कार्यक्रमों को निश्चित दिशा दिया जा सके। देश में इस पाठ्यक्रम को निम्न संस्थानों से किया जा सकता है -
टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान, पो आ 8313, सायन ट्रॉम्बे रोड, देवनार, मुम्बई -400088
दिल्ली विश्वविद्यालय, दिल्ली
लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ
इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, आगरा विश्वविद्यालय, आगरा, यूपी
जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, जामिया नगर, नई दिल्ली
काशी विद्यापीठ, वाराणसी-221002 यूपी
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय,169, रविन्द्र नाथ टैगोर मार्ग, इंदौर, एमपी -452001
श्रम व समाज कल्याण विभाग, पटना विश्वविद्यालय, पटना (बिहार)
गुजरात विद्यापीठ, आश्रम रोड, अहमदाबाद -380014
विश्व भारती , शांति निकेतन, (पश्चिम बंगाल)731235
उत्कल विश्वविद्यालय, वाणी बिहार, भुवनेश्वर (ओडिशा)
मद्रास विश्वविद्यालय , सेटिनरी बिल्डिंग, चंपक चेन्नई (मद्रास)-600005
कर्नाटक विश्वविद्यालय, पवात नगर , धारवाड़ (कर्नाटक) 580003
उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद (एपी)-500007
बैंगलोर विश्वविद्यालय, ज्ञान भारती, बैंगलोर-560056
मदुरई कामराज विश्वविद्यालय, पलकलाई नगर, मदुरै, तमिलनाडु -625021
श्री पद्मावती महिला विश्वविद्यालय, तिरुपति-517502 (आप्र)
केरल विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय डाकखाना, तिरुअन्नतपुरम -695034
आंध्र विश्वविद्यालय, वाल्टेयर (आ प्र)530003
अमरावती विश्वविद्यालय, अमरावती (महाराष्ट्र)
प्रवेश अहर्ता-
समाज सेवा पाठ्यक्रम में डिग्री कोर्स (बैचलर ऑफ सोशल वर्क) के लिए बारहवीं कक्षा पास होना अनिवार्य है तथा मास्टर्स डिग्री (मास्टर इन सोशल वर्क) के लिए स्नातक होना अनिवार्य है। डिग्री कोर्स की अवधि तीन वर्ष तथा मास्टर्स कोर्स दो वर्ष होती है। इन पाठ्यक्रमों में चुनाव लिखित तथा साक्षात्कार के आधार पर होता है।
समाज सेवा के कार्य तीन स्तरों पर किए जाते हैं-
(क) व्यक्तिगत स्तर-इसे केस का कार्य कहा जाता है। इस स्तर पर कार्य करने पर समाज सेवक को किसी व्यक्ति या परिवार से मिलना पड़ता है।
(ख) समूह का कार्य- यह कार्य प्रायः विकलांग व्यक्तियों से या वृद्ध लोगों अथवा ऐसे समूह जिसका आर्थिक एवं सामाजिक स्तर समान होता है और समस्याएं भी समान होती हैं।
(ग) जाति के लोगों का कार्य-इसमें लोगों की समस्याओं पर विचार कर उनकी तह तक पहुंचना होता है।
समाज सेवा के शिक्षण कार्य के दौरान विद्यार्थियों को व्यावहारिक प्रशिक्षण अधिक दिया जाता है। उनसे फील्ड वर्क कराया जाता है ताकि वास्तविक परिस्थितियों में भी वे अपने क्षमताओं को पहचान सकें। मास्टर्स डिग्री के दो वर्षीय कार्यक्रम में एक वर्ष का सामान्य पाठ्यक्रम और एक वर्ष विशेषज्ञता का होता है। विशेषज्ञता के क्षेत्र निम्नलिखित होते हैं:-
-शारीरिक एवं मनोचिकित्सा : - यह लोकप्रिय विशेषज्ञता पाठ्यक्रम मूलतः मानसिक रोगियों से संबंधित है। इस तरह इससे अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, मानसिक स्वास्थ्य संगठनों, क्लीनिकों एवं समाज कल्याण विभाग में रोजगार की पर्याप्त संभावनाएं रहती हैं।
परिवार एवं बाल कल्याण:- इस पाठ्यक्रम का संबंध परिवार तथा बाल कल्याण से संबंधित है और महिलाओं तथा बच्चों से जुड़ा होने के कारण युवतियों में ज्यादा लोकप्रिय है। इससे महिला व बाल कल्याण केन्द्र, परिवार कल्याण मंत्रालय, परिवार नियोजन, अस्पतालों में असीम संभावनाएं रहतीं हैं।
ग्रामीण एवं शहरी समुदाय विकास: इस विशेषज्ञता पाठ्यक्रम द्वारा शहरों एवं गांव में समुचित विकास तथा सामुदायिक विकास करने हेतु प्रशिक्षित किया जाता है।इससे सामुदायिक विकास केंद्रों, सरकारी क्षेत्रों, स्वैक्षिक संगठनों आदि में रोजगार के अवसर होते हैं।
अपराध शास्त्र एवं सुधारात्मक प्रशासन:- इसका संबंध मुख्य रूप से अपराध एवं उससे जुड़े लोगों तथा पीड़ित लोगों से होता है। इसमे अपराध के कारणों तथा अपराधी को समाज के सामने लाने तथा उन कारणों को दूर करने का प्रशिक्षण दिया जाता है।इस पाठ्यक्रम के बाद युवक या युवती जेल या नशा निवारण केंद्र, समाज कल्याण विभाग में रोजगार प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा समाज में मास्टर्स डिग्री प्राप्त करने के बाद व्यक्ति औद्योगिक अथवा कॉरपोरेट सेक्टर में भी नौकरी प्राप्त कर सकता है।