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बुराड़ी कांड: CCTV में सामान बटोरती दिखीं मां-बेटी, सुलझ गया सभी मौतों का रहस्य

Manali Rastogi
Published on: 5 July 2018 9:38 AM IST
बुराड़ी कांड: CCTV में सामान बटोरती दिखीं मां-बेटी, सुलझ गया सभी मौतों का रहस्य
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नई दिल्ली: बुराड़ी कांड ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। दरअसल, जांच के दौरान पुलिस के हाथों एक सीसीटीवी फुटेज लगा है, जिसमें परिवार के लोग स्टूलों और तारों को इकट्ठा देखा गया। ये सभी सामान फांसी लगाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे।

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बता दें, अभी तक पुलिस ने जितनी भी जांच-पड़ताल की है, उससे यही बात सामने आई है कि परिवार के छोटे बेटे ललित ने परिजनों को सामूहिक आत्महत्या के लिए उकसाया था।

फुटेज में रात 10 बजे सामान बटोरते दिखीं मां-बेटी

सीसीटीवी फुटेज के मुताबिक, रात 10 बजे मां-बेटी पांच स्टूल लाती दिखी थीं। इन स्टूलों के इस्तेमाल से पूरे परिवार ने फांसी लगाई थी।

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बिल्डर ने किसी प्लानिंग को लेकर किया मना

इस घर में 11 पाइप्स को लगाने वाले कांट्रेक्टर कुंवर पाल ने इस बात का खंडन किया है कि 11 मौतों का 11 पाइपों से कोई नाता है। कुंवर का कहना है कि ये महज एक इत्तेफाक है और उससे ज्यादा कुछ नहीं। बता दें, इस मामले में 11 नंबर बहुत महत्वपूर्ण कड़ी है क्योंकि 11 मौतों और पाइपों के साथ यहां 11 रजिस्टर भी मिले।

घर से मिले 11 रजिस्टर

जांच के दौरान पुलिस को घर से 11 रजिस्टर भी मिले। इन सभी को आज से 11 साल पहले से लिखा जा रहा था। वहीं, इनपर लिखी बातें घटना से मेल खा रही हैं। इसका मतलब ये हुआ कि 11 साल पहले ही इस घटना के बारे में लिख दिया गया था। मगर इन डायरियों में खुदखुशी की बात कही भी नहीं लिखी गई थी।

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ललित के सपनों में आते थे पिता

इन डायरियों में ललित ने खुलासा किया कि उसके सपनों में पिता आते थे और मोक्ष प्राप्ति की बातें करते थे। वहीं, सबसे हैरानी वाली बात ये है कि पूरे परिवार को ललित की बातों पर विश्वास भी था क्योंकि उनको लगता था कि ललित के मृत पिता ही सबको ऐसा करने के लिए आदेश दे रहे हैं।

सुलझ गया 11 मौतों का रहस्य

इस मामले की जांच अब लगभग पूरी हो चुकी है। दरअसल, ये मामला 2007 में ही शुरू हो गया था, जब परिवार के मुखिया भोपाल सिंह की मौत हो गई थी। ऐसे में पिता की मृत्यु के बाद ललित के अंदर उसके पिता की 'आत्मा' आने लगी, जिसके बाद पूरे परिवार को विश्वास हो गया कि भोपाल सिंह ललित के जरिये अपनी बातें कह रहे हैं। इस तरह जो भी ललित कहता था पूरा परिवार वैसा ही करता था।



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