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Karnataka: विधान परिषद के सभापति बसवराज होराती ने दिया इस्तीफा, BJP में शामिल होने का कर चुके थे ऐलान
Karnataka: बसवराज होराती ने विधान परिषद के सभापति के तौर पर अपना इस्तीफा दे दिया है। वह बीते साल फरवरी 2021 में कर्नाटक विधान परिषद के सभापति निर्वाचित हुए थे।
Karnataka Politics: कर्नाटक में जारी सियासी उथलपुथल के बीच विधान परिषद के सभापति बसवराज होराती (Basavaraj Horatti) ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। 76 वर्षीय होराती राज्य के दिग्गज सियासी चेहरों में शुमार हैं। सबसे सीनियर विधान पार्षद माने जाने वाले होराती को उत्तरी कर्नाटक में जनता दल(एस) (Janata Dal (Secular) के एक प्रमुख लिंगायत चेहरे के रूप में देखा जाता था।
वह राज्य के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं और बीते साल फरवरी 2021 में कर्नाटक विधान परिषद के सभापति निर्वाचित हुए थे। साल 1980 से लगातार सात बार एमएलसी चुने गए होराती ने जद (एस) के साथ अपना लंबा नाता तोड़ लिया है।
बीजेपी में शामिल होंगे होराती
बसवराज होराती ने हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर बीजेपी में शामिल होने का ऐलान किया था। उन्होंने कहा था कि वो बहुत जल्द बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं। होराती ने कहा था, मैं विधान परिषद के सभापति के रूप में जल्द ही इस्तीफा दे दूंगा। उसके बाद पार्टी में शामिल होने के लिए एक तारीख तय की जाएगी और मैं आगामी चुनाव पार्टी के टिकट पर लड़ूंगा।
पूर्व जेडीएस नेता ने कहा था कि अमित शाह ने मेरे पार्टी में शामिल होने के फैसले पर खुशी जाहिर की और कहा कि मेरे जैसे लोगों के शामिल होने से राज्य में पार्टी को लाभ होगा। बताया जा रहा है कि बीजेपी होराती को आगामी विधान परिषद चुनावों में पश्चिम शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतार सकती है।
कांग्रेस ने साधा था निशाना
विधान परिषद के पद पर रहते हुए बीजेपी में शामिल होने की घोषणा किए जाने को लेकर बसवराज होराती विपक्ष के निशाने पर थे। विधान परिषद में कांग्रेस के नेता बी. के हरि प्रसाद ने कहा था कि संवैधानिक पद छोड़े बिना, भाजपा में शामिल होने की सभापति बसवराज होराती की घोषणा संविधान के साथ धोखा है। किसी ने भी होराती जैसे वरिष्ठ और अनुभवी से ऐसी हरकत की उम्मीद नहीं की थी, उन्हें तत्काल पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
बता दें कि दक्षिण भारत में एकमात्र बीजेपी शासित राज्य कर्नाटक में अगले साल के मध्य में विधानसभा चुनाव (Karnataka Assembly Elections) होने हैं। लेकिन राज्य की सियासी फिजा अभी से गरमाई हुई है। बीजेपी दक्षिण के अपने एकमात्र गढ़ को ढहने से बचाने में जुटी हुई है।
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