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अयोध्या विवाद : तो क्या विवादित जमीन पर बनेगी मस्जिद-ए-अमन !

अयोध्या में विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर और लखनऊ के हुसैनाबाद घंटाघर के सामने खाली जिस जमीन पर मस्जिद-ए-अमन बनाने का प्रस्ताव है, वह भूमि पहले से विवादित है।

tiwarishalini
Published on: 21 Nov 2017 5:50 PM IST
अयोध्या विवाद : तो क्या विवादित जमीन पर बनेगी मस्जिद-ए-अमन !
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अयोध्या विवाद : तो क्या लखनऊ की विवादित जमीन पर बनेगी मस्जिद-ए-अमन

लखनऊ : अयोध्या में विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर और लखनऊ के हुसैनाबाद घंटाघर के सामने खाली जिस जमीन पर मस्जिद-ए-अमन बनाने का प्रस्ताव है, वह भूमि पहले से विवादित है। पूर्व नगर विकास मंत्री लालजी टंडन से लेकर शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक की निगाह इस जमीन पर रही है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के राज में हॉट सिटी बनाने का प्रस्ताव इमाम-ए-जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद नकवी के विरोध के बाद काम रोकना पड़ा था। धर्मगुरु इस जमीन को हुसैनाबाद की संपत्ति बताते हैं। जबकि, सरकार का इस जमीन पर कब्जा है।

मौलाना के विरोध पर रुका हॉट सिटी का काम

देश के सबसे बड़े और पुराने राम जन्म भूमि बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए लखनऊ में जिस जमीन पर मस्जिद बनाने का सुझाव है, वह जमीन विवादित है। साल 2001 में तत्कालीन सीएम राजनाथ सिंह की कैबिनेट में नगर विकास विभाग संभालने वाले लालजी टंडन ने इस भूमि पर हॉट सिटी के नाम से पार्क बनाने का प्रस्ताव शासन से स्वीकृत कराया था।

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निर्माण कार्य शुरू होते ही शिया धर्म गुरु और इमामे-ए-जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद नकवी ने अपने समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। विरोध प्रदर्शन और हंगामे के चलते यह योजना अधर में लटक गई। मौलाना कल्बे जवाद कहते हैं कि यह संपत्ति हुसैनाबाद ट्रस्ट की है। ऐसे में शिया वक्फ बोर्ड और सरकार को इस जमीन पर किसी तरह का निर्माण कार्य कराने का अधिकार नहीं है।

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प्रशासन ने हटवाया यूनिटी गर्ल्स कॉलेज के नाम पर लगा बोर्ड

इस जमीन पर एक और विवाद तब शुरू हुआ जब साल 2005 शिया धर्मगुरु मौलाना डॉ. कल्बे सादिक ने इस भूमि को यूनिटी गर्ल्स डिग्री कॉलेज को दिए जाने का प्रस्ताव तत्कालीन सीएम मुलायम सिंह यादव को सौंपा। मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के मौलाना कल्बे सादिक के वापस लौटते ही उन के बेटे कल्बे हुसैन ने दलबल के साथ पहुंचकर भूमि पर यूनिटी गर्ल्स डिग्री कॉलेज का बोर्ड लगा दिया। कई दिनों तक चले वाद-विवाद के बाद जिला प्रशासन ने उक्त भूमि से गर्ल्स कॉलेज का बोर्ड हटा दिया। विवाद के चलते ही प्राइम लोकेशन की यह संपत्ति खाली पड़ी है। दरअसल, शिया धर्मगुरु इसे हुसैनाबाद ट्रस्ट की संपत्ति होने का दावा करते हैं। जबकि जिला प्रशासन इसे नजूल की भूमि का प्रमाण पेश करता रहा है।

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आजम खान के इशारे पर हो रहा है काम

शिया धर्मगुरु और इमाम-ए-जुमा लखनऊ मौलाना कल्बे जवाद नकवी कहते हैं कि वसीम रिजवी का यह प्रस्ताव सिर्फ एक शरारत का हिस्सा है। इस तरह के प्रस्ताव पर न तो कोई सहमति बनने वाली है और न ही कोर्ट की निगाह में इसकी कोई अहमियत है क्योंकि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड इस पूरे मामले में पार्टी ही नहीं है। वह कहते हैं कि सपा राज में हुए घोटालों से बचने के लिए पूर्व मंत्री आजम खान के इशारे पर यह सब हो रहा है।

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रिजवी ने पेश किया मसौदा

इससे पहले, शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी ने सोमवार को बाबरी मस्जिद विवाद को सुलझाने के लिए मसौदा तैयार करने का दावा पेश किया। इस मसौदे पर अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् समेत कई पक्षकारों के हस्ताक्षर होने का दावा किया गया। मसौदे में विवादित स्थल पर भव्य राम मंदिर और लखनऊ में मस्जिद-ए-अमन के निर्माण का प्रस्ताव है। इस मसौदे का सबसे चौंकाने वाला तथ्य रहा कि इस विवाद में पक्षकार सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड की तरफ से किसी के हस्ताक्षर नहीं हैं।



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