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3D स्पीड ब्रेकर्स लगाएंगे मौत की रफ्तार पर लगाम, गुजरात से आया IDEA

Admin
Published on: 27 April 2016 3:59 AM GMT
3D स्पीड ब्रेकर्स लगाएंगे मौत की रफ्तार पर लगाम, गुजरात से आया IDEA
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नोएडा: केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को गुजरात की दो स्टूडेंट्स का इनोवेशन काफी पसंद आया है। उन्होंने रोड एक्सीडेंट्स में कमी लाने के लिए अब सड़कों पर थ्रीडी पेंटिग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इसके तहत सड़कों पर थ्रीडी स्पीड ब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जाएंगी।

नितिन गडकरी ने इसकी जानकारी टि्वटर पर दी है। उन्होंने ट्वीट है,''हम थ्रीडी तस्वीरों के सहारे जरूरत से ज्यादा स्पीड को रोकने की कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए थ्रीडी वर्चुअल स्पीड ब्रेकर बनाएं जाएंगे ताकि स्पीड ब्रेकर की जरूरतों से बचा जा सके।'' हाल ही में नई दिल्ली में हुई बैठक में सड़क हादसों में कमी लाने के लिए रोडमैप तैयार करने का फैसला लिया गया था।

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रोज बढ़ रहे हैं सड़क हादसे

-सड़क हादसों में मरने वालों की तादाद हर साल बढ़ती जा रही है।

-सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश को सालाना 550 करोड़ रुपए का नुकसान होता है।

-तेज रफ्तार पर लगाम लगाने के लिए फिलहाल देश में कारगर तकनीकी नहीं है।

-ऐसे में थ्रीडी पेंटिंग तकनीकी पर बल दिया जा रहा है।

-सड़कों पर जरूरी चिन्ह्ति स्थानों पर वास्तविक स्पीडब्रेकर की जगह थ्रीडी स्पीडब्रेकर और जेब्रा क्रॉसिंग बनाई जाएंगी।

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सड़क हादसे में भारत दूसरे स्थान पर

-UN और WHO समेत NCRB की मानें तो भारत में अंधाधुंध बढ़ते वाहनों के कारण हादसों में इजाफा हुआ है।

-देश में सड़कों हादसों में जान गंवानेवालों का आंकड़ा चिंता का विषय बनता जा रहा है।

-NCRB के आकड़ों के मुताबिक, देश में सड़क हादसों के कारण हर घंटे 19 या हर तीन मिनट पर एक व्यक्ति की मौत होती है।

-सबसे ज्यादा चीन में सालाना एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है।

-एक सर्वे की मानें तो सड़क हादसों की तुलना में भारत चीन से थोड़ा ही पीछे है।

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गुजरात की छात्राओं ने किया था प्रयोग

- गुजरात में दो छात्राओं सौम्या पांड्या ठक्कर और शकुंतला पांड्या ने थ्रीडी पेंटिंग तकनीक का अनूठा प्रयोग किया था। इन छात्राओं ने सड़क पर थ्रीडी पेंटिंग से जेब्रा क्रॉसिंग बनाई थी । वहां से गुजरनेवाले हर वाहन चालक को गाड़ी की गति धीमी करने पर मजबूर होना पड़ा था।

- छात्राओं के सफल प्रयोग से सबक लेते हुए अहमदाबाद के सड़क व परिवहन विभाग ने कुछ जगहों पर थ्री पेंटिंग तकनीक का प्रयोग किया।

- इसके बाद वहां स्कूल- कालेज और भीड़भाड़ वाले मार्गो पर इस तकनीक का प्रयोग हुआ।

क्या है थ्रीडी पेंटिग

- थ्रीडी पेंटिंग चित्रकारी की एक ऐसी तकनीक है जो चित्र को आभासी रूप देती है। थ्रीडी पेंटिंग का इस्तेमाल कर अगर किसी चीज का चित्र बनाते हैं तो हमें ऐसा आभास होगा कि सचमुच में वह चीज हमारे सामने है। हालांकि यह एक खास दिशा से देखने में ही ऐसा प्रतीत होता है। इस तकनीक से यदि कुआं का चित्र बनाते हैं तो सचमुच में कुआं नजर आता है।

- माना जाता है कि थ्रीडी पेंटिंग इटली की देन है। 15 शताब्दी के आसपास इटली में थ्रीडी पेंटिंग का चलन शुरू हुआ और फिर धीरे.धीरे 18वीं शताब्दी तक यूरोपीय देशों में फैल गई।

- स्ट्रीट थ्रीडी पेंटिंग की बात की जाए तो पता चलता है कि आधुनिक स्ट्रीट पेंटिंग का आविष्कार ब्रिटेन में हुआ है।

बढ़ रहा है सड़क मार्ग पर दबाव

- भारत में 3.3 मिलियन किमी सड़क नेटवर्क है, जो विश्व में दूसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है ।

- परिवहन के क्षेत्र में सड़कों का स्थान महत्वपूर्ण है। मौजूदा समय में सड़क मार्ग से लगभग 65 फीसदी माल ढोया जाता है और 87 प्रतिशत यात्री यातायात होता है।

- सड़कों पर यातायात सालाना 7 से 10 प्रतिशत की दर से बढ रहा है। वाहनों की संख्या में वृध्दि दर विगत कुछ वर्षों में प्रतिवर्ष 12 फीसदी रही है।

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