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सिर्फ सत्ता बदली है 'चरित्र' नहीं, सैफई महोत्सव खत्म गोरखपुर महोत्सव शुरू
लखनऊ: उत्तर प्रदेश की मजबूरी है कि सत्ता और सत्ता का खेल जरूरी है। सत्ता के खेल का रंग-रूप बदलता है, पर चरित्र वही रहता है। उत्तर प्रदेश में चुनाव में हर पार्टी विकास की बात करती है और सत्ता में आते ही रंग बदल कर पुराना खेल शुरू कर देती है। कोई स्मारक बनवाता है तो कोई महोत्सव कराता है।
सरकार के बाहर रहते सैफई महोत्सव को जनता के पैसे की बर्बादी बताने वाली बीजेपी ने सत्ता में आते ही महोत्सव शुरू कर दिया। बस जगह बदल गई। अब 'महोत्सव' गोरखपुर में होगा और इल्जाम लगाने की बारी कांग्रेस, सपा और बसपा की होगी।
चुनाव में विकास और सत्ता में महोत्सव
उत्तर प्रदेश की नियति छला जाना है। हर पार्टी विकास की बात करती है। सरकार में रहने वाले विपक्षी दलो को कोसती है और सत्ता में आते ही उनके जैसी ही हो जाती है। पिछले 14 साल से क्षेत्रीय दलों की सरकार को पानी पीकर कोसने वाली राष्ट्रीय पार्टी बीजेपी ने आरोप लगाए कि वह अपने महिमामंडन के लिए काम कर रहे हैं। कोई स्मारक बनाता है तो कोई महोत्सव कराता है। सबसे ज्यादा निशाने पर सपा का सैफई महोत्सव रहा है। इस महोत्सव को बीजेपी ने पैसे की बर्बादी और लोकतंत्र का मजाक तक करार दिया।
'इट्स डिफरेंट' का बस इंतजार
बीजेपी के सत्ता में आने पर माना जा रहा था, वह 'इट्स डिफरेंट' के अंदाज में कुछ करेगी। पर, 9 महीने बीतते बीतते ही बीजेपी ने भी पुरानी लीक पकड़ ली। जनता फिर छली गई। जनता के पैसे से महोत्सव फिर लगा। बस जगह बदल गयी। थोड़ा रंगोरोगन बदल गया। मुख्यमंत्री का शहर बदल गया, तो सैफई की जगह गोरखपुर ने ले ली।
बच्चों की मौत का मजाक उड़ रहा
कांग्रेस का आरोप है, कि सरकार बच्चों की मौत का मजाक उड़ा रही है। कांग्रेस प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह ने यहां तक कह दिया, 'जिस शहर में बच्चों की मौत प्रशासन की लापरवाही से हुई हो, वहां महोत्सव बच्चों की मौत का मजाक उड़ाना है।'
बीजेपी बता रही स्थानीय अस्मिता का सम्मान
सत्ता का चरित्र नहीं बदला तो जवाब कैसे बदल जाते अब बीजेपी के प्रवक्ता भी कुछ उसी अंदाज मे जवाब दे रहे हैं जैसे सपा के नेता दिया करते थे। बीजेपी प्रवक्ता चंद्रमोहन कहते हैं कि , 'यह गोरखपुर की स्थानीय अस्मिता का सम्मान है। यहां पर किसी तरह के पैसों की बर्बादी नहीं की जा रही।'
सितारों संग झूमने की बारी अब गोरखपुर की
भले ही बीजेपी के लोग इसे स्थानीय प्रतिभा का सम्मान बता रहे हों, पर कार्यक्रमों की सूची भी यह गवाही दे रही है कि ललित पंडित, अनुराधा पौडवाल, शान जैसे सितारों से सजी शाम इस बार गोरखपुर के लोगो को उसी तरह झूमाएगी जैसे सैफई की रातें हुआ करती थी।
आगे की स्लाइड में देखें गोरखपुर महोत्सव के कार्यक्रमों की रूपरेखा...
गोरखपुर महोत्सव में होने वाले कार्यक्रमों की सूची:
11 जनवरी पहला दिन
10 बजे से 5 बजे तक वाद-विवाद (हिन्दी-अंग्रेजी) दीक्षा भवन
10 बजे से 1 बजे तक क्विज प्रतियोगिता दीक्षा-संवाद भवन
10 बजे निबंध प्रतियोगिता दीक्षा भवन
10 बजे चेस प्रतियोगिता बैडमिंटन हॉल विवि
10 बजे बैडमिंटन, कब्बडी, वालीबाल स्पोटर्स स्टेडियम
10 बजे शूटिंग प्रतियोगिता आरपीएसएफ रेंज
10 बजे से 2 बजे तक साइंस फेयर कला संकाय-विवि
12 से 4 बजे तक बाल फिल्म उत्सव एसआरएस सिनेमा
2 से 5 बजे तक वूमेन इवेंट कला संकाय-विवि
3 से 5 बजे सबरंग मुख्य मंच-विवि
5 से 7 बजे कत्थक मुख्य मंच
आठ बजे से बालीवुड नाइट मुख्य मंच
12 जनवरी दूसरा दिन
आठ बजे हॉफ मैराथन शहरी क्षेत्र
8 बजे से 10 बजे योगा आरपीएफ एकेडमी
10 बजे खेल स्पोटर्स स्टेडियम
10 बजे चेस बैडमिंटन हॉल-विवि
10 बजे बैडमिंटन, कब्बडी, वालीबाल स्पोटर्स स्टेडियम
10 बजे शूटिंग प्रतियोगिता आरपीएसएफ रेंज
10 बजे से 2 बजे तक साइंस फेयर कला संकाय-विवि
12 से 4 बजे तक बाल फिल्म उत्सव एसआरएस सिनेमा
2 से 5 बजे तक वूमेन इवेंट कला संकाय-विवि
10 से 12 बजे फैंसी डे्रस कंपटीशन संवाद भवन-विवि
11 से 1 बजे मंथन दीक्षा भवन-विवि
10 से 2 बजे स्कूल प्रतियोगिता मेन स्टेज
4 से 5:30बजे सांस्कृति कार्यक्रम मेन स्टेज
5:30 से 7 बजे लोक रंग मेन स्टेज
7 से 8:30 बजे सोन चिरैया (मालिनी अवस्थी) मेन स्टेज
8:30 बजे से भोजपुरी नाइट (रवि किशन) मेन स्टेज
13 जनवरी तीसरा दिन
10 से 12 बजे पेंटिंग प्रतियोगिता मेन स्टेज
10 बजे गेम स्पोटर्स स्टेडियम
11 बजे से एक बजे टैलेंट हंट मेन स्टेज
2 से 5 बजे तक पुरस्कार वितरण गोरखनाथ मंदिर
(भजन-अनूप जलोटा, अनुराधा पौडवाल)
5 से 6:30 बजे सबरंग मेन स्टेज
7 बजे से बालीवुड नाइट मेन स्टेज
(ललित पंडित, शॉन, भूति तिवारी, अनुराधा पौडवाल, कॉमेडियन जिमि मोजेज)