TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

अखलाक की बेटी ने खोला गोवंश मांस का राज,कहा- मसूरी से लाए थे रिश्तेदार

By
Published on: 6 Jun 2016 2:47 PM IST
अखलाक की बेटी ने खोला गोवंश मांस का राज,कहा- मसूरी से लाए थे रिश्तेदार
X

[nextpage title="next" ]

akhlaq फाइल फोटो: अखलाक और उसका परिवार

नोएडा: देश की राजनीति में हलचल मचने वाले बिसाहड़ा कांड पर फिर एक नया खुलासा हुआ है। घर से गोमांस की मिलने की खबर के बाद हिंसक भीड़ द्वारा जान गंवाने वाले अखलाक की बेटी शाइस्ता ने अब एक चौंकाने वाला खुलासा किया है।

ये भी पढ़ें ... दादरी कांड : बीफ विवाद पर महापंचायत से पहले हाई अलर्ट, धारा 144 लागू

पुलिस को दिए बयान में शाइस्ता ने घर में मांस होने की बात स्वीकार की थी। शाइस्ता ने लिखित बयान में कहा था कि उसके घर में मांस था। उसने यह भी बताया कि वह मसूरी में रहने वाले उसके रिश्तेदार ने भिजवाया था।

ये भी पढ़ें ... दादरी कांड: लैब रिपोर्ट में खुलासा, अखलाक के घर में था गाय का मांस

शाइस्ता के बयान से ग्रामीणों में बढ़ी उम्मीद

घर में मांस की बात सामने आने पर ग्रामीणोें ने संतोष जताया है। ऐसे में शाइस्ता के बयान से गांव वालों के आरोप को बल मिल रहा है।

पूर्व अधिकारी ने भी किया स्वीकार

पूर्व अधिकारी ने भी माना है कि यह बयान ग्रामीणों के पक्ष में जा सकता है। इससे आरोपियों पर लगे मामले तो कम नहीं होंगे, लेकिन इससे राहत की कुछ उम्मीद जरूर की जा सकती है।

सवालों के घेरे में पुलिस

शाइस्ता के लिखित कबूलनामे की बात सामने आने के बाद अब ग्रेटर नोएडा पुलिस सवालों के घेरे में है। पुलिस पर यह सवाल उठ रहा है कि जब मरहूम अखलाक की बेटी ने इकबालिया बयान में घर में मांस होने की बात कबूली थी। ऐसे में पुलिस मांस को जांच में शामिल करने से क्यों बचती रही?

आगे की स्लाइड्स में पहली बार पढ़िए, आरोपी पक्ष का दावा- क्यों और कैसे हुई थी अखलाक की हत्या

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

fir-akhlaq

28 सितंबर 2015 को ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाके के बिसाहड़ा गांव में गोवध के आरोप में अखलाक की पीट-पीटकर हत्या के मामले में आरोपी पक्ष ने पुलिस को सौंपी अपनी तहरीर में इस घटना की दूसरी ही कहानी पेश की है। आरोपी पक्ष ने तहरीर में दावा किया है कि अखलाक ने माना था कि परिवार ने बछड़े को काटा। तहरीर में ये भी कहा गया है कि अखलाक के घर से बछड़े के अवशेष मिले थे।

इससे पहले अखलाक के परिवार ने पुलिस को बयान दिया था कि गांव के एक मंदिर से लाउडस्पीकर पर एलान के बाद भीड़ ने घर पर धावा बोला और अखलाक और उनके बेटे दानिश को खींचकर घर से बाहर ले जाया गया। जहां दोनों की जमकर पिटाई की गई। इसके एक दिन बाद अखलाक की अस्पताल में मौत हो गई थी।

ईद वाले दिन अखलाक ले गया था बछड़ा

आरोपी पक्ष की तहरीर के मुताबिक 25 सितंबर 2015 को बकरीद थी। बिसाहड़ा गांव में घूमने वाले एक बछड़े को लोग प्यार से आटा और रोटी खिलाते थे। करीब 12 बजे गांव के रणवीर पुत्र राजेंद्र और जतन पुत्र मुसद्दी ने देखा कि अखलाक और उसका बेटा दानिश बछड़े को गली में घेरकर अपने घर ले जा रहे हैं। पूछने पर अखलाक ने कहा कि बछड़ा लोगों को मारता है। सामने मेरे भाई जान मोहम्मद के मकान में इसे बंद कर देता हूं। इस पर रणवीर और मुसद्दी घर चले गए।

26 और 27 सितंबर को क्या हुआ?

तहरीर के मुताबिक 26 सितंबर 2015 को प्रेम सिंह पुत्र विशंभर ने दोपहर करीब साढ़े बारह बजे अखलाक के भाई के बंद पड़े मकान से बछड़े के रंभाने की आवाज सुनी। गांव के मदन सिंह के मकान के सामने गली से देखा कि अखलाक पुत्र शमीद खान, अखलाक की मां असगरी, अखलाक की पत्नी इकरामन, शाइस्ता और अखलाक के भाई जफरुद्दीन की पत्नी सोना ने बछड़े को गिराकर पकड़ रखा है और जान मोहम्मद छुरे से उसका गला रेत रहा है। प्रेम सिंह ये देखकर डर गया और लोगों को कुछ नहीं बताया। 27 सितंबर को गांववालों में चर्चा ने जोर पकड़ा कि बछड़ा दो दिन से दिख नहीं रहा है। लोगों ने उसे तलाश भी किया।

आगे की स्लाइड में पढ़िए, अखलाक ने कैसे गलती मानी और फिर कैसे की गई उसकी हत्या

[/nextpage]

[nextpage title="next" ]

akhlaq-village बिसाहड़ा का शिव मंदिर

28 सितंबर को क्या हुआ था?

तहरीर में कहा गया है कि रात करीब 8 बजे ओमप्रक्राश पुत्र राजाराम के मकान के पास जहां ट्रांसफॉर्मर लगा है, वहां अखलाक एक बड़ी काली पन्नी में कुछ सामान फेंक रहा था। उस वक्त गांव के ही ओमपाल और कंछी ने टॉर्च की रोशनी में उसे देखा और शोर मचाया। शोर सुनकर लोग आए और अखलाक को घेर लिया। लोग गुस्से में थे और इससे अखलाक डर गया। हालांकि उसने कहा कि फ्रिज में देख लो कि वहां बछड़ा नहीं, कुर्बानी के जानवर का मटन रखा है।

अखलाक ने मानी गलती

आरोपियों की तहरीर के अनुसार कुछ लोग अखलाक के घर पहुंचे। फ्रिज को खोलने पर पाया कि भगोने में पशु के अवशेष रखे थे। सारे लोग भगोने को लेकर ट्रांसफॉर्मर के पास आए। उन्होंने कहा कि भगोने में तो किसी बड़े पशु का मांस है। इस पर अखलाक ने माफी मांगी और कहा कि हमसे बड़ी गलती हो गई है। तहरीर में लिखा है कि अखलाक ने माना कि बकरीद पर बछड़े की कुर्बानी कर दी थी और भगोने में बछड़े का ही मीट है।

भीड़ ने की अखलाक-दानिश की पिटाई

तहरीर में लिखा गया है कि गुस्साए लोगों ने अखलाक और दानिश को पीटना शुरू कर दिया। गांव के ही संजय सिंह ने जारचा पुलिस को फोन कर बताया कि बिसाहड़ा गांव में गोहत्या को लेकर बवाल हो गया है। भीड़ बेकाबू है। इस पर करीब आधे घंटे बाद पेट्रोलिंग की जिप्सी और जारचा थाने की पुलिस पहुंची। उस वक्त तक मारपीट से अखलाक और दानिश घायल हो चुके थे। पुलिस दोनों को कैलाश हॉस्पिटल ले गई। जहां 29 सितंबर को अखलाक की मौत हो गई।

8 अक्टूबर को भेजी थी चिट्ठियां

तहरीर के अनुसार घटना के बारे में पूरा ब्योरा नोएडा के एसएसपी, डीआईजी मेरठ, आईजी मेरठ, डीजीपी, यूपी के सीएम, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री को रजिस्ट्री कर 8 अक्टूबर को भेजा गया था। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। तहरीर में ये भी लिखा है कि जिस वक्त जारचा थाने की पुलिस अखलाक के घर से लाए गए मांस को भगोने से सील कर रही थी, उस वक्त गांववालों ने पूरी कार्रवाई करते पुलिसवाले का फोटो भी खींचा था। इस तहरीर के आधार पर अखलाक के परिवार के खिलाफ गोवध और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग तहरीर में की गई है।

[/nextpage]



\

Next Story