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Karnataka: एक और मस्जिद को लेकर खड़ा हुआ विवाद, बजरंग दल और VHP ने की श्रीरंगपटना की मस्जिद का सर्वे कराने की मांग
Karnataka Latest News : देश में चल रहे मंदिर मस्जिद विवाद के बीच एक नया मामला कर्नाटक से सामने आया है। जहां बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद ने श्रीरंगपटना की मस्जिद का सर्वे कराने का मांग किया।
Karnataka News : उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ मंदिर और मस्जिद का विवाद (Mandir Masjid Controversy) अब कर्नाटक राज्य तक पहुंच गया है। देश में जहां एक और कुतुब मीनार (Qutub Minar), ताज महल (Taj Mahal) मथुरा का शाही ईदगाह (Shahi Idgah) और वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Masjid) परिसर को लेकर विवाद चल रहा है उसी बीच अब कर्नाटक के श्रीरंगपटना स्थित मस्जिद को लेकर भी विवाद शुरू हो गया है। हिंदू संगठन बजरंग दल (Bajrang Dal) तथा विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) की ओर से यह मांग की गई है कि श्रीरंगपटना की मस्जिद का सर्वे कराया जाए।
मंगलौर में भी हुआ मंदिर-मस्जिद विवाद
हाल ही में कर्नाटक के मंगलौर स्थित मनाली जुम्मा मस्जिद को लेकर भी विवाद पैदा हो गया है। जहां मस्जिद के नीचे से मंदिर जैसी आकृति दिखाई देने के बाद पूरे इलाके में तनाव का माहौल बन गया है। मंदिर जैसी आकृति मिलने के बाद हिंदू संगठन बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद द्वारा मस्जिद के बाहर एक विशेष पूजा की गई इस तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए प्रशासन की ओर से पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है।
क्या है पूरा मामला?
कर्नाटक के मंगलौर में मंदिर-मस्जिद का विवाद तब शुरू हुआ जब यहां के गुरुपुरा तालुक इलाके में एक पुरानी मस्जिद के मरम्मत का काम शुरू हुआ। मलाली मार्केट स्थित मस्जिद के मरम्मत के काम के दौरान एक पुराने हिस्से को ढहाया गया। इस दौरान मस्जिद के नीचे से एक मंदिर नुमा हिस्सा देखने को मिला। जब इस मस्जिद के ढहाए गए हिस्से का पूरा मलबा हटाया गया तब वहां कुछ हिंदू संगठनों द्वारा प्रदर्शन किया गया। इस दौरान हिंदू संगठनों द्वारा यह मांग किया गया कि यहां मंदिर को हटाकर मस्जिद बनाया गया है इसलिए यह पूरा परिषद हिंदू पक्ष को सौंप देना चाहिए।
इस मामले को लेकर एक लोकल कोर्ट में याचिका दायर की गई। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मस्जिद से जुड़े सभी दस्तावेजों को कोर्ट में पेश करने के लिया कहा है, साथ ही कोर्ट ने मस्जिद परिसर में चल रही मरम्मत के काम को भी फिलहाल रोक दिया है। हालांकि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है किया जमीन पुराने समय में मस्जिद की थी या मंदिर की है।