अयोध्या में ढांचा गिराने के आपराधिक मामलों की सुनवाई शुरू, कई बड़े नेता हैं आरोपी

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को रायबरेली का मामला लखनऊ की सीबीआई अदालत को स्थानांतरित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन अभियुक्तों को विचारण से पूर्व ही बरी कर दिया गया था उनका भी पूरा विचारण किया जाय।

zafar
Published on: 20 May 2017 9:23 PM GMT
अयोध्या में ढांचा गिराने के आपराधिक मामलों की सुनवाई शुरू, कई बड़े नेता हैं आरोपी
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लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत ने शनिवार को अयोध्या स्थित विवादित ढांचे को ढहाए जाने के आपराधिक मामलों की सुनवाई शुरू कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों को दो साल में निस्तारित करने के आदेश दिये हैं। सीबीआई कोर्ट लखनऊ और रायबरेली मे चल रहे अलग अलग मामलों की सुनवाई अब एक साथ लखनऊ में कर रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को रायबरेली का मामला लखनऊ की सीबीआई अदालत को स्थानांतरित कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जिन अभियुक्तों को विचारण से पूर्व ही बरी कर दिया गया था उनका भी पूरा विचारण किया जाय।

आगे,संतों को मिली जमानत...

जमानत पर रिहा

इसी सिलसिले में सीबीआई के सम्मन पर शनिवार को महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, चंपत राय बंसल व धर्मदास अयोध्या प्रकरण वाली सीबीआई की विशेष अदालत के सामने हाजिर हुए। सभी को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में लिया जिसके बाद उनकी ओर से जमानत की अर्जियां पेश की गयीं। विशेष जज एसके यादव ने सभी पांचों अभियुक्तों की जमानत अर्जिया मंजूर करते हुए उन्हें 20 हजार रुपये की जमानत राशि व इतनी ही निजी मुचलका राशि जमा करने का आदेश दिया।

आगे, सीबीआई ने दी थी बरी करने को चुनौती...

सीबीआई ने दी थी चुनौती

1992 में विवादित ढांचा ढहाए जाने के मामले में दो एफआईआर दर्ज हुई थीं। एक एफआईआर फैजाबाद के थाना राम जन्म भूमि में एसओ प्रियंवदा नाथ शुक्ला ने, जबकि दूसरी एसआई गंगा प्रसाद तिवारी ने दर्ज कराई थी।

सीबीआई ने जांच के बाद इस मामले में कुल 49 मुल्जिमों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें बालासाहेब ठाकरे, कल्याण सिंह, महंत परमहंस रामचंद दासजी, महंत अवेद्यनाथ, महंत नृत्य गोपाल दास, महंत राम विलास वेदांती, बैकुंठ लाल शर्मा उर्फ प्रेमजी, सतीश नागर जी, मोरेसर सवे, सतीश प्रधान, चंपत राय बंसल व महामंडलेश्वर जगदीश मुनि जी महाराज समेत कुल 13 मुल्जिमों को अदालत ने आरोप के स्तर पर ही डिस्चार्ज कर दिया था।

इस आदेश को सीबीआई की तरफ से पहले हाईकोर्ट व बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

आगे स्लाइड में, बड़े नेता हैं मुल्जिम...

खास हैं आरोपी

इधर, लखनऊ में सीबीआई की विशेष अदालत (अयोध्या प्रकरण) में फैजाबाद के तत्कालीन डीएम आरएन श्रीवास्तव, जयभान सिंह पवैया, आचार्य धमेंद्र देव व सुधीर कक्कड़ समेत कुल 28 मुल्जिमों के मुकदमे की कार्यवाही शुरु हो गई। हालांकि अब तक इनमें से छह मुल्जिमों की विचारण के दौरान मौत हो चुकी है। जबकि शेष मुल्जिम लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, विनय कटियार, उमा भारती, विहिप के चेयरमैन अशोक सिंघल, गिरिराज किशोर, विष्णु हरि डालमिया व साध्वी ऋतंभरा समेत आठ मुल्जिमों के मामले की कार्यवाही रायबरेली की विशेष अदालत में चलने लगी। इनमें अशोक सिंघल व गिरिराज किशोर की भी विचारण के दौरान मौत हो चुकी है।

मामले की अगली सुनवाई 22 मई को होगी।

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