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CJI UU Lalit: कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा से जुड़े मामले से सीजेआई ललित ने खुद को किया अलग

New Delhi: मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित ने शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा के खिलाफ मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया।

Krishna Chaudhary
Published on: 14 Oct 2022 3:24 PM IST (Updated on: 14 Oct 2022 4:05 PM IST)
CJI Lalit drops case related to former Karnataka CM Yeddyurappa
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कर्नाटक के पूर्व सीएम येदियुरप्पा से जुड़े मामले से सीजेआई ललित ने खुद को किया अलग: Photo- Social Media

New Delhi: मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित (CJI UU Lalit) ने शुक्रवार को कर्नाटक के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा (BS Yediyurappa) के खिलाफ करप्शन के आरोप के मामले में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के केस की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया। सीजेआई यूयू ललित ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई नहीं कर सकते हैं। मामले को नई पीठ के सामने लाया जाएगा। दरअसल, यह पूरा मामला गंगेनहल्ली में 1.11 एकड़ भूमि को गैर –अधिसूचित करने से संबंधित है, जो शहर के आरटी नगर में मातादहल्ली लेआउट (Matadahalli Layout) का हिस्सा है।

इसमें कर्नाटक के एक और पूर्व सीएम और जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी और अन्य आरोपी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता जयकुमार हिरेमठ की शिकायत के आधार पर लोकायुक्त पुलिस ने साल 2015 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आरोपियों के विरूद्ध मामला दर्ज किया था।

सीजेआई ने खुद को केस से अलग करने का ऐलान किया

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, येदियुरप्पा और पूर्व मंत्री मुरूगेश निरानी द्वारा इस संबंध में कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सीजेआई ललित और जस्टिस हेमंत गुप्ता की पीठ के समक्ष याचिका दायर की गई थी। इस पर आज सुनवाई के दौरान सीजेआई ने खुद को इस केस से अलग करने का ऐलान किया।

उन्होंने कहा, मैं इस मामले को नहीं ले सकता। इसे उस बेंच के सामने सुचीबद्ध करें, जिनका मैं सदस्य नहीं हूं। मुझे कुछ कठिनाई है, मैं इस मामले को नहीं ले सकता। सीजेआई ललित इससे पहले भी किसी केस की सुनवाई में शामिल होने से मना कर चुके हैं।

अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद से भी ललित खुद हट गए थे

जनवरी 2019 में अयोध्या में रामजन्म भूमि विवाद का फैसला करने वाली संवैधानिक पीठ से सीजेआई ललित खुद हट गए थे। उन्होंने तर्क दिया था कि वह इस मामले में साल 1997 में यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह के वकील रह चुके हैं, इसलिए वह इस बेंच का हिस्सा नहीं बनेंगे।



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Shashi kant gautam

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