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Kumbh 2025: तृतीय कुम्भ कॉन्क्लेव की प्रयागराज में शुरुआत, कुंभ आस्था, संस्कृति व आध्यात्म का संगम

Kumbh 2025: इस तीन दिवसीय आयोजन में वक्ताओं ने कुंभ को लेकर अपने विचार साझा किए। अपने विचार व्यक्त करते हुए भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने महाकुम्भ के लिए हो रहे प्रयासों के लिए और इसे भव्य दिव्य बनाने के लिए में उत्तर प्रदेश सरकार और योगी जी प्रशंसा की।

Dinesh Singh
Published on: 25 Nov 2024 7:48 PM IST
Kumbh 2025  ( Photo- Newstrack )
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Kumbh 2025  ( Photo- Newstrack )

Kumbh 2025: कुम्भ हमारे देश की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक, सामाजिक एवं वैचारिक विविधताओं का संगम का दर्पण है। प्रयागराज महाकुम्भ 2025 के आयोजन को देश -विदेश में पहुंचाने के लिए प्रयागराज में तृतीय कुम्भ कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। तृतीय कुम्भ कॉन्क्लेव के उद्घाटन सत्र का सोमवार को शुभारंभ हो गया । प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय तकनीकी संस्थान के सभागार में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल और परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद की मौजूदगी में इसकी शुरुआत हुई। भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव भी इस आयोजन में ऑनलाइन जुड़े।

महाकुंभ के विविध आयामों पर हुआ विचार मंथन

इस तीन दिवसीय आयोजन में वक्ताओं ने कुंभ को लेकर अपने विचार साझा किए। अपने विचार व्यक्त करते हुए भारत के पूर्व उप राष्ट्रपति वैंकेया नायडू ने महाकुम्भ के लिए हो रहे प्रयासों के लिए और इसे भव्य दिव्य बनाने के लिए में उत्तर प्रदेश सरकार और योगी जी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि कुम्भ आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का संगम है। सनातन परंपरा में कुम्भ एक स्नान मात्र नहीं है वरन् आत्मशुद्धि का अवसर है । कार्यकम में विचार व्यक्त करते हुए मध्य प्रदेश के उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि धर्म और अध्यात्म देश की सबसे बड़ी शक्ति है और इस शक्ति के माध्यम से भारत दुनिया का नेतृत्व करेगा, आवश्यकता है इसके संवर्धन और संरक्षण की और कुम्भ यही अवसर है।


मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केरल के राज्यपाल मोहम्मद आरिफ खान ने कहा कि कुम्भ वह पर्व है जो हमे भारतीय संस्कृति एवं ज्ञान को समझने की प्रेरणा देता है। ज्ञान, पूजा, दान व ज्ञान मंथन का पर्व कुम्भ भारतीय संस्कृति का महापर्व है। परमार्थ निकेतन के प्रमुख स्वामी चिदानंद ने प्रयागराज महाकुम्भ पर अपनी बात रखते हुए कहा कि कुम्भ सिर्फ सागर मंथन नहीं बल्कि स्वयं मंथन है। यह संगम से समता, समरसता और सद्भाव का संदेश पूरे विश्व को देता है।

सीएम योगी भी ले सकते हैं हिस्सा

इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक सौरभ पाण्डेय ने बताया कि इस कुम्भ कॉन्क्लेव में तीन दिनों तक चलने वाले 11 सत्रों में अखाड़ा, आश्रम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, फूड सिक्योरिटी, फूड सिक्योरिटी, टेंपल इकोनॉमी और उद्यमिता की थीम पर विचार मंथन होगा। इसके लिए देश और विदेश के विषय के विशेषज्ञ इसमें शामिल हो रहे हैं। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी 27 नवंबर को इस आयोजन में शामिल होंगे।



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Shalini singh

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