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Kumbh 2025: गणित के फ्रांसीसी प्रोफेसर बन गये जूना अखाड़े के संत ब्रूनो गिरी, आस्था के महाकुंभ का एक असर ऐसा भी
Kumbh 2025: महाकुंभ में अखाड़े का वैभव आस्था की इस महा समागम का सबसे बड़ा आकर्षण होते हैं। देश दुनिया से हजारों लोग इन्हीं अखाड़ों के संतो की आभा में खिंचे चले आते हैं।
Kumbh 2025: जनवरी 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में देश-विदेश से साधु संतों का जमघट होने लगा है। सनातन धर्म के महात्म्य से प्रभावित कई विदेशी भी इस बार महाकुंभ में जूना अखाड़े में ब्रह्मचारी की दीक्षा लेकर सनातनी संत बन जाएंगे। इन्ही में एक है प्रोफेसर ब्रूनो।
गणित के प्रोफेसर ब्रूनो को रास आया जूना अखाड़ा
महाकुंभ में अखाड़े का वैभव आस्था की इस महा समागम का सबसे बड़ा आकर्षण होते हैं। देश दुनिया से हजारों लोग इन्हीं अखाड़ों के संतो की आभा में खिंचे चले आते हैं। ऐसे ही फ्रांस के नागरिक फेड्रिक ब्रूनो ने अभी से प्रयागराज महाकुंभ में डेरा डाल दिया था। ब्रूनो अब गणित की दुनिया त्याग कर अध्यात्म की दुनिया में शामिल होना चाहते है। अपनी पत्नी और तीन बेटे बेटियों के साथ गृहस्थ जीवन जी रहे फ्रांस के इस गणित के प्रोफेसर को जूना अखाड़े की ब्रह्मचारी की दीक्षा महाकुंभ में दी जायेगी। जूना अखाड़े के थाना पति घनानंद गिरी को अपना गुरु स्वीकार कर चुके प्रोफेसर ब्रूनो महाकुंभ में ब्रूनो गिरी बन जायेंगे।
सनातन धर्म की योग विद्या ने ब्रूनो को बनाया दीवाना
फ्रांस की सार बोर्न यूनिवर्सिटी में गणित के प्रोफेसर ब्रूनो को अंकों की गणित और गणना से अब मन हट गया है। ब्रूनो अब जीवन के अंतिम सत्य की तलाश के लिए हिंदू सनातन धर्म की शरण में आए हैं। ब्रूनो के गुरु घनानंद गिरी बताते हैं कि ब्रूनो अक्सर हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में आते थे जहां वह योग की शिक्षा लेते थे। योग से भ्रूण बहुत प्रभावित हुए। इसके बाद उन्होंने हिन्दू धर्म शास्त्रों की पढ़ाई शुरू की। ब्रूनो सनातन धर्म की गहराई में डूबते गए और उन्होंने तय कर लिया कि अब अब गणित की दुनिया त्याग कर वह सनातन धर्म की आस्था और समर्पण की दुनिया का हिस्सा बनेंगे। ब्रूनो कहते हैं कि गणित के प्रोफेसर की नौकरी करके उन्होंने जीवन में सभी सुख हासिल कर लिए अब भौतिक दुनिया का आकर्षण उन्हें रास नहीं आता। उनके जीवन का अंतिम पड़ाव अब सनातन धर्म और उनके गुरु ही हैं।