TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

प्रीति महापात्रा दोहरा पाएंगी राज्यसभा में राजीव शुक्ला का इतिहास ?

Newstrack
Published on: 9 Jun 2016 7:57 PM IST
प्रीति महापात्रा दोहरा पाएंगी राज्यसभा में राजीव शुक्ला का इतिहास ?
X

yogesh-mishra Yogesh Mishra

लखनऊ: भाजपा समर्थित राज्यसभा उम्मीदवार प्रीति महापात्रा क्या पहली बार उत्तर प्रदेश से राज्यसभा पहुंचे राजीव शुक्ला का इतिहास दोहरा पाएंगी। जब भाजपा के ही 20 वोट राजीव शुक्ला के ही खाते में चले गए थे। इससे पहले के राज्यसभा चुनाव में 12 वोट क्रॉस हुए थे। कल्याण सिंह के मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे अधिक बार भाजपा ही टूटी है। पर इसे नज़रअंदाज करते हुए प्रीति महापात्रा और उनके समर्थक दूसरे दलों के टूट की उम्मीद लगाए हुए इस दूसरे उम्मीदवार की जीत के लिए जुगत में जुटे हुए हैं।

अपने किले में सेंध लगते देख मुलायम सिह यादव ने अपने संकटमोटक शिवपाल यादव को इस चुनाव की कमान सौप दी है। पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओ में शिवपाल का ग्राफ काफी ऊपर है। शिवपाल ने अपने करिश्मे से राष्ट्रीय लोकदल के आठों विधायकों को अगले चुनाव में गठबंधन की गांठ बांधकर अपने पाले में खड़ा कर लिया है।

यह भी पढ़ें...UP की राजनीति में गुजरात की सनसनी, जानिए कौन हैं ये प्रीति महापात्रा

सपा को सातवां उम्मीदवार उतारने के लिए सिर्फ दस उम्मीदवार चाहिए। शिवपाल ने न सिर्फ सीधे 8 वोटों का जुगाड़ किया है, बल्कि अपने यहां से टूटकर जाने वाले तकरीबन एक दर्जन विधायकों की संख्या को आधे से कम कर दिया है। यह शिवपाल के करिश्माई मैनेजमेंट का तकाजा है कि अपने चार-पांच विधायकों के क्रॉसवोटिंग की आशंका के बाद भी काग्रेस के कपिल सिब्बल जीत की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

यह भी पढ़ें...प्रीति महापात्रा भी करोड़पति, पर सतीश मिश्रा की संपत्ति से कोसों पीछे

बसपा ने पत्ते नहीं खोले हैं पर उसमें सबसे ज्यादा क्रॉसवोटिंग होगी। वह भाजपा और उसके समर्थित निर्दल उम्मीदवार के पक्ष में होगी। इसके लिए अगले विधानसभा चुनाव में टिकट का आश्वासन एक बड़ा बहाना है। उम्मीद जताई जा रही थी कि बसपा कपिल सिब्बल के पक्ष में खड़ी होगी पर भरोसेमंद सूत्रों की मानें तो बसपा के ब्राह्मण प्रतीक पुरुष को पार्टी मे दूसरे बड़े वकील की जगह नहीं दिख रही है।

भाजपा के लिए चुनाव का संदेश सिर्फ यह होगा कि उसकी क्षमता सभी दलो में सेंधमारी की है। सभी दल उसकी ओर उम्मीद की नजर से देख रहे हैं। जब राजीव शुक्ला चुनाव लड़े थे तो नरेश अग्रवाल की अगुवाई वाली लोकतांत्रिक कांग्रेस के पास 22 विधायक थे। आज जब प्रीति महापात्रा राजीव शुक्ला का इतिहास दोहराना चाहती हैं तो उनके पास 9 विधायक हैं।

यह भी पढ़ें...प्रीति महापात्रा इफैक्ट: विशंभर या रेवती होंगे सपा के सातवें उम्मीदवार

राजीव शुक्ला को 9 वोट तत्कालीन भाजपा के विद्रोही नेता कल्याण सिंह और कांग्रेस के विद्रोही नेता जीतेद्र प्रसाद से 9 वोट मिल गए थे। प्रीति महापात्रा को इतने वोट कहीं से नहीं मिल रहे हैं। उनके हाथ में अभी राजीव शुक्ला के मुकाबले एक तिहाई वोट ही है।

उनकी सेंधमारी का ही नतीजा था कि सपा के कद्दावर नेता जनेश्वर मिश्र को जीत के लिए दूसरे राउंड तक का इंतजार करना पड़ा था। जबकि साक्षी महाराज पहले राउंड में जीत गए थे। भाजपा में सुषमा स्वराज और राजनाथ सिंह ही ऐसे नेता थे जो उस समय पहले राउंड में जीत गए थे। भाजपा के रामनाथ कोविद, रामबक्श वर्मा और बलबीर पुंज को दूसरे और तीसरे राउंड तक इंतजार करना पड़ा था।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story