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Mandir - Mosque Conflict: ‘अपनी मर्जी से मस्जिद खाली कर दें, वरना गंभीर नतीजे भुगतने होंगे’, भाजपा नेता ईश्वरप्पा का भड़काऊ बयान
Mandir - Mosque Conflict : ईश्वरप्पा ने कहा मथुरा समेत दो और स्थानों पर विवाद चल रहा है। एक बार कोर्ट का फैसला आ जाए, फिर चाहे आज हो या कल, हम मंदिरों के निर्माण के लिए आगे बढ़ेंगे।
Mandir - Mosque Conflict. अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर इन दिनों देश का सियासी तापमान चढ़ा हुआ है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के पक्ष-विपक्ष में जमकर बयानबाजी हो रही है। इस दौरान विवादित और भड़काऊ बयान भी दिए जा रहे हैं। इसी कड़ी में कर्नाटक के पूर्व उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता केएस ईश्वरप्पा ने एक बेहद भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने मुसलमानों से उन मस्जिदों को खाली करने को कहा है, जिसके बारे में दावा है कि उसे मंदिरों को ध्वस्त कर बनाया गया था।
कर्नाटक बीजेपी के फायरब्रांड नेता और अक्सर बयानों के कारण विवादों में रहने वाले ईश्वरप्पा ने रविवार को एक हिंदू कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करने के दौरान कई विवादित बयान दिए। उन्होंने मुसलमानों से कथित तौर पर ध्वस्त हिंदू मंदिर की जमीन पर बनी मस्जिदों को खाली करने के लिए कहा। ऐसा न करने पर गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी।
क्या है ईश्वरप्पा का पूरा बयान ?
ईश्वरप्पा ने कहा मथुरा समेत दो और स्थानों पर विवाद चल रहा है। एक बार कोर्ट का फैसला आ जाए, फिर चाहे आज हो या कल, हम मंदिरों के निर्माण के लिए आगे बढ़ेंगे। इसके बारे में कोई शक नहीं होना चाहिए। उन जगहों के लिए जहां मस्जिदों का निर्माण किया गया है, यह फायदेमंद होगा, अगर आप (मुसलमान) अपनी मर्जी से खाली कर दें, वरना गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। कितने लोग मर जाएंगे और क्या होगा, ये हम नहीं जानते।
मंदिर नष्ट कर बनाई गई एक भी मस्जिद को बख्शा नहीं जाएगा
बीजेपी नेता की ओर इस तरह का ये पहला बयान आया है। बीते माह दिसंबर में उन्होंने कहा था कि देश में मंदिरों को नष्ट कर बनाई गई एक भी मस्जिद को बख्शा नहीं जाएगा। इस देश में ऐसी एक भी मस्जिद नहीं टिकेगी। विवाद की आशंका को देखते हुए उन्होंने कहा था कि ये मेरी निजी राय है, इसका पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है।
ईश्वरप्पा ने आगे कहा था कि 22 जनवरी को पूरी दुनिया की निगाहें अयोध्या पर होंगी। काशी विश्वनाथ मंदिर के मामले पर अदालती कार्यवाही हिंदुओं के पक्ष में है। मथुरा में श्रीकृष्ण मंदिर के सर्वेक्षण का आदेश दे दिया गया है। सब कुछ एक के बाद एक होगा।
राजनीति से सन्यास ले चुके हैं ईश्वरप्पा
कर्नाटक भारतीय जनता पार्टी में पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के बाद सबसे वरिष्ठ नेता के तौर पर जाने जाने वाले केएस ईश्वरप्पा ने बीते साल विधानसभा चुनाव से ऐन पहले राजनीतिक से सन्यास ले लिया था। 75 वर्षीय ईश्वरप्पा बीजेपी में मुख्यमंत्री को छोड़कर बाकी के सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहे। उनका करियर विवादों से भरा रहा है। 2022 में उन्हें मंत्री पद इसलिए छोड़ना पड़ा था क्योंकि एक भाजपा कार्यकर्ता जो कि ठेकेदार ने उनपर मोटा कमिशन मांगने का आरोप लगाते हुए सुसाइड कर लिया था।