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अमर सिंह से मुलाकात के बाद शिवपाल यादव को बनाया गया UP प्रभारी
लखनऊ: अब इसे संयोग कहें या फिर राजनीतिक घटनाक्रम पर सच यही है कि सोमवार को अमर सिंह लखनऊ में थे। उन्होंने शिवपाल सिंह यादव और सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात भी की। इसके बाद वह दिल्ली चले गए। इसके थोड़ी ही देर बाद सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने शिवपाल यादव को सपा का यूपी प्रभारी बनाने की घोषणा की थी।
पर्दे के पीछे से काम कर रहे हैं अमर सिंह
-पार्टी नेताओं का कहना है कि अमर सिंह पर्दे के पीछे से सपा के रणनीतिकार के रूप में काम कर रहे हैं।
-चुनावी समीकरण को दुरुस्त करने में उनकी भूमिका अभी से नजर आ रही है।
शिवपाल को मिला विवादों से दूर रहने का फल
-कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव को यह पद दिए जाने का कारण बीते चार सालों में विवादों से दूर रहना भी हो सकता है।
-भले ही पार्टी के महासचिव रामगोपाल और उनके बेटे अक्षय यादव का नाम यादव सिंह के केस में लिया जा रहा हो।
-कहा जा सकता है कि शिवपाल का विवादों से दूर रहना आज उनके काम आया।
प्रत्याशियों की स्क्रूटनी करेंगे शिवपाल
-कहा जा रहा है कि इन्हीं वजहों को देखते हुए शिवपाल यादव को विधानसभा चुनाव में प्रत्याशियों के चयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
-यादव पहले उम्मीदवारों की स्क्रूटनी करेंगे।
-तब सूची सपा मुखिया के पास जाएगी।
-पार्टी नेताओं का कहना है कि ऐसा चुनाव को देखते हुए किया गया है।
पंचायत चुनावों में दिखा था दम
-सपा के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि जब शिवपाल यादव को पंचायत चुनावों की जिम्मेदारी दी गई थी तो संगठन में कोई खास विवाद नहीं हुआ।
-हुआ भी तो यूथ ब्रिगेड के युवा नेता सुनील यादव और आनन्द भदौरिया को बाहर का रास्ता दिखाकर एक कड़ा संदेश दिया गया।
-इसके बाद पार्टी के अंदर विरोधी गतिविधि में शामिल रहने वाले नेताओं की जुबान पर ताले पड़ गए।
एमएलसी चुनावों में विद्रोह आया था सामने
-इसके इतर एमएलसी चुनावों में सपा नेता जिलों में कई धड़ों में बंटे नजर आए।
-उदाहरण के तौर पर मेरठ से सपा नेता वीरेंद्र यादव ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
-वहीं गोरखपुर में दो प्रत्याशियों ने सपा के निशान पर पर्चा भरा था।
-इसके अलावा कई जिलों में चुनाव के अंत तक टिकट को लेकर विवाद थमे नहीं थे।