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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में क्यों जमा किए गए 11 हजार त्रिशूल और 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष
Maha Kumbh 2025: इस महा साधना को स्वरूप देने जा रहे शिव साधक अभय चैतन्य ब्रह्मचारी बताते हैं कि देश के दस हजार गांव के किसानों, गरीब जनता और रेडी पटरी वाले दुकानदारों से भिक्षा लेकर 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियां एकत्र की गई हैं।
Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में एक अनोखे संकल्प को धरातल में उतारने की शुरुआत हुई है। यह संकल्प है 11 हजार त्रिशूल की अद्भुत साधना का जिसके लिए 5 करोड़ से अधिक रुद्राक्ष यहां जमा किए गए हैं। इसकी वजह जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे।
महाकुंभ में 11 हजार त्रिशूल और 5 करोड़ रुद्राक्ष क्यों जमा किए गए
महाकुंभ ने सेक्टर 19 में त्रिशूलों का जखीरा यहां से गुजरने वालों का ध्यान अपनी तरफ खींच रहा है। स्वामी अभय चैतन्य ब्रह्मचारी के शिविर में 11 हजार त्रिशूल का ढेर जमा है। स्वामी अभय चैतन्य ब्रह्मचारी बताते हैं कि भगवान शिव की महा साधना के लिए चार रंगों के 11 हजार त्रिशूल का निर्माण कराया गया है। हर त्रिशूल का अपना धार्मिक संदर्भ है।
इन त्रिशूलों में काले रंग का त्रिशूल आतंकवाद का नाश करने वाला, पीले रंग का त्रिशूल महामारी का शमन करने के लिए, लाल रंग का त्रिशूल वैभव और लक्ष्मी की वृद्धि करने वाला और सफेद रंग का त्रिशूल ज्ञान की वृद्धि करने वाला माना जाता हैं। ये 11 हजार त्रिशूल संगम किनारे स्थापित हो रहे बारह शिवलिंग के चारो तरफ लगेगें।
दस हजार गांव से आए 5 करोड़ 51 लाख रुद्र रुद्राक्ष
इस महा साधना को स्वरूप देने जा रहे शिव साधक अभय चैतन्य ब्रह्मचारी बताते हैं कि देश के दस हजार गांव के किसानों, गरीब जनता और रेडी पटरी वाले दुकानदारों से भिक्षा लेकर 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष की मणियां एकत्र की गई हैं। इनसे 12 शिव लिंग का निर्माण होगा। संत परमहंस आश्रम, बाबूगंज सगरा अमेठी के पीठाधीश्वर अभय चैतन्य ब्रह्मचारी मौनी बाबा की तरफ से इसे धरातल पर उतारने की तैयारी है। अभय चैतन्य ब्रह्मचारी बताते हैं कि देश के दस हजार गांवों से आर्थिक सहयोग लेकर 5 करोड़ 51 लाख रुद्राक्ष से संगम किनारे बारह शिवलिंग का निर्माण किया जा रहा है। यह साधना है बांग्लादेश में हिन्दुओं की रक्षा और हिन्दू राष्ट्र निर्माण के संकल्प की।