TRENDING TAGS :
Karnatka: मंत्रिमंडल की कुर्सी गंवाने वाले ईश्वरप्पा, जाने किन-किन विवादों से रहा गहरा नाता
Karnatka: चर्चित ठेकेदार सुसाइड केस में आखिरकार कर्नाटक के ग्रामीण विकास औऱ पंचायती राज मंत्री के.एस ईश्वरप्पा को अपनी कुर्सी छोड़नी ही पड़ी।
Karnatka: चर्चित ठेकेदार सुसाइड केस में आखिरकार कर्नाटक के ग्रामीण विकास औऱ पंचायती राज मंत्री के.एस ईश्वरप्पा (Rural Development and Panchayati Raj Minister KS Eshwarappa) को अपनी कुर्सी छोड़नी ही पड़ी। एक दिन पहले तक इस्तीफा से साफ इनकार करने वाले ईश्वरप्पा पार्टी हाईकमान के आदेश के बाद मंत्री पद छोड़ने को राजी हुए। दरअसल भाजपा कार्य़कर्ता और ठेकेदार संतोष पाटिल ने सुसाइड करने से पहले एक वाट्सएस मैसेज अपने दोस्त को किया था, जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार ईश्वरप्पा को बताया। यही नहीं इससे पहले उसने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह को खत लिखकर ईश्वरप्पा (Rural Development and Panchayati Raj Minister KS Eshwarappa) की शिकायत की थी।
पाटिल ने अपने खत में ईश्वरप्पा पर अपने द्वारा किए गए काम के लिए 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था। ऐसे में शीर्ष तक उनकी शिकायत पहुंचने के बाद उनके पास पद छोड़ने के अलावा कोई और चारा नहीं बचा था। लिहाजा शुक्रवार को उन्होंने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई से मुलाकात कर अपना त्यागपत्र उन्हें सौंप दिया।
कौन हैं के.एस ईश्वरप्पा
कर्नाटक की राजधानी में के.एस ईश्वरप्पा (Rural Development and Panchayati Raj Minister KS Eshwarappa) एक जाना पहचाना नाम है। दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य जहां बीजेपी सबसे मजबूत है कर्नाटक में वो भगवा दल के पहली पंक्ति के नेता हैं। 74 वर्षीय ईश्वरप्पा राज्य में बीजेपी के उन कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने राज्य में बीजेपी की जड़ें मजबूत की है और उसे इस दक्षिणी राज्य में सत्ता के दहलीज तक पहुंचाया है। ईश्वरप्पा की गिनती पूर्व सीएम और कद्दावर लिंगायत नेता बीएस येदुयरप्पा सरीखे कर्नाटक बीजेपी के पहली पीढ़ी के नेताओं के साथ होती है। संघ की पृष्ठभूमि से आने वाले ईश्वरप्पा राज्य में संगठन औऱ सरकार के कई महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं।
राज्य में प्रभावशाली माने जाने वाली कुरूबा समुदाय से आने वाले ईश्वरप्पा (Rural Development and Panchayati Raj Minister KS Eshwarappa) मुख्यमंत्री की कुर्सी के करीब तक पहुंच चुके हैं। 1970 के दशक में राजनीति शुरू करने वाले ईश्वरप्पा कॉलेज के दिनों में ही एबीवीपी से जुड़ गए थे। उन्हें पहली चुनावी सफलता 1989 में मिली। 1989 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उन्होंने फिर पीछे मुड़कर राजनीति में नहीं देखा। वे लगातार सियासी पायदान चढ़ते रहे है। 74 वर्षीय ईश्वरप्पा कर्नाटक सरकरा में उपमुख्यमंत्री से लेकर, बीजेपी के प्रदेष अध्यक्ष और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं। इसके अलावा वे कई मंत्री पद भी संभाल चुके हैं। बेल्लारी से आने वाले ईश्वरप्पा एक श्रमिक परिवार से निकलकर राज्य की राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है।
विवादों से गहरा नाता
कर्नाटक भाजपा के कद्दावर और पुराने नेताओं में गिने जाने वाले के.एस ईश्वरप्पा (Rural Development and Panchayati Raj Minister KS Eshwarappa) का विवादों से गहरा नाता रहा है। यही वजह है कि तमाम सकारात्मक चीजें होने के बाद भी वे राज्य के शीर्ष सियासी पद यानि मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंच पाए। ईश्वरप्पा ने हाल ही में तब अपनी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी थी, जब उन्होंने कहा था कि एक दिन लाल किले पर तिरंगा के बजाय भगवा झंडा फहराया जाएगा। साल 2015 में जब वह कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के पद पर कार्यरत थे तब उन्होंने रेप को लेकर विवादित बयान दे दिया था।
दरअसल एक महिला पत्रकार ने उनसे सवाल किया था कि क्या विपक्षी भाजपा राज्य में बढ़ रहे अपराधों पर राज्य सरकार को जवाबदेह बनाने के अपने कर्तव्य का पालन करने में नाकाम रही है। इसके जवाब में विधान परिषद में विपक्ष के नेता ईश्वरप्पा ने कहा कि आप महिला हैं।, आप अभी यहां हैं, अगर कोई आपको खींचता है और आपके साथ दुष्कर्म करता है, और हम विपक्षी सदस्य कहीं और हैं। तो हम क्या कर सकते हैं। उनके इस बयान पर तब काफी बवाल मचा था। इसी तरह उन्होंने बॉलीवुड अभिनेत्री ऐश्वर्य़ा राय को लेकर भी एक विवादित बयान दिया था। भाजपा नेता एकबार पार्टी कार्य़कर्ताओं को वोट मांगने के दौरान झूठ बोलने की सलाह देते हुए भी पकड़े जा चुके हैं।
देश और दुनिया की खबरों को तेजी से जानने के लिए बने रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलो करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।