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BS Yediyurappa Resignation: येदियुरप्पा पर फंस गया पेंच, नुकसान उठाना पड़ सकता है भाजपा को

BS Yediyurappa Resignation: कर्नाटक के सबसे बड़े समुदाय लिंगायत के नेता येदियुरप्पा को हटाना चुनाव में भाजपा को भारी पड़ सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सबकुछ पार्टी हाईकमान पर छोड़ चुके हैं।

Ramkrishna Vajpei
Written By Ramkrishna VajpeiPublished By Shivani
Published on: 26 July 2021 9:18 AM IST
Karnataka: सीएम येदियुरप्पा की कुर्सी जाना तय, अगस्त तक नेतृत्व में बदलाव संभव!
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मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी संग सीएम बीएस येदियुरप्पा (फोटो साभार- ट्विटर)

BS Yediyurappa Resignation: कर्नाटक (Karnataka) में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर घाटे और मुनाफे का आकलन करने के बाद भाजपा आलाकमान इस नतीजे पर पहुंचता प्रतीत हो रहा है कि येदियुरप्पा के नेतृत्व में ही पार्टी के असंतुष्ट विधायकों का समाधान निकाला जाए क्योंकि कर्नाटक के सबसे बड़े समुदाय लिंगायत के नेता येदियुरप्पा को हटाना चुनाव में भाजपा को भारी पड़ सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा सबकुछ पार्टी हाईकमान पर छोड़ चुके हैं। वह कह चुके हैं कि भाजपा हाईकमान के निर्देश मिलते ही वह उपयुक्त कदम उठाएंगे। उनके बयान से यह संकेत मिलते हैं कि वह इस मामले में तटस्थ हैं।

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फैसला आलाकमान को लेना है। इस दिशा में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह बयान कि येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है और कर्नाटक में सब कुछ ठीक चल रहा है। वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में स्पष्ट संकेत दे रहा है कि भाजपा के पास फिलहाल कोई विकल्प नहीं है। कर्नाटक के मामले पर केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और मंत्री मुरुगेश निरानी के साथ विचार विमर्श के बाद भी हाईकमान अभी तक निर्णय नहीं ले सका है। जिसके बाद संभवना इस बात की बन रही है कि कर्नाटक में येदियुरप्पा के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ा जाए। अलबत्ता उनके मंत्रिमंडल में फेरबदल करके समीकरण दुरुस्त करने की कोशिश की जाए।


भाजपा हाईकमान इस बात का आकलन कर रहा है कि राज्य में सबसे ज्यादा करीब 17 फीसदी वाला लिंगायत समुदाय का कर्नाटक में सबसे ज्यादा दबदबा रखता है। यह समुदाय भाजपा और येदियुरप्पा का पक्का समर्थक है। इसके अलावा राज्य में करीब 35 से 40 फीसदी विधानसभा सीटों की हार-जीत का फैसला इसी समुदाय के हाथ में है।

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नड्डा का यह कहना महत्वपूर्ण है कि पार्टी नेतृत्व को नहीं लगता कि कर्नाटक में कोई नेतृत्व संकट है। नड्डा ने यह बात गोवा दौरे के अंतिम दिन पणजी में कही। इस बीच येदियुरप्पा बेलागावी से राज्य की राजधानी लौट आए हैं। इससे पहले येदियुरप्पा यह कह चुके थे कि उन्हें उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में रविवार शाम तक संदेश मिल जाने की उम्मीद है। कर्नाटक में पिछले कई हफ्तों से नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा छाया हुआ है।


लेकिन येदियुरप्पा कहीं न कहीं आश्वस्त हैं कि उन्हें हटाया नहीं जाएगा इसीलिए जब इस बाबत पूछा गया कि लिंगायत समुदाय के लोग उनके पक्ष मे विशाल सम्मेलन करने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का विश्वास हासिल है।

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