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भासपा से हुआ BJP का गठबंधन, शाह बोले- सचेत हो जाओ मुलायम

Rishi
Published on: 8 July 2016 7:00 PM GMT
भासपा से हुआ BJP का गठबंधन, शाह बोले- सचेत हो जाओ मुलायम
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मऊ: पूर्वी उत्तर प्रदेश में खास जनाधार रखने वाले भारतीय समाज पार्टी के साथ गठबंधन की घोषणा के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ये कह के सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव को सचेत किया कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी सत्ता में आ रही है।

अमित शाह ने कहा- मुलायम सिंह यादव ने खुद स्वीकार किया है कि उनकी पार्टी की सरकार में जमीन पर कब्जा करने वाले भरे हुए हैं और भ्रष्टाचार चरम पर है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के साथ पूर्वी यूपी से भी लोगों का पलायन हो रहा है और सरकार चुप है। यूपी में काम और विकास इसलिए नहीं हो रहा है क्योंकि यहां साढ़े तीन मुख्यमंत्री हैं। अखिलेश यादव के अलावा उनके दो चाचा और सपा अध्यक्ष मिल के तीन सीएम जबकि आधे सीएम आजम खान हैं। चाचा कौमी एकता दल का विलय कराते हैं तो भतीजा अखिलेश उन्हें ऐसा करने से रोकते हैं। जनता सपा की इस नूरा कुश्ती को समझती है। अमित शाह ने कहा- मुलायम सिंह जी अब ये नाटक बंद किजिए और कराईए।जनता बहुत दिन धोखा नहीं खाने वाली।

अमित शाह ने बसपा प्रमुख मायावती पर भी निशाना साधा और कहा कि दलितों के वोट को उन्होंने नोट की मशीन में बदल दिया है। हर चुनाव के बाद उनकी नोटों की मशीन में इजाफा हो जाता है। अब तो वो खुद भी कहती हैं कि मां बाप ने उनका नाम माया रखा है तो माया तो उनके पास रहेगी ही। अमित शाह ने मायावती की 2007 से 2012 तक चली सरकार को देश की भ्रष्टतम सरकार करार दिया।

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कार्यक्रम में उनके साथ ओम प्रकाश राजभर, रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा, प्रदेश बीजेपी अघ्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य आदि मौजूद रहे। मंच पर स्वागत के बाद सबसे पहले मनोज सिन्हा ने लोगों को संबोधित करते हुए रेलवे की उपलब्धियों को गिनाया। जिले के लोगों की रेल जरूरतों को पूरा करने की बात कही और पूर्वांचल को देश में पहचान दिलाने का भरोसा जताया। साथ ही ओम प्रकाश राजभर को भाजपा का साथ देने के लिए साधुवाद भी दिया।

केशव प्रसाद मौर्य ने कहा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि यूपी में अपराधियों कै गैंग की सरकार है, इस बात को मुलायम सिंह यादव ने खुद स्वीकार भी किया है। वहीं दूसरी ओर मायावती ने गरीबों को लूटा है लिहाजा बीजेपी ही बेहतर विकल्प है। उन्होंने कहा- प्रधानमंत्री ने कांग्रेस मुक्त भारत का नारा दिया है अब सपा बसपा मुक्त उत्तर प्रदेश की बारी है। उन्होंने जनता से इस अभियान में हाथ उठाकर समर्थन भी मांगा।

गठबंधन को मिली मंजूरी

अमित शाह ने यहां भारतीय समाज पार्टी का दमखम भी देखा। रेलवे मैदान में आयोजित महापंचायत रैली को संबोधित करते हुए भासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने जनता से संवाद किया और भासपा-भाजपा के आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर गठबंधन की घोषणा भी की। इस दौरान गठबंधन की बाबत उन्होंने अपने समर्थकों से हाथ उठवा कर संस्तुति भी मांगी। साथ ही सीधे संवाद कर जनता की भावना को भी उभारा और अलग पूर्वांचल राज्य की मांग को उठाया। कहा कि सरकार आने पर विकास, पढाई, फीस, तकनीकी शिक्षा काे प्राथमिकता दी जाएगी। गठबंधन की सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी।

भासपा से गठजोड़ की वजह क्या?

-यूपी में राजभर समाज के करीब 8 फीसदी वोटर हैं।

-राजभर वोटर 42 सीटों पर हैं और इनके वोट इन सीटों पर जीत-हार में महत्वपूर्ण होते हैं।

-जंगीपुर विधानसभा उप चुनाव में भासपा का उम्मीदवार 8 हजार से ज्यादा वोट लेकर तीसरे नंबर पर रहा था।

-गठजोड़ के बाद बीजेपी के समर्थन से पूर्वांचल की 22 सीटों पर भासपा के उम्मीदवार विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं।

-बीजेपी अनुप्रिया पटेल को मंत्री बनाकर 16 जिलों में 8 से 12 फीसदी कुर्मी वोटरों को अपने साथ जुटाने का दांव पहले ही चल चुकी है।

कौन हैं ओमप्रकाश राजभर?

-पहले बीएसपी के साथ थे ओमप्रकाश राजभर।

-साल 2002 में बीएसपी को अलविदा कहा।

-सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी बनाई।

-ओमप्रकाश ने पिछले दिनों अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में भी बयान दिया था।

-इस तरह वह बीजेपी को अपने लिए फिलहाल मुफीद नजर आ रहे हैं।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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