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NITI Aayog जिस जिले के कायाकल्प में लगा है, वहीं हो गया बड़ा खेल

Manali Rastogi
Published on: 18 Sep 2018 11:05 AM GMT
NITI Aayog जिस जिले के कायाकल्प में लगा है, वहीं हो गया बड़ा खेल
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बलरामपुर: यूपी के जिस गांव की तस्वीर हम आपको दिखाने जा रहे हैं, उस गांव की तस्वीर देखने के बाद आप हैरान हो जाएंगे कि पीएम मोदी और सीएम योगी द्वारा गांवों के विकास के नाम पर दिया जाने वाला पैसा आखिर जा कहां रहा है। आलम ये है जब ग्रामीणों से विकास के नाम पर भ्रष्टाचार की शिकायत की तो उन्हें फर्जी मुकदमे में फंसा दिया गया।

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प्रशासन ने गांव के विकास कार्य व मुकदमे की जांच के आदेश दिये तो मामला इतना हाईप्रोफाइल हो गया कि भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान की ओर से पैरवी कर रहे तिलमिलाए बीजेपी विधायक ने ग्रामीणों को ही गुंडा बता डाला।

NITI Aayog की निगरानी में सरकार कर रही ये काम

देश के अति पिछड़े जिलों में से एक यूपी के बलरामपुर को मोदी सरकार एस्पेरेशनल डिस्ट्रिक्ट का दर्जा दे चुकी है। NITI Aayog की निगरानी में जिला मुख्यालय से चन्द किलोमीटर की दूरी पर स्थित है ग्राम बरईपुर। NITI Aayog की निगरानी में इस जिले का कायाकल्प करने के लिये सरकार हर संभव प्रयास कर रही है लेकिन जड़ में जमा भ्रष्टाचार की दीमक सरकार के प्रयासो पर पानी फेर रहा है। गांव में घुसते ही पता चल जायेगी कि लोग कितना त्रस्त है।

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गांव में न तो नाली है न खडन्डा, ना शौचालय, ना बिजली के खम्बे। गलियों में गंदा पानी भरा है और इसी गंदे पानी में से होकर ग्रामीण रोज बाहर निकलते हैं। लकड़ी के जर्जर पोल पर बिजली के तार लटक रहे हैं जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत देते हैं। इंडिया मार्का नल पानी में डूबा है लोग कुएं का दूषित पानी पीने को मजबूर है। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले वित्तीय वर्ष में इस गांव में नाली, खडन्डा, पेयजल और शौचालय के लिये 58 लाख रुपये खर्च किए गए लेकिन काम कुछ भी नहीं हुआ।

सारा धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया

यह सारा धन भ्रष्टाचार की भेंट चढ गया। वर्तमान प्रधान गुडिया देवी के पुत्र, सास व ससुर के नाम से भी जाब कार्ड बना है। स्कूली छात्रो के नाम भी जाॅबकार्ड पर दर्ज कराकर फर्जी भुगतान किया जा रहा है। ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर जब बगावत का बिगुल फूंक डीएम से भ्रष्टाचार की शिकायत की तो उन्हे ग्राम प्रधान द्वारा फर्जी मुकदमें में फंसा दिया गया।

मामले में बीजेपी के सदर विधायक पल्टूराम पर भी आरोप है कि वे जांच प्रभावित कर भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान की मदद कर रहे है और शिकायतकर्ता ग्रामीणों को धमका रहे हैं। शिकायतकर्ताओं ने अपनी हत्या किये जाने की आशंका भी जताई है। तस्वीरें झूट नहीं बोलती। गांव के विकास की हकीकत तस्वीरें बयां कर रही हैं।

ग्राम प्रधान द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराये जाने के बाद ग्रामीणों ने सदर विधायक पल्टूराम पर भ्रष्टाचारी ग्राम प्रधान को संरक्षण देने का गंभीर आरोप लगाते हुए मामले की लिखित शिकायत मुख्यमंत्री से लेकर जिलाधिकारी से की। जब विधायक से आरोपों पर बात की गई तो वो तिलमिला गये और शिकायतकर्ता ग्रामीणों को ही गुंडा बता डाला।

विधायक का अलग ही तर्क है उनका कहना है कि महिला ग्राम प्रधान से लोग गुंडा टैक्स मांग रहे थे जिस पर ग्राम प्रधान ने स्वयं मुकदमा दर्ज कराया है। ग्राम प्रधान का उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा।

जांच कर रही पुलिस

ग्राम प्रधान द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे की जांच पुलिस द्वारा की जा रही है। मामले पर एसपी राजेश कुमार का कहना है क्योंकि ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान की पहले शिकायत की थी तो हो सकता है कि पेशबंदी में प्रधान ने मुकदमा दर्ज कराया हो जबकि भ्रष्टाचार की शिकायत पर डीएम ने त्री स्तरीय समिति बनाकर गांव के विकास कार्यो की जांच कराये जाने के आदेश दे दिये है।

विकास कार्यो के नाम पर धन की बन्दरबांट को लेकर यह जिला हमेशा से सुर्खियों में रहा है। मनरेगा को लेकर सीबीआई जांच भी चल रही है लेकिन इसके बावजूद विकास के नाम पर भ्रष्टाचार का खुला खेल खेला जा रहा है जिस पर सत्ताधारी नेताओें के संरक्षण में शासन प्रशासन अंकुश नही लगा पा रहा है।

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