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काशी की इस बेटी के IDEA पर चलेगी ई-बोट, PM मोदी करेंगे शुरुआत
वाराणसी: शहर के सोशल, कल्चरल इवेंट्स और पेज-3 पार्टीज का चेहरा मानी जाने वाली अंकिता खत्री 'ओ मांझी रे... अपना किनारा तो नदिया की धारा है..' गुनगुनाती मिल जाएंगी। कारण भी है, इन्हीं के सुझाव पर एक मई को पीएम नरेंद्र मोदी वाराणसी में गंगा नदी में ई-बोट चलाने की शुरुआत करेंगे।
'काशी अविनाशी' में दिया था सुझाव
अंकिता बताती हैं कि पिछले साल 18 सितंबर को पीएम नरेंद्र मोदी से उनकी मुलाकात हुई थी। इस दौरान उन्होंने पीएम को अपना डिज़ाइन किया हुआ ब्रोशर पेश किया था। इस ब्रोशर में उन्होंने वाराणसी के कल्चरल आइडेंटिटी को बचाने के लिए कुछ सुझाव दिए थे। उन्हीं में से एक था गंगा नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए ई-बोट को चलवाना।
अंकिता बताती हैं कि उनका यह सुझाव हालांकि सातवें नंबर पर था, लेकिन पीएम को बेहद पसंद आया। वे फूली नहीं समा रहीं हैं कि उनका सुझाव अब मूर्त रूप ले रहा है।
गंगा की सैर पर अंकिता खत्री
ई-बोट पर किया पहला ट्रायल राइड
अंकिता ने अपने पति और मशहूर फोटोग्राफर मनीष खत्री के साथ शुक्रवार की शाम उस ई बोट पर ट्रायल राइड भी ली, जिसका उदघाटन पीएम नरेंद्र मोदी अपने वाराणसी दौरे पर करेंगे। वे कहती हैं ई बोट के आईडिया के इम्प्लीमेंट होने की खबर से बतौर एक आम नागरिक उनका उत्साहवर्धन हुआ है। वे काशी को सुंदर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगी।
और क्या हैं अंकिता के सुझाव ?
अंकिता बताती हैं कि उन्होंने पीएम को कई सुझाव दिए थे, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
-ई बोट में प्लेन और ट्रेनों की तरह बायो-टॉयलेट्स लगवाना।
-काशी को पॉलिथीन मुक्त बनाना।
-शहर में पब्लिक प्लेसेज पर वृद्ध और दिव्यांगों के लिए रैंप बनवाना, जिनमें घाट भी शामिल हैं।
-गंगा किनारे के घाटों पर धोबियों के कपड़ा धोने पर लगे रोक।
-घाट के किनारे इमारतों पर किए जाने वाले इनेमल पेंट के इस्तेमाल पर रोक।
-नावों पर पेंट से पुते विज्ञापन हटवाना।
-स्टील की रेलिंग की जगह घाटों के पत्थरों से मेल खाती पत्थर की रेलिंग्स लगवाना।
-सफ़ेद एलईडी लाइट्स की जगह पीली एलईडी लाइट्स लगवाई जाए ताकि रात में एक बार फिर घाटों की ख़ूबसूरती लौट सके।
-काशी में आखिरी प्वाइंट गार्बेज डिस्पोजल सिस्टम को मॉडर्न करना ताकि काशी साफ़ सुथरी दिखे।
अंकिता को उम्मीद है कि उनके अन्य सुझावों को भी जल्द अमल में लाया जाएगा जाएगा।
अस्सी घाट पर तैयार हो रही है ईको-बोट
-काशी के अस्सी घाट पर इको बोट तैयार की जा रही है, जिसे सजाया-संवारा जा रहा है।
-स्थानीय पार्षद गोविंद शर्मा और कारीगर शेख के मुताबिक हर बोट में बैटरी और पैडल लगाए जाएंगे।
-बोट के चार्ज होने पर 8 से 10 सवारी को बैठाकर 10 घंटे तक गंगा की सैर कराई जा सकती है।
-इसे स्टार्ट करने के लिए हैंडल का इस्तेमाल नहीं करना पड़ेगा।
-इस बोट से धुआं और आवाज नहीं आएगी, जो गंगा में जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण का बड़ा कारण है।