TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

UP: CAG रिपोर्ट में खुलासा, BSP-SP सरकार में हर साल 20 लाख बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई

aman
By aman
Published on: 19 May 2017 1:42 PM IST
UP: CAG रिपोर्ट में खुलासा, BSP-SP सरकार में हर साल 20 लाख बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई
X
UP: CAG रिपोर्ट में खुलासा, BSP-SP सरकार में हर साल 20 लाख बच्चों ने छोड़ी पढ़ाई

लखनऊ: केंद्र सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद यूपी के लाखों बच्चे अभी भी 'शिक्षा के अधिकार' से काफी दूर हैं। गुरुवार को विधानमंडल के दोनों सदनों में पेश की गई भारत के नियंत्रक महालेखापरीक्षक यानि सीएजी की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2011-12 से 2015-16 के दौरान हर साल लगभग 20 लाख बच्चे पढ़ाई छोड़ दिया है। यह विश्लेषण लेखा टीम ने जिला शिक्षा सूचना प्रणाली के आंकड़ों के आधार पर तैयार किया है। हालांकि, राज्य सरकार के आंकड़ों की मानें तो प्रति वर्ष स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की औसत संख्या 0.63 लाख है। सीएजी ने आंकड़ों के इस अंतर पर भी कड़ी आपत्ति जताई है।

पूर्व की सरकारें सवालों के घेरे में

सीएजी की यह रिपोर्ट साल 2010 से 2016 तक राज्य में प्राथमिक शिक्षा के हालात पर पूर्व की बसपा-सपा सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा करती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि क्रियान्वयन सोसाइटियों और जिला नियोजन अधिकारियों के बीच सामंजस्य की कमी के कारण गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों का नामांकन बहुत काम हुआ। साथ ही स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या बढ़ी।

आगे की स्लाइड्स में पढ़ें कैग ने रिपोर्ट में और क्या ...

छठी कक्षा में सबसे ज्यादा छोड़ते हैं स्कूल

रिपोर्ट में ये भी सामने आया है कि छठी कक्षा में सबसे ज्यादा बच्चों ने स्कूल छोड़ा है। इसका कारण घरेलू, कृषि कार्यों और पारंपरिक शिल्प में नियोजन और गरीबी को बताया गया है।

करोड़ों खर्च के बावजूद अंधेरे में स्कूल

कैग की रिपोर्ट ये भी बताती है, कि राज्य सरकार विद्यालय भवनों और वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी असफल रही। बिजली उपलब्ध कराने के लिए 64.22 करोड़ रुपए खर्च किए गए, लेकिन 34,098 स्कूलों में आज भी बिजली नहीं पहुंच सकी।

किताबों और यूनिफार्म मामले में भी फिसड्डी

सीएजी की रिपोर्ट ने बच्चों को पाठ्य पुस्तकें और यूनिफार्म उपलब्ध कराने पर भी सवाल खड़े किए हैं। सर्व शिक्षा अभियान के तहत पर्याप्त राशि होने के बावजूद 2012-16 की अवधि में 97 लाख बच्चों को यूनिफार्म उपलब्ध नहीं कराया जा सका। कहा गया है कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के बाद भी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में क्रमश: 18,119 और 30,730 शिक्षकों के पास आवश्यक शैक्षिक योग्यता नहीं थी।



\
aman

aman

Content Writer

अमन कुमार - बिहार से हूं। दिल्ली में पत्रकारिता की पढ़ाई और आकशवाणी से शुरू हुआ सफर जारी है। राजनीति, अर्थव्यवस्था और कोर्ट की ख़बरों में बेहद रुचि। दिल्ली के रास्ते लखनऊ में कदम आज भी बढ़ रहे। बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा सहित कई राज्यों के लिए डेस्क का अनुभव। प्रिंट, रेडियो, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया चारों प्लेटफॉर्म पर काम। फिल्म और फीचर लेखन के साथ फोटोग्राफी का शौक।

Next Story