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मुठभेड़ में गोली लगने से ASI शहीद, मौके पर छोड़कर भाग गए पुलिसवाले?
नोएडा: ग्रेटर नोएडा में दादरी इलाके के नई बस्ती में सोमवार सुबह पांच बजे बदमाशों और पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ हुई। इसमें एएसआई अख्तर खान शहीद हो गए। बदमाशों ने उनके गले में गोली मारी थी। हॉस्पिटल ले जाए जाने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। राज्य सरकार ने शहीद के परिवार को 20 लाख रुपए सहायता राशि देने की घोषणा की है। दादरी के निरीक्षक को बदल दिया गया है अब निरंजन कुमार राय की तैनाती की गई है।
छोड़कर भाग गए साथी
-सूत्रों के मुताबिक, जब एएसआई को गोली लगी तो उसकी टीम के साथ थे सब उसे अकेला छोड़कर भाग गए।
-वह गोली लगने के एक घंटे बाद तक तड़पते रहे। एक घंटे बाद आकर उन्हें हॉस्पिटल ले जाया गया।
-मुठभेड़ के दौरान पुलिस और बदमाशों की तरफ से करीब आठ राउंड फायरिंग की गई।
-पुलिस जानकारी के मुताबिक सिर्फ एक बदमाश होने चाहिए था। लेकिन वहां अन्य बदमाश भी थे।
एनकाउंटर साइट
एडीजी ने कहा हो रही जांच
-एडीजी लॉ एंड आर्डर दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं। पूरी प्रकरण की जांच डीआईजी मेरठ रेंज लक्ष्मी सिंह कर रहे हैं।
परिवार ने की CBI जांच की मांग
अख्तर खान के परिजनों ने साजिश की आशंका जताई है। उन्होंने घटना की सीबीआई जांच की मांग की है।
एक गिरफ्तार
-इस मामले में पुलिस ने एक बदमाश औरंगजेब को गिरफ्तार कर लिया है।
-यह जानकारी मेरठ जोन के आईजी सुजीत पांडे ने दी।
-मुठभेड़ में औरंगजेब को भी गोली लगी है। फरार बदमाश जावेद और फुरकान पर 50 हजार का इनाम घोषित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला ?
-पुलिस को सूचना मिली कि लूट का एक आरोपी दादरी कस्बे के नई बस्ती में छिपा है।
-एएसआई अख्तर खान ने कुछ पुलिसकर्मियों के साथ वहां रेड डाली।
-बदमाशों को पहले ही पुलिस के आने का पता चल गया था।
-पहले से घात लगाकर बैठे बदमाशों ने पुलिस पर फायरिंग कर दी।
क्या कहना है एसपी का ?
-एसपी अभिषेक यादव ने बताया कि पूरे मामले की जांच की जा रही है।
-बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस की कुछ और टीमें लगी हुई हैं।
-जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
-पुलिस की टीम वहां फरकान नाम के आरोपी की तलाश में गई थी।
-उस पर लूट और हत्या के कई मुकदमें नोएडा, ग्रेटरनोएडा और एनसीआर में दर्ज थे।
1998 बेच के सिपाही थे अख्तर
-एसपी ने बताया कि अख्तर 1998 बेच में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे। 11 जून 2011 में वह दरोगा के पद पर दादरी कोतवाली में आए थे।
-इसके पहले भी वह ग्रेटरनोएडा के कई चौकी में रह चुके हैं। परिवार में एक बेटी और दो बेटे हैं।
-वह मूलरूप से अलीगढ़ के रहने वाले थे। फिलहाल शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है।