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Maha Kumbh 2025: नेत्र महाकुम्भ में नेत्र परीक्षण का बनेगा वर्ल्ड रिकॉर्ड, 5 जनवरी को होगा शुभारंभ

Maha Kumbh 2025: मेला प्राधिकरण की ओर से इस बार विभिन्न श्रेणियों में 4 अलग-अलग वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाने की तैयारी की गई है,

Syed Raza
Report Syed Raza
Published on: 27 Dec 2024 4:36 PM IST
Maha Kumbh 2025 ( Pic-  Social- Media)
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Maha Kumbh 2025 ( Pic-  Social- Media)

Maha Kumbh 2025: महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 कई मायनों में इस बार वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने जा रहा है। मेला प्राधिकरण की ओर से इस बार विभिन्न श्रेणियों में 4 अलग-अलग वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए जाने की तैयारी की गई है, जबकि किसी एक आयोजन में एक साथ सर्वाधिक संख्या में श्रद्धालुओं के जुटने का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित होने की पूरी संभावना है। इसके साथ ही नेत्र परीक्षण और चश्मा वितरण का भी वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित होने जा रहा है।

यह पहला अवसर होगा जब किसी आयोजन में एक साथ 5 लाख लोगों के नेत्र परीक्षण किए जाएंगे और तीन लाख चश्मे वितरित किए जाएंगे। इसके लिए नागवासुकि के पास सेक्टर 5 में भव्य नेत्रकुम्भ बनकर तैयार है। करीब 10 एकड़ क्षेत्र में स्थापित नेत्र कुम्भ 2025 का शुभारंभ 5 जनवरी को किया जाएगा। इसके बाद यहां आने वाले श्रद्धालु निशुल्क अपनी आंखों की जांच करा सकेंगे और आवश्यकता होने पर अपने घर लौटकर करीब के अस्पताल में उसका ऑपरेशन भी करा सकेंगे।

वर्ल्ड रिकॉर्ड स्थापित करने की तैयारी

आयोजन समिति के सदस्य डॉ. रंजन बाजपेई ने बताया कि 5 जनवरी को नेत्र कुम्भ का शुभारंभ किया जाएगा। उद्घाटन मुख्य अतिथि जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि महाराज के कर कमलों से होगा, जबकि विशिष्ट अतिथि के रूप में गौरांग प्रभु जी महाराज एवं मुख्य वक्ता के रूप में संघ के सह कार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी रहेंगे। उन्होंने बताया कि पिछले नेत्र कुम्भ में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के नेत्र परीक्षण किए गए थे। इस बार इसकी संख्या को दोगुना कर दिया गया है। इस बार तीन लाख चश्मा और 5 लाख ओपीडी का लक्ष्य है। एक दिन में 10 हजार ओपीडी का लक्ष्य है। इसके लिए व्यापक व्यवस्था की गई है। इस बार का नेत्र कुम्भ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाएगा। पिछली बार इसने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी जगह बनाई थी और इस बार इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह दिलाने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए एक समिति बनाई जाएगी, जो आगे की कार्यवाही सुनिश्चित करेगी।

डॉक्टर्स को मिलेगा घर का खाना

उन्होंने कहा कि पूरे भारत वर्ष से हमने 240 बड़े अस्पतालों के साथ टाईअप किया है। पूरे भारत के विभिन्न प्रांतों से डॉक्टर्स अपनी सेवाएं देने के लिए यहां आ रहे हैं। हमारा प्रयास यही है कि लोगों को पुनः ज्योति मिल सके। उन्होंने बताया कि डॉक्टर्स के रहने और उनके खाने पीने की व्यवस्था की गई है। जो जिस प्रांत से आया है, उसको उसके प्रांत का भोजन उपलब्ध कराया जाएगा। डॉक्टर्स के लिए चार बेड की 40 डॉरमेट्री बनाई गई हैं, जबकि महिला डॉक्टर्स के लिए भी अलग से डॉरमेट्री की व्यवस्था है। इन डॉरमेट्रीज में कुल 140 डॉक्टर्स रहेंगे। इसके अतिरिक्त तीर्थयात्रियों के लिए 16-16 बेड की डॉरमेट्री बनाई गई है, जबकि कार्यकर्ताओं के लिए 8-8 बेड की डॉरमेट्री निर्मित की गई है।

अच्छी और ब्रांडेड क्वालिटी के चश्मों का होगा वितरण

आयोजन में क्राउड मैनेजमेंट की जिम्मेदारी संभाल रहे राजेश कुमार सिंह ने बताया कि करीब 10 एकड़ में नेत्र कुम्भ निर्मित हुआ है। इसमें कुल 11 हैंगर बनाए गए हैं। पिछली बार सिर्फ 5 हैंगर थे। यहां सुव्यवस्थित तरीके से नेत्र जांच की जाएगी। एक बड़ा हैंगर बनाया गया है, जहां सभी श्रद्धालु जमा होंगे। इसके बाद उन्हें दो अलग-अलग ओपीडी चैंबर्स में भेजा जाएगा, जहां वो अपना रजिस्ट्रेशन कराने के बाद डॉक्टर्स को दिखा पाएंगे। रजिस्ट्रेशन के पीछे डॉक्टर्स चैंबर बनाए गए हैं, जिसमें 4-4 डॉक्टर्स और 10-10 ऑप्टोमेस्ट्रिस्ट रहेंगे। यहीं पर एक मेडिसिन काउंटर और एक रेफरल काउंटर रहेगा। यहां से चश्मे के लिए रेफर किया जाएगा। चश्मे का अलग ब्लॉक बनाया गया है। पिछली बार की तरह इस बार भी इंश्योर किया गया है कि लोगों को बहुत अच्छी क्वालिटी के चश्मे प्राप्त हो सकें। इस बार हमने चश्मा वितरण के लिए सिर्फ एक ही वेंडर को हायर किया है और उसे अच्छे से अच्छी क्वालिटी का चश्मा देने की रिक्वेस्ट की है। ये वेंडर लगभग सभी बड़ी कंपनियों को अपने चश्मे प्रोवाइड कराता है।

इच्छुक लोग नेत्र दान भी कर सकेंगे

आयोजन समिति में शामिल दिल्ली के सुनील कुमार सिंह ने बताया कि नेत्र कुम्भ में नेत्र दान करने वालों के लिए भी एक शिविर बनाया गया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह प्रयागराज में सम्राट हर्षवर्धन जी अपना सर्वस्व दान कर देते थे, उसी से प्रेरित होकर पूरे प्रदेश और देश से दानवीर यहां आते हैं। हमारे यहां अंधता के लगभग डेढ़ करोड़ लोग हैं। इनमें से तमाम लोग ऐसे हैं, जिनके कार्निया खराब हो गए हैं। उनको कार्निया की आवश्यकता है। हमसे बहुत छोटा देश श्रीलंका पूरी दुनिया को कार्निया देता है। हमने संकल्प लिया है कि हम यहां भी नेत्रदान का एक शिविर लगाएंगे और उसमें जो लोग अपने नेत्र दान करने की इच्छा रखते हैं वो यहां नेत्र दान कर लोगों को ज्योति दे सकेंगे। पिछली बार 11 हजार से अधिक लोगों ने नेत्र कुम्भ में नेत्रदान किया था।



Shalini Rai

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