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Kerala: केरल सरकार राज्यपाल को यूनिवर्सिटीज के चांसलर पद से हटाने के लिए अध्यादेश लाएगी

Kerala: मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कहा कि सरकार कुलाधिपति पद के लिए शिक्षा क्षेत्र से एक विशेषज्ञ को लाने की भी योजना बना रही है।

Jugul Kishor
Published on: 9 Nov 2022 12:49 PM IST (Updated on: 9 Nov 2022 12:50 PM IST)
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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (Pic: Social Media)

Kerala: केरल में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के द्वारा कुलपतियों का इस्तीफा मांगने का मामला बढ़ता ही जा रहा है। राज्यपाल और सरकार आमने सामने आ गये हैं। केरल सरकार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति पद से हटाने के लिए एक अध्यादेश लाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में कहा कि सरकार कुलाधिपति पद के लिए शिक्षा क्षेत्र से एक विशेषज्ञ को लाने की भी योजना बना रही है।

बता दें कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के रूप में आरिफ मोहम्मद खान ने 11 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसके खिलाफ कुलपतियों ने यह दावा करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था कि नोटिस अवैध व अमान्य है। न्यायमूर्ति देवन रामचंद्रन ने कुलाधिपति को अपना जवाब दाखिल करने के लिए तीन दिन का समय दिया और मामले की आगे की सुनवाई के लिए 17 नवंबर की तारीख तय की है।

केरल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, जो राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं, से कहा कि जब तक अदालत मामले की सुनवाई न करे, उन कुलपतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई न करें, जिन्हें उनके द्वारा कारण बताओ नोटिस दिया गया था।

आरिफ मोहम्मद खान ने अदालत को बताया कि सभी कुलपतियों ने उनके नोटिस का जवाब दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने 21 अक्टूबर को एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति की नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के अनुसार, राज्य द्वारा गठित तलाश समिति को कुलपति पद के लिए अभियांत्रिकी विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के बीच से कम से कम तीन उपयुक्त व्यक्तियों के एक पैनल की सिफारिश करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उसने केवल एक ही नाम भेजा। उस आदेश के आधार पर राज्यपाल ने कुलपतियों के इस्तीफे मांगे थे, जिनके नाम केवल नियुक्ति के लिए अनुशंसित थे। इनमें वे कुलपति भी शामिल थे जिन्हें एक समिति द्वारा चुना गया था, जिसमें राज्य के मुख्य सचिव सदस्य थे। आरिफ मोहम्मद खान ने इसे यूजीसी के नियमों का उल्लंघन बताया था।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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