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Kumbh 2025: महाकुंभ में पहली बार स्थापित होगा किसान देवता का शिविर, प्रयागराज महाकुंभ में अन्न दाता को मिलेगा सम्मान
Kumbh 2025: महाकुंभ में अन्न दाता किसान का शिविर भी स्थापित होगा। किसान को भगवान का दर्जा देने वाले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य की तरफ से यह शिविर स्थापित हो रहा है।
Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में साधु संतों , समाज सेवियों के साथ प्रशासनिक शिविर लगते हैं लेकिन पहली बार महाकुंभ में अन्न दाता किसान का शिविर भी स्थापित होगा। किसान को भगवान का दर्जा देने वाले ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्य की तरफ से यह शिविर स्थापित हो रहा है।
सेक्टर 10 में बन रहा है किसान देवता का शिविर
ज्योतिष पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी शैलेंद्र योगिराज महाकुंभ क्षेत्र ने किसान देवता का शिविर स्थापित कर रहे हैं। उनका तर्क है किकिसान अन्नदाता है , किसान् देवता है। उसी देवता द्वारा उपजाई हुई सामग्री सभी देवी देवताओ में चढ़ती हैं। हमारी आस्था और श्रद्धा के अनुरूप हमारे द्वारा चढ़ाई गई जो वस्तु देवी देवता आदि ग्रहण करते हैं वह किसान पैदा करता है। इसीलिए किसान सर्वोपरि है, किसान देवता है।
किसान देवता का मंदिर भी कर चुके हैं स्थापित
स्वामी शैलेंद्र योगिराज का कहना है कि देश में सभी देवी देवताओं, महापुरुषों और गुरुओं के मंदिर हैं लेकिन अन्नदाता किसान्न देवता का मंदिर नहीं था। इसीलिए हमने विश्व का पहला किसान् देवता का मंदिर बनवाया। विश्व की पहली अन्नदाता पीठ किसान् देवता मंदिर प्रतीक पूजा स्थल मेला ग्राउंड पट्टी जिला प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश में स्थापित की । अब समय महाकुंभ का है तो यहां भी उसके देवता किसान देवता का शिविर यहां स्थापित हो रहा है । स्वामी शैलेंद्र कहते हैं कि मैं चाहता हूं कि किसान् देवता की गांव-गांव घर-घर पूजा अर्चना ,इबादत और प्रेयर होनी चाहिए । किसान की कोई जाति, कोई धर्म नहीं होता है। वह हिंदू, मुस्लिम, सिख , ईसाई आदि सब होता है। हमारा देश ऋषि और कृषि प्रधान देश रहा है। इस लिए स्वामी शैलेंद्र की मांग है कि सरकार पुनः इस देश को कृषि प्रधान बनाते हुए किसान राष्ट्र घोषित करे।