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Maha Kumbh 2025: महाकुंभ में आपदा प्रबंधन का मेगा प्लान, 10 हजार आपदा मित्र कुंभ क्षेत्र में आपदा प्रबंधन के लिए देंगे सेवा

Maha Kumbh 2025: 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के कुंभ क्षेत्र में पहुंचने का अनुमान है। भीड़ की इस संख्या में किसी भी आपदा से निपटने की भी पूरी तैयारी की जा रही है।

Dinesh Singh
Published on: 19 Dec 2024 10:53 PM IST
Maha Kumbh 2025 ( Pic- Social- Media)
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Maha Kumbh 2025 ( Pic- Social- Media)

Maha Kumbh 2025:जनवरी 2025 से शुरू होने जा रहे महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के कुंभ क्षेत्र में पहुंचने का अनुमान है। भीड़ की इस संख्या में किसी भी आपदा से निपटने की भी पूरी तैयारी की जा रही है। कुंभ मेला क्षेत्र में आपदा मित्रों की तैनाती की जाएगी।

10 हजार कुंभ आपदा मित्र होंगे तैनात

महाकुंभ में करोड़ों लोगों का भीड़ प्रबंधन और उनकी सुरक्षा महत्वपूर्ण चुनौती होगी। मेला क्षेत्र में किसी भी अप्रिय घटना से निपटने का प्लान भी मेला प्रशासन ने तैयार किया है। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी ने बताया कि कुंभ मेले के दौरान 10,000 से अधिक प्रशिक्षित युवाओं को आपदा मित्र के रूप में शामिल किया जाएगा। 'आपदा मित्र' किसी भी अप्रिय घटना की स्थिति में आपदा प्रबंधन कार्यों के लिए मेला पुलिस एवं प्रशासन, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के साथ मिलकर स्वैच्छिक सेवाएं प्रदान करेंगे।अधिकारियों का कहना है कि सभी विभागों को आपदा प्रबंधन के सभी पहलुओं, विशेष रूप से आपसी समन्वय और सभी विभागों और एजेंसियों के पूर्व अभ्यास पर ध्यान देने के लिए कहा गया है।

प्रशिक्षित हो रहे हैं आपदा प्रबंधन की आनुषंगिक एजेंसी

वर्तमान में, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जल पुलिस, पीएसी, अग्निशमन विभाग और मेला प्राधिकरण जैसी एजेंसियां ​​महाकुंभ के लिए सभी प्रकार के संसाधनों के साथ-साथ प्रशिक्षित कर्मचारियों से लैस हैं।

मेला अधिकारी और उनके सहयोगी विभागों का आपदा प्रबंधन योजना की सजग नजर है।

सभी अपनी योजना की तैयारियों में कमियों और सुधार के क्षेत्रों की पहचान कर रहे हैं, जो अन्य राज्यों के लिए केस स्टडी के रूप में भी सहायक होगा।सभी स्टेक होल्डर्स को मेला क्षेत्र में संभावित आपदा के दौरान त्वरित और एकीकृत प्रतिक्रिया और उसके प्रबंधन के बारे में जानकारी दी जा रही है। एनडीआरएफ के पास प्राकृतिक आपदाओं (जैसे बाढ़, भूकंप) और मानव निर्मित आपदाओं (जैसे आग, भगदड़, सीबीआरएन) से निपटने का व्यापक अनुभव है। एनडीआरएफ सभी एजेंसियों के साथ एकीकृत तरीके से काम करेगा। महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए 37,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया जायेगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के अनुसार अलग-अलग मार्गों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग स्लॉट और यातायात योजना बनाई गई है। इस बार सुरक्षा की दृष्टि से सभी पांटून पुलों के दोनों ओर चौकियां स्थापित की गई हैं। यह भी आपदा प्रबंधन का हिस्सा हैं।



Shalini Rai

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