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कर्नाटक में तेज हुआ हिजाब का विवाद, श्रीराम सेना ने दी पाकिस्तान जाने की सलाह, हाईकोर्ट पहुंचा मामला
कर्नाटक में शिक्षा संस्थानों में हिजाब और बुर्का पहनने को लेकर पैदा हुआ विवाद और तूल पकड़ता जा रहा है। अब छात्राओं ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर हिजाब पहनने की आजादी मांगी है।
नई दिल्ली: कर्नाटक में शिक्षा संस्थानों में हिजाब और बुर्का पहनने को लेकर पैदा हुआ विवाद लगातार तेज होता जा रहा है। अब यह मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है और छात्राओं ने इस बाबत दायर याचिका में कॉलेज कैंपस में हिजाब पहनने की आजादी मांगी है। उनकी दलील है कि इस्लाम में हिजाब पहनना अनिवार्य है। इसलिए उन्हें कैंपस के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए। हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख तय की है।
दूसरी ओर श्रीराम सेना (Shri Ram Sena) के नेता प्रमोद मुतालिक (Pramod Muthalik) ने कहा है कि जो लोग यहां पर हिजाब और बुर्का पहनने की अनुमति मांग रहे हैं, उन्हें पाकिस्तान (Pakistan) चले जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैंपस में जाने वाले छात्र-छात्राओं को नियमों का पालन करना ही होगा।
मौलिक अधिकारों का हनन बताया
दरअसल कर्नाटक में हिजाब को लेकर पैदा हुए विवाद की शुरुआत पिछले दिनों उडुपी से हुई थी। उडुपी में हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचने वाली सात छात्राओं को कैंपस में प्रवेश करने से रोक दिया गया था। कॉलेज प्रशासन का कहना था कि हिजाब पहनकर कॉलेज कैंपस में एंट्री नहीं दी जाएगी। कॉलेज प्रशासन के इस रुख के खिलाफ कुछ छात्राओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में तर्क दिया गया है कि उन्हें हिजाब पहनकर कॉलेज कैंपस में जाने की अनुमति दी जानी चाहिए क्योंकि इस्लाम में ऐसा करना अनिवार्य है। उन्होंने कालेज प्रशासन के अनुमति न देने के आदेश को संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन बताया है। इस मामले में कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित की बेंच सुनवाई करेगी हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए 8 फरवरी की तारीख तय की है।
श्रीराम सेना ने बताया आतंकी मानसिकता
दूसरी ओर श्रीराम सेना ने हिजाब और बुर्का पहनकर क्लास करने के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। श्रीराम सेना के नेता प्रमोद मुतालिक का कहना है कि इस देश को पाकिस्तान और अफगानिस्तान बनाने की साजिश रची जा रही है। बुर्का और हिजाब पहनने की मांग करने वाले लोग पाकिस्तान जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हिजाब पहनने की मांग पर जोर देना आतंकवादी मानसिकता के सिवा कुछ नहीं है। ऐसा करने वाले लोगों को शिक्षा संस्थाओं से बाहर किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि घर पर हर किसी को अपनी पसंद के कपड़े पहने की आजादी है मगर जब आप किसी कैंपस में जाते हैं तो वहां के नियमों का पालन करना ही होगा।
उडुपी के विधायक और कॉलेज डेवलपमेंट कमेटी के अध्यक्ष के रघुपति भट ने हिजाब की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाली छात्राओं के साथ बैठक भी की थी। इस बैठक के दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि हिजाब पहनकर क्लास करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।
राज्य के कई जिलों में पैदा हुआ विवाद
जनवरी में कर्नाटक के चिकमगलूर में भी हिजाब पहनने को लेकर खासा विवाद पैदा हो गया था। मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने के विरोध में कुछ छात्रों ने भगवा शाल पहनना शुरू कर दिया था। हिजाब को लेकर पैदा हुआ विवाद अब कर्नाटक के कई और जिलों में भी दस्तक दे चुका है। कई अन्य जिलों की शिक्षा संस्थाओं में भी छात्राओं के हिजाब और बुर्का का विरोध करने के लिए छात्र खुलकर सामने आ रहे हैं।
राज्य में तीन साल पहले भी यह विवाद पैदा हुआ था। उस समय भी मुस्लिम छात्राओं के कक्षाओं में हिजाब पहनकर आने का विरोध किया गया था। इसे लेकर विवाद बढ़ने पर हिजाब पहनकर क्लास करने पर रोक लगा दी गई थी। अब एक बार फिर यह विवाद राज्य के कई जिलों की शिक्षा संस्थाओं में शुरू हो गया है। अब सबकी नजर इस मामले में हाईकोर्ट के रुख पर लगी हुई है।