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वाराणसी मेट्रो के DPR को कैबिनेट की मंजूरी,साल के अंत तक शुरू होगा काम

Admin
Published on: 19 April 2016 5:02 AM GMT
वाराणसी मेट्रो के DPR को कैबिनेट की मंजूरी,साल के अंत तक शुरू होगा काम
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लखनऊ: पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के लोगों के लिए खुशखबरी है। सोमवार को सीएम अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में वाराणसी मेट्रो के डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दे दी गई है। इससे वाराणसी में मेट्रो कंस्ट्रक्शन का रास्ता साफ हो गया है। कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब कयास लगाए जा रहे हैं कि सर्वे का काम पूरा होते ही, यहां साल के अंत तक सिविल कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो जाएगा। वाराणसी में मेट्रो कंस्ट्रक्शन पर कुल लागत 17,277 करोड़ रुपए की आएगी और यह शहर में 29.235 किमी की दूरी तय करेगी। वाराणसी मेट्रो का 80 फीसदी हिस्सा अंडरग्राउंड होगा। वाराणसी की सड़कों और घनी आबादी को देखते हुए, ये फैसला लिया गया है।

हिस्टोरिकल होने के कारण चुनौतियां ज्यादा

इससे पहले मेट्रोमैन श्रीधरन ने वाराणसी मेट्रो के बारे में बात करते हुए newztrack को बताया था कि प्राचीन शहर होने के कारण यहां कई धार्मिक स्थल हैं, जिनके चलते वहां ज्यादातर हिस्सों में मेट्रो का एलीवेटेड हिस्सा नहीं बन सकता। इसका एक ही उपाय है कि वहां ज्यादातर मेट्रो रूट को जमीन के नीचे बनाया जाए।

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सीवर लाइन से काफी नीचे बनेगा मेट्रो रूट

श्रीधरन के मुताबिक, बनारस में अंडरग्राउंड सीवर सिस्टम को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा, क्योंकि मेट्रो का रूट काफी नीचे होगा। बनारस में सीवर लाइन 5-6 मीटर नीचे हैं, जबकि मेट्रो का रूट सतह से 15 मीटर नीचे होगा। उन्होंने कहा कि बनारस के लोगों को मेट्रो के अंडरग्राउंड कंस्ट्रक्शन को लेकर किसी बात की चिंता नहीं करनी चाहिए।

दो कॉरिडोर, कुल लम्बाई 29.235 किलोमीटर, 23 स्टेशन, 17 अंडरग्राउंड

वाराणसी में बनने वाले मेट्रो रेल प्रोजेक्ट में दो कॉरिडोर होंगे, जिनकी कुचल लम्बाई 28 किलोमीटर होगी। पहला कॉरिडोर 19 किलोमीटर की लम्बाई होगा और बीएचयू से तरना में बीएचईएल तक जाएगा। जबकि दूसरा कॉरिडोर बनिया बाग़ से सारनाथ जाएगा, इसकी कुल लम्बाई लगभग 10 किलोमीटर होगी।

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ऐसे गुजरेगा पहला कॉरिडोर

-बीएचयू गेट के पास से ये कॉरिडोर अंडरग्राउंड होगा और पहला स्टेशन पं मदन मोहन मालवीय चौक पर बनेगा।

-दूसरा स्टेशन तुलसी मानस मंदिर के पास।

-इसके बाद रत्नाकर पार्क, दुर्गा मंदिर और गोदौलिया चौक पर अंडरग्राउंड स्टेशन

-इसके बाद बेनिया बाग़ में अंडरग्राउंड स्टेशन बनेगा।

-बेनिया बाग़ में दोनों कॉरिडोर का इंटरसेक्शन होगा।

-बेनिया के बाद मौलवी पार्क में अंडरग्राउंड स्टेशन।

-इसके बाद भारत माता मंदिर और कैण्ट स्टेशन पर अंडरग्राउंड स्टेशन।

-कैंट के बाद होटल ताज गेटवे, कलेक्ट्रेट और यूपी कॉलेज बस स्टैण्ड के पास अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने का प्रपोजल है।

-इस रूट पर राजराजेश्वरी नगर आखिरी अंडरग्राउंड स्टेशन होगा।

-इसके बाद रैंप के जरिए मेट्रो रूट एलिवेटेड सेक्शन का हो जाएगा।

-इसके बाद श्री संकटहरण हनुमान मंदिर, शिवपुर बाईपास रोड और नवलपुर रोड के चौराहे और तरना बस अड्डे पर एलीवेटेड स्टेशन बनाए जाने का प्रपोजल है।

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दूसरे कॉरिडोर का रूट

-दूसरा कॉरिडोर बेनिया बाग से मैदागिन की ओर बढ़कर सारनाथ तक बनेगा

-इस कॉरिडोर की लम्बाई लगभग 10 किलोमीटर होगी।

-मैदागिन की तरफ बढ़ने पर गांधी मैदान, मछोदरी पार्क और काशी बस अड्डे पर अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाने का प्रपोजल है।

-जलालीपुर स्टेशन पर अंडरग्राउंड स्टेशन के बाद यह कॉरिडोर रैम्प के जरिए एलीवेटेड हो जाएगा।

-सारनाथ स्टेशन तक पहुंचने में पंचकोशी मार्ग और एनएच-29 आशापुर, रिशपट्टन मार्ग और मवइया स्टेशन एलीवेटेड बनाए जाने का प्रपोजल है।

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