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Kumbh 2025: त्रिवेणी तट पर पहुंचा क्रूज निषादराज, अलकनंदा और विवेकानंद क्रूज भी आ सकते हैं कुंभ नगरी

Kumbh 2025: वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू कर क्रूज निषादराज प्रयागराज पहुंच चुका है। इस आलीशान सर्व सुविधा संपन्न क्रूज को देखने के लिए अभी से त्रिवेणी के तट पर देखने के लिए लोग एक जुट हो रहे हैं।

Dinesh Singh
Published on: 27 Nov 2024 7:26 PM IST (Updated on: 27 Nov 2024 7:41 PM IST)
क्रूज निशादराज फोटो सोशल मीडिया से साभार
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क्रूज निशादराज फोटो सोशल मीडिया से साभार

Kumbh 2025:प्रयागराज। महाकुंभ 2025 में नव्यता के भी दर्शन होंगे । सरकार इसे दिव्य भव्य और सुव्यवस्थित महाकुंभ के साथ नव्य स्वरूप भी प्रदान कर रही है। इसी सिलसिले में निषादराज क्रूज त्रिवेणी के तट पहुंच चुका है। अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त इस क्रूज पर सबसे पहले प्रधानमंत्री मोदी यात्रा करेंगे।

त्रिवेणी के तट पर आकर्षण का केंद्र बना क्रूज निषादराज

वाराणसी से अपनी यात्रा शुरू कर क्रूज एम वी निषादराज प्रयागराज पहुंच चुका है। इस आलीशान सर्व सुविधा संपन्न क्रूज को देखने के लिए अभी से त्रिवेणी के तट पर देखने के लिए लोग एक जुट हो रहे हैं।

क्रूज को वाराणसी से प्रयागराज लेकर आए कैप्टेन पंकज कुमार यादव कहते है कि यह क्रूज पूरी तरह वातानुकूलित है । सभी अत्याधुनिक सुविधाओं से यह युक्त है। इसकी क्षमता 50 सीट की है। इसमें सुरक्षा के भी सभी पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि महाकुंभ के बाद यह क्रूज वाराणसी और प्रयागराज के बीच चलेगा या नहीं इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है। फिलहाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 13 दिसंबर के आगमन को देखते हुए इसे प्रयागराज लाया गया है।

पूरी तरह प्रदूषण मुक्त निषादराज क्रूज

प्रयागराज महाकुंभ का साक्षी बनने जा रहा निषादराज क्रूज पूरी तरह प्रदूषण मुक्त होगा। यह डीजल या पेट्रोल की जगह बिजली से चलने की वजह से किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं होता। इससे जलीय जीव जंतुओं के लिए भी यह हानिकारक नहीं है।इन क्रूज में 50 से अधिक लोग एक साथ सुरक्षित यात्रा कर सकते हैं। इसकी स्पीड 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है । इसके साथ ही उनके खाने-पीने का भी इसमें बहुत ही शानदार इंतजाम रहेगा। इसके साथ क्रूज में लगी एलईडी श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण बनने जा रही हैं। इस में संगम के दौरान सफर करने वाले यहां के ऐतिहासिक मंदिरों, धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अखाड़े समेत तमाम विशेषताओं को सजीव देखने की व्यवस्था भी है।



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Shalini singh

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