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Halal Meat Controversy: भारत है हलाल मीट का विश्व में दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक, लेकिन इन देशों में बैन है हलाल मीट

Halal Meat Controversy: ये विधेयक ऐसे समय में लाया जा रहा है जब राज्य की राजनीति में हिजाब विवाद समेत अन्य मुद्दों को लेकर जबरदस्त सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माहौल है।

Krishna Chaudhary
Published on: 20 Dec 2022 4:32 PM IST
Halal Meat Controversy
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Halal Meat Controversy (Social Media)

Halal Meat Controversy: कर्नाटक की भारतीय जनता पार्टी सरकार शीतकालीन सत्र में हलाल मीट के खिलाफ विधेयक ला रही है। ये विधेयक ऐसे समय में लाया जा रहा है जब राज्य की राजनीति में हिजाब विवाद समेत अन्य मुद्दों को लेकर जबरदस्त सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का माहौल है। हलाल मीट पर बैन लगाने के लिए भाजपा विधायक एन रविकुमार प्राइवेट बिल पेश करने वाले थे। इस संबंध में उन्होंने राज्यपाल थावरचंद गहलोत को खत भी लिखा था। हालांकि, अब वह इसे सदन के अंदर एक विधेयक के रूप में पेश करना चाहते हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम बसवराज बोम्मई और भाजपा के सभी विधायकों ने इस पर अपनी सहमति दे दी है। वही, विपक्षी दल कांग्रेस ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है।

कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर चुनाव से पहले हिंदुत्व का कार्ड खेलने का आरोप लगाया है। सदन में विपक्ष के नेता बीके हरिप्रसाद ने कहा कि वे विधानसभा अध्यक्ष से हलाल मांस पर निजी विधेयक को पेश करने की अनुमति न देने की मांग करेंगे।

हलाल मीट को लेकर पुराना है विवाद

कर्नाटक में हलाल मीट को लेकर विवाद नया नहीं है। इस पर विवाद उगादि फेस्टिवल से शुरू हुआ। हिंदू जागृति मंच, श्रीराम सेना और बजरंग दल जैसे हिंदुवादी संगठनों ने सड़कों पर इसके खिलाफ जोरदार मुहिम चलाई।

मुसलमानों की दुकान से हलाल मीट न खरीदने की अपील की गई। मीट बेचने वाली दुकानों को डिस्प्ले बोर्डों से हलाल हटाने को भी कहा गया। इतना ही नहीं बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि ने हलाल मीट बेचने को आर्थिक जिहाद तक करार दे दिया था।

पिछले साल दिसंबर में हलाल बनाम झटका मीट का विवाद तब सुर्खियों में आया था, जब राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग ने होटल में परोसे जाने वाले मीट को लेकर पंजाब सरकार को दिशा – निर्देश जारी किया था।

आयोग ने राज्य सरकार से कहा था कि वह अपने राज्य के होटलों और रेस्तरां मालिकों को आदेश दें कि परोसे जाने वाले मांस झटका हैं या हलाल, इसका साफ तौर पर जिक्र करें। आयोग ने कहा था कि ऐसी बातें संज्ञान में आ रही हैं कि पंजाब के होटलों में ग्राहकों को हलाल मांस परोसा जा रहा है,जो कि सिख धर्म में प्रतिबंधित है।

क्या है हलाल और झटके का विवाद ?

हलाल और झटका दरअसल मीट के लिए जानवर को जिबह करने के तरीके हैं। हलाल जिसमें जानवर के गर्दन को रेतते हुए धीरे-धीरे काटा जाता है जबकि झटके में गर्दन को एक बार में ही काट दिया जाता है।

मुस्लिम धर्म में हलाल मीट के बजाय दूसरे तरीके से काटे गए जानवर का मीट खाना धर्म के विरूद्ध है। जबकि सिख धर्म में हलाल मीट को प्रतिबंधित माना गया है।

किन देशों में बैन है हलाल मीट

ऐसा नहीं है कि हलाल मीट पर केवल भारत में ही हायतौबा मचा है। पश्चिमी देशों में भी इसके विरूद्ध आवाजें उठ चुकी हैं। जिसके कारण कई देशों में हलाल मीट पर बैन भी लगाया गया है।

कई यूरोपीय देश जिनमें बेल्जियम, जर्मनी, नीदरलैंड, स्पेन, ग्रीस, साइप्रस और आस्ट्रिया में इसके खिलाफ कानून बन चुके हैं। बेल्जियम ने पिछले साल ही यानी 2021 में इसके खिलाफ कानून बनाया था।

हलाल मीट के निर्यात में भारत दूसरे नंबर पर

हलाल मीट का विश्व में भारत दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। स्टेट ऑफ द ग्लोबल इस्लामिक इकोनॉमी रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में हलाल मीट का सबसे बड़ा निर्यातक ब्राजील है। 2020-21 में लैटिन अमेरिकी देश ने 16.2 अरब डॉलर का मीट निर्यात किया था।

वहीं, भारत ने 14.2 अरब डॉलर का हलाल फूड निर्यात किया था। हालांकि, भारत सरकार के पास मीट निर्यात को लेकर कोई आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। ना ही सरकार वर्तमान में कोई ऐसा सर्टिफिकेट देती है, जिससे पता चले कि मांस हलाल है या झटका।

वाणिज्य मंत्रालय के अधीन आने वाले एग्रीकल्चरल एंड प्रोसेस्ड फूड एक्सपोर्ट डेवलपमेंट अथॉरिटी (APEDA) के मुताबिक, भारत से दुनिया के 70 देशों में मीट और अन्य एनिमल प्रोडक्टस का निर्यात होता है।

विश्व में सबसे अधिक डिमांड बीफ यानी भैंस के मांस की है। एपीडा के अनुसार, भारत द्वारा निर्यात किए जाने वाले मांस में 90 प्रतिशत हिस्सा भैंसे के मांस का होता है। गाय के मांस के निर्यात पर भारत में रोक है। हॉन्गकॉन्ग, वियतनाम, मलेशिया, इजिप्ट और इंडोनेशिया भारत से सबसे अधिक भैंस के मांस का निर्यात इन्हीं देशों में होता है।



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Durgesh Sharma

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