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मुस्लिम फ्रंट का आरोप- केंद्र और UP सरकार ने कराई तंजील की हत्या
मुज़फ्फरनगर: बीते दिनों बिजनौर में एनआइए अधिकारी तंजील अहमद की गोलियों से छलनी कर हत्या कर दी गई थी। तंजील की मौत के पीछे के कारणों को लेकर कयास जारी हैं। यूपी पुलिस ने हत्या से जुड़े तथ्यों के खुलासे तो किए लेकिन अब उन पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं।
मुज़फ्फरनगर में ऑल इंडिया मुस्लिम फ्रंट प्रदेश अध्यक्ष परवेज आफताब ने एक प्रेस वार्ता के दौरान केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर तंजील अहमद की हत्या का आरोप लगाया है।
क्या लगाए आरोप?
-परवेज आफताब ने कहा, तंजील पठानकोट हमले की जांच टीम का हिस्सा थे। उनके सीने में कई राज छुपे थे।
-यदि वे राज उजागर हो जाते तो केंद्र सरकार में बैठे मंत्रियो और अधिकारियों की गर्दन फंस सकती थी।
-इसलिए केंद्र सरकार ने यूपी सरकार की मदद से तंजील अहमद की हत्या करवाई।
-इस हत्या में यूपी सरकार पूरी तरह संलिप्त है, जो घोर निंदनीय है।
जांच समिति में करें मुस्लिम को शामिल
-परवेज आफताब ने मांग की है कि पूरे प्रकरण की जांच हाईकोर्ट के अवकाश प्राप्त जज से करवाई जाए।
-साथ ही जांच समिति में कम से कम दो मुस्लिम को शामिल किया जाए।
-उन्होंने कहा, तंजील की हत्या उस तरह से की गई है जैसे आतंकवादियों के राज छुपाने के लिए शहीद हेमंत करकरे की हुई थी।
पूछा- अगला नंबर किसका?
-परवेज ने कहा, पहले सीओ जियाउलहक का कत्ल किया गया था। अब तंजील अहमद का। अगला नंबर किसका है।
-अखलेश राज में मुस्लिम अधिकारियों की हो रही हत्याएं हमारे लिए चिंता का विषय है।
उठाए कुछ अहम सवाल
-ये जांच का विषय है कि प्रॉपर्टी विवाद में कोई किसी को 24 गोली नहीं मारता।
-9 MM सरकारी बोर पिस्टल निजी इस्तेमाल को नहीं दिया जाता है।
-अगर प्रॉपर्टी का विवाद होता तो उनके बच्चों का कत्ल क्यों नहीं किया गया।
-यदि प्रॉपर्टी विवाद होता तो तंजील की हत्या के बाद संपत्ति उनके बच्चों के नाम ही होगी। तो उनके बच्चों का कत्ल क्यों नहीं किया गया।