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Karnataka Election 2023: नेतागीरी के लिए पानी का इस्तेमाल
Karnataka Election 2023: बंगलुरू में पानी की किल्लत एक स्थायी समस्या बन चुकी है सो इस महानगरी के मतदाताओं का वोट पाने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
Karnataka Election 2023: कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और जनता को लुभाने के लिए नेताओं द्वारा हर जतन किये जाने लगे हैं। इन्हीं जतन में शामिल है पानी की सप्लाई। दरअसल बंगलुरू में पानी की किल्लत एक स्थायी समस्या बन चुकी है सो इस महानगरी के मतदाताओं का वोट पाने के लिए पानी का इस्तेमाल किया जा रहा है। बंगलुरू जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड में इन दिनों विभिन्न लेवल के नेताओं द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में अधिक पानी की सप्लाई करने की मांग की भरमार हो गई है। लोकल वार्ड नेता से लेकर क्षेत्र के विधायक तक, हर कोई अपने वोटरों को अधिक पानी दिलवा कर उन्हें प्रभावित करना चाहता है।
टिकटार्थी सेटिंग में जुटे
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पानी की ज्यादा सप्लाई की सबसे ज्यादा डिमांड विधायकों या उन लोगों की ओर से हैं जो अपनी पार्टी के टिकट की उम्मीद लगाए हुए हैं। वाटर बोर्ड के अनुसार वह बंगलुरु के लिए प्रति दिन अधिकतम 1,450 मिलियन लीटर कावेरी जल की सप्लाई कर सकता है। अगर कहीं बहुत जरूरत है तो उस इलाके में मुफ्त में पानी के साथ टैंकर भेजा जा सकता है।
ज्यादा देर तक सप्लाई
मांग केवल अतिरिक्त पानी की नहीं है बल्कि आपूर्ति की अवधि बढ़ाने की भी है। कई नेता चाहते हैं कि विशिष्ट क्षेत्रों में सप्लाई को बढ़ाकर तीन घंटे कर दिया जाए। लेकिन ऐसा मुमकिन नहीं है क्योंकि पानी की आपूर्ति स्थिर रहती है।
पुरानी परंपरा
वैसे, बंगलुरू में पार्टियों के बीच निजी पानी के टैंकरों के लिए भुगतान करना और चुनाव से पहले टैंकरों पर पार्टी के प्रतीकों और उम्मीदवारों के नामों को चिपकाकर श्रेय का दावा करना एक आम प्रथा है।
तेजी से विकसित हो रहे इस शहर में रोज़गार के अवसर और बिजनेस करने में आसानी बढ़ी है, लेकिन आज भी लाखों लोग पाइप्ड पानी के लिए संघर्ष करते हैं। लोगों को निजी तौर पर चलने वाले टैंकरों पर निर्भर रहना पड़ता है। पानी के निजी सप्लायर शहर के अंदर और बाहर कुओं से पानी खींचते हैं और इसे घरों तक पहुँचाते हैं। ये भी बहुत बड़ा धंधा बन चुका है। पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने इस मामले में पिछले साल पूरे राज्य में जागरूकता अभियान चलाया था।
स्थिति और खराब होगी
पिछले साल मार्च में एक सर्वेक्षण में चेतावनी दी गई थी कि 2021 में पानी की आपूर्ति में कमी 650 मिलियन लीटर प्रति दिन है, जो कि 2031 तक 1,450 एमएलडी तक जाने की संभावना है। दर्जनों बस्तियों और गांवों को अपनी परिधि में निगल कर, बेंगलुरु का आकार केवल एक दशक में तीन गुना से अधिक 740 वर्ग किलोमीटर हो गया है। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2001 के बाद से शहर की आबादी भी दोगुनी से अधिक बढ़कर लगभग 13 मिलियन हो गई है और 2031 तक 20 मिलियन तक पहुंचने की भविष्यवाणी की गई है। इसलिए कहा जाता है कि बंगलुरू का प्रशासन शहर और इसकी लगातार बढ़ती जरूरतों दोनों में तीव्र वृद्धि के लिए तैयार नहीं है। अब देखना है कि चुनावों में पानी क्या रंग दिखाता है।