Karnataka Politics: कर्नाटक कांग्रेस में भी छिड़ी जंग, सीएम चेहरे को लेकर भिड़े सिद्धारमैया और शिवकुमार के समर्थक

Karnataka Politics: पंजाब और राजस्थान के बाद एक और राज्य कर्नाटक कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman TiwariPublished By Shweta
Published on: 27 Jun 2021 9:58 AM GMT (Updated on: 27 Jun 2021 10:03 AM GMT)
सिद्धारमैया और  डीके शिवकुमार
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सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार (डिजाइन फोटो सोशल मीडिया)

Karnataka Politics: पंजाब और राजस्थान के बाद एक और राज्य कर्नाटक कांग्रेस हाईकमान के लिए बड़ी मुसीबत बनता जा रहा है। कर्नाटक में विधानसभा चुनाव तो 2023 में होने हैं मगर वहां अभी से ही पार्टी में मुख्यमंत्री पद के चेहरे को लेकर सियासी जंग शुरू हो गई है। कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और हाईकमान के करीबी माने जाने वाले डीके शिवकुमार और पार्टी के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया के बीच सीएम चेहरे को लेकर अभी से ही खींचतान शुरू हो गई है।

हालांकि प्रत्यक्ष तौर पर दोनों नेता अपने समर्थक विधायकों से खुद को सीएम चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट न करने की बात कह रहे हैं मगर भीतर ही भीतर दोनों नेता इस मुद्दे को हवा देने में भी जुटे हुए हैं। सियासी जानकारों का मानना है कि दोनों नेताओं के समर्थकों के बीच एक-दूसरे को पछाड़ने का खेल शुरू हो गया है।

बता दें कि प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार को कांग्रेस हाईकमान का करीबी माना जाता है और उन्होंने प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा पाल रखी है। हालांकि वे इस मुद्दे पर कुछ भी खुलकर बोलने से परहेज करते रहे हैं। दूसरी ओर सिद्धारमैया के समर्थक विधायक भी खुलकर मैदान में आ गए हैं और उन्हें राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनाने की मुहिम में जुटे हुए हैं।



पार्टी हाईकमान के फरमान के बाद सिद्धारमैया ने इस बाबत सफाई भी पेश की है। उन्होंने अपने समर्थक विधायकों से कहा है कि वे अगले विधानसभा चुनावों के लिए उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में पेश न करें। उन्होंने कहा कि मैंने खुद कभी अगला मुख्यमंत्री बनने की बात नहीं कही है और मैं अपने समर्थक विधायकों से भी अपील करूंगा कि वे इस मुद्दे को लेकर किसी भी प्रकार की बयानबाजी न करें। वैसे सिद्धारमैया के समर्थक विधायकों की ओर से चलाई जा रही मुहिम के कारण डीके शिवकुमार भी नाराज बताए जा रहे हैं।

कांग्रेस नेतृत्व ने किया आगाह

दोनों खेमों की ओर से की जा रही बयानबाजी की शिकायत दिल्ली तक भी पहुंच गई है और कांग्रेस नेतृत्व की ओर से दोनों गुटों को राज्य कांग्रेस के नेतृत्व के मुद्दे पर बयानबाजी से परहेज करने को कहा गया है। कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राज्य के लोगों का कल्याण और प्रगति ही हमारा एकमात्र मकसद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में कुछ लोगों की आदत हो गई है कि वे राज्य के भावी नेतृत्व को लेकर बयानबाजी करते हैं। उन्होंने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि मैं राज्य में नेतृत्व को लेकर बयानबाजी करने वाले लोगों को आगाह करूंगा कि वह इस प्रवृत्ति से बाज आएं। उन्होंने कहा कि उचित समय आने पर कांग्रेस नेतृत्व और विधायक नेतृत्व के मसले पर फैसला लेंगे। इसलिए अभी से किसी भी प्रकार की बयानबाजी का कोई मतलब नहीं है। सुरजेवाला के इस बयान को उन लोगों के लिए चेतावनी माना जा रहा है जो राज्य कांग्रेस के नेतृत्व को लेकर तरह-तरह की टिप्पणियां कर रहे हैं।



इस तरह हुई विवाद की शुरुआत

दरअसल इस पूरे विवाद की शुरुआत सिद्धारमैया के समर्थक कांग्रेस विधायक जमीर अहमद की बयानबाजी के बाद शुरू हुई। उनका कहना था कि सिद्धारमैया कर्नाटक के सिर्फ पूर्व सीएम ही नहीं हैं बल्कि वे भावी सीएम भी हैं। उन्होंने पार्टी से सिद्धारमैया को अगले विधानसभा चुनाव में सीएम पद का चेहरा भी घोषित करने का अनुरोध किया। इसके बाद कांग्रेस के एक और विधायक राघवेंद्र हितमल ने भी जमीर के तर्कों का समर्थन किया और सिद्धारमैया को भावी मुख्यमंत्री बताया। इन दोनों विधायकों की ओर से मुहिम छोड़े जाने के बाद ही सुरजेवाला की टिप्पणी सामने आई है।

शिवकुमार का पार्टी नेताओं को फरमान

हाल में दिल्ली में पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात के बाद बंगलुरु लौटे प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने पार्टी विधायकों को इस तरह की बयानबाजी से बाज आने का फरमान सुनाया है। उन्होंने कहा कि पार्टी के लोगों को किसी को भी सीएम के चेहरे के रूप में प्रोजेक्ट नहीं करना चाहिए क्योंकि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में अगला विधानसभा चुनाव लड़ेगी। उन्होंने सभी को सीमा के भीतर रहकर काम करने की भी चेतावनी दी। शिवकुमार की ओर से भले ही इस तरह का फरमान सुनाया गया है मगर अभी कुछ दिनों पूर्व कांग्रेस के आधिकारिक अकाउंट से ट्वीट किया गया था कि अगर डीके शिवकुमार मुख्यमंत्री होते तो राज्य में कोरोना महामारी पूरी तरह नियंत्रण में होती। इस ट्वीट के बाद सिद्धारमैया के खेमे में नाराजगी फैल गई थी।


दो खेमों में बंटी हुई है कांग्रेस

सिद्धारमैया मुख्यमंत्री के रूप में कर्नाटक में कांग्रेस सरकार की कमान संभाल चुके हैं और उनकी कैबिनेट में डीके शिवकुमार मंत्री थे। शिवकुमार को संकटमोचक के रूप में जाना जाता है और वे कई नाजुक मौकों पर पार्टी को संकट से बाहर निकाल चुके हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस नेतृत्व के फरमान के बावजूद पार्टी सिद्धारमैया और शिवकुमार के खेतों में बंटी दिखाई दे रही है। माना जा रहा है कि चुनाव नजदीक आने के साथ दोनों गुटों के बीच सियासी जंग और तीखी हो जाएगी।

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