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Maha Kumbh 2025: स्पेन से आई महिला नागा संयासिनी एंजेला अटल अखाड़े की पेशवाई में नागा साधुओं की जमात में क्यों हुई शामिल

Maha Kumbh 2025: इसी क्रम ने संन्यासी अखाड़ों में सबसे आखिर में गठित किए गए अटल अखाड़े की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली गई। भक्ति और अध्यात्म की धारा में देश के बाहर से आई विदेशी महिला नागा संन्यासी भी शामिल रही।

Dinesh Singh
Published on: 1 Jan 2025 10:16 PM IST
Maha Kumbh 2025-Foreign woman Naga Sanyasini Angela- Pic- Newstrack
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 Maha Kumbh 2025-Foreign woman Naga Sanyasini Angela- Pic- Newstrack

Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ के आयोजन के पहले कुंभ क्षेत्र में अखाड़ों का छावनी प्रवेश का सिलसिला जारी है। इसी क्रम ने संन्यासी अखाड़ों में सबसे आखिर में गठित किए गए अटल अखाड़े की भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली गई। भक्ति और अध्यात्म की धारा में देश के बाहर से आई विदेशी महिला नागा संन्यासी भी शामिल रही।

विदेशी महिला नागा संयासिनी एंजेला भी नागा संन्यासियों के साथ हुई शामिल

प्रयागराज में अखाड़ों की छावनी प्रवेश यात्रा श्रद्धालुओं की आस्था और जिज्ञासा का केंद्र बन रही है। श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़े की छावनी प्रवेश यात्रा में महिला नागा संयासियों की फौज भी शामिल हुई । नागा संन्यासियों के जत्थे के साथ चल रही एक महिला नागा संन्यासी स्पेन से आई थी। एंजेला स्पेन में होटल में सीनियर शेफ की नौकरी छोड़कर इंडिया आई तो सनातन बोर्ड का रंग उन पर ऐसा चढ़ा कि एंजेला अंजली गिरी बन गई और नागा संयासिनी की जमात में शामिल हो गई। अंजली गिरी के साथ एक और महिला नागा संन्यासी धूनी गिरी भी थी जो उनकी गुरु है।


बाल नागा भी छावनी प्रवेश में शामिल

अटल अखाड़े की इस छावनी प्रवेश यात्रा में 1500 से अधिक साधु संत शामिल हुए। छावनी यात्रा मेंनागाओं की फौज श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी रही । घोड़ों में सवार नागाओं के हाथ में तलवार और त्रिशूल थे तो वहीं सबसे आगे चल रहे नागाओं के हाथ में विशाल भाले थे जो उनके देवता भी माने जाते हैं। नागा संन्यासियों की जमात में कई बाल नागा सन्यासी भी चल रहे थे। काशी से छावनी प्रवेश में शामिल होने आए आठ साल के दिनेश गिरी भी उन्हीं में से एक थे। अटल अखाड़े के सचिव महंत बलराम गिरी बताते हैं कि दिनेश गिरी अभी अखाड़े में महा पुरुष हैं जो नागा संन्यासी की दीक्षा लेने के पहले की पदवी है। 18 साल की उम्र के बाद उन्हें संन्यास की दीक्षा दी जाएगी। दिनेश गिरी को उसके मां बाप मन्नत की वजह से उसके गुरु अद्वैता नंद को दे गए थे।



Shalini Rai

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