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क्या बच गई येदियुरप्पा की कुर्सी, नड्ड़ा के बयान बढ़ गया सस्पेंस
Karnataka Politics: कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सस्पेंस गहरा गया है।
Karnataka Politics: कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन के मुद्दे पर सस्पेंस गहरा गया है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा जहां यह कह रहे हैं कि भाजपा हाईकमान के निर्देश मिलते ही वह उपयुक्त कदम उठाएंगे। उनके बयान से यह संकेत मिले थे कि वह कुर्सी छोड़ सकते हैं। येदियुरप्पा ने तो यह भी कह दिया था कि 'मुझे वह सब पद मिले तो कर्नाटक में किसी और को नहीं मिले होंगे।
उसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यीक्ष जेपी नड्डा का आभारी हूं।' लेकिन इस के कुछ ही देर बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा का यह बयान आ गया कि येदियुरप्पा ने अच्छा काम किया है और कर्नाटक में सब कुछ ठीक चल रहा है। इस बयान के बाद ऐसा लगने लगा है कि येदियुरप्पा कुर्सी पर बने रह सकते हैं। हालांकि ऐसा बताया गया है कि कर्नाटक के मामले पर चर्चा के लिए हाईकमान ने केंद्रीय संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और मंत्री मुरुगेश निरानी को दिल्ली बुला लिया है। इससे इस बात की संभावना बन रही है कि हाईकमान अभी तक निर्णय नहीं ले सका है और संभव है कि कर्नाटक मामले पर अंतिम फैसला कल तक आए।
नड्डा का यह कहना महत्वपूर्ण है कि पार्टी नेतृत्व को नहीं लगता कि कर्नाटक में कोई नेतृत्व संकट है। नड्डा ने यह बात गोवा दौरे के अंतिम दिन पणजी में कही। इस बीच येदियुरप्पा बेलागावी से राज्य की राजधानी लौट आए हैं। इससे पहले येदियुरप्पा यह कह चुके थे कि उन्हें उनके राजनीतिक भविष्य के बारे में रविवार शाम तक संदेश मिल जाने की उम्मीद है। कर्नाटक में पिछले कई हफ्तों से नेतृत्व परिवर्तन का मुद्दा छाया हुआ है।
लेकिन येदियुरप्पा कहीं न कहीं आश्वस्त हैं कि उन्हें हटाया नहीं जाएगा इसीलिए जब इस बाबत पूछा गया कि लिंगायत समुदाय के लोग उनके पक्ष मे विशाल सम्मेलन करने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा कि इसकी कोई आवश्यकता नहीं है मुझे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का विश्वास हासिल है।
इस बीच कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद की रेस में तमाम लोगों के नाम लिए जा रहे हैं लेकिन हाईकमान किसी ऐसे शख्स को लाना चाहता है जो कि स्वतंत्र सोच रखता हो और सभी विधायकों को साथ लेकर पार्टी के एजेंडा को आगे बढ़ा सके। इससे पूर्व विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया किसी दलित को अगला मुख्यमंत्री बनाने की सलाह दे चुके हैं।