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अब CBI करेगी देवरिया कांड की जांच, पिछली सरकारें जिम्मेदार : योगी

Manali Rastogi
Published on: 8 Aug 2018 2:33 AM GMT
अब CBI करेगी देवरिया कांड की जांच, पिछली सरकारें जिम्मेदार : योगी
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लखनऊ: देवरिया कांड की एक जांच रिपोर्ट मंगलवार को आने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे घटनाक्रम की जांच सीबीआई को सौंपने की घोषणा की। योगी ने कहा कि देवरिया में नारी संरक्षण गृह वर्ष 2009 से संचालित था। संस्था के खिलाफ लगातार शिकायतें मिल रही थीं, लेकिन तत्कालीन सरकारों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

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एनेक्सी में मंगलवार को देर शाम बुलाई गई प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब तक हुई जांच में जितने भी अधिकारी जिम्मेदार पाए गए हैं, सभी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। इस मामले में लापरवाह अधिकारियों को निलंबित एवं बर्खास्त किया जाएगा। इसकी जांच के लिए एडीजे के नेतृत्व में एसआईटी का भी गठन किया गया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि देवरिया के नारी संरक्षण गृह में बालिकाओं के शोषण की सीबीआई से पहले तथ्यों से कोई छेड़छाड़ न हो, इसके लिए एडीजी क्राइम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की गई है। इस मामले में एसटीएफ भी उसकी मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने नारी संरक्षण गृह में अनियमितता के लिए बसपा-सपा की पिछली सरकारों को जिम्मेदार ठहराया।

योगी ने कहा कि उनकी सरकार में पहली बार जून, 2017 में संस्था की आर्थिक सहायता रोकने, लाइसेंस रद्द करने और संरक्षण गृह को बंद करने के निर्देश दिए गए।

उन्होंने कहा कि देवरिया के जिलाधिकारी ने सरकार के आदेशों का पालन नहीं कराया और न ही संरक्षण गृह के खिलाफ कार्रवाई की। देवरिया के पूर्व जिलाधिकारी सुजीत कुमार को चार्जशीट दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि अपने कर्तव्य का जिम्मेदारी से निर्वहन नहीं करने पर बाल कल्याण समिति को भी निलंबित किया गया है।

उन्होंने कहा कि देवरिया कांड में पुलिस की भूमिका की भी जांच की जाएगी। 30 जुलाई को संरक्षण गृह के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने बाद भी पुलिस ने संचालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। एडीजी गोरखपुर को इसकी जांच सौंपी गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर जो जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है, उसके मुताबिक कई स्तर पर लापरवाही बरती गई। इसमें शामिल लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा। देवरिया में बालिका आश्रय गृह से बरामद हुई बालिकाओं को बनारस स्थित बालिका गृह में रखने का फैसला लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने इस मामले की जांच के लिए प्रमुख सचिव रेणुका कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया था। यह टीम सोमवार को ही विशेष विमान से देवरिया गई थीं। वहां इस टीम ने कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों से पूछताछ की थी।

इसके बाद मंगलवार को टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप दी थी। इस रिपोर्ट के मिलने के बाद ही मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला किया है।

देवरिया में एक बालिका आश्रय गृह से 24 बालिकाओं के गायब होने के बाद यह मामला गरमा गया था। इस मामले को लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस ने जमकर योगी सरकार पर निशाना साधा था। इस मामले की गूंज मंगलवार को संसद भी सुनाई दी थी। इसके बाद इस मामले की निष्पक्ष जांच को लेकर बढ़ रहे दबाव के बीच योगी ने पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराने का फैसला लिया है।

वहीं, अब इस बात पर से पर्दा उठा है कि देवरिया बालिका गृह में कोई रिपोर्ट नहीं दी थी। सूत्रों के अनुसार, सीबीआई ने यूपी सरकार को कोई रिपोर्ट नहीं दी थी। सूत्रों का ये भी कहना है कि बालिका संरक्षण गृह मामले में कोई रिपोर्ट नहीं दी गई। वहीं, सीबीआई 283 एनजीओ की जांच कर रही है।

यही नहीं, सीबीआई पालना गृह घोटाले की जांच कर रही है। इसके अलावा सूत्रों के हवाले से ये भी जानकारी है कि संस्था को लेकर यूपी सरकार से कोई पत्राचार नहीं है। वहीं, देवरिया केस में नाम घसीटे जाने से सीबीआई के अफ़सर नाराज़ हैं। इस मामले में अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार की भूमिका संदिग्ध है।

अगर सीबीआई जांच को तैयार हुई तो कई बड़े नपेंगे। सीबीआई देवरिया मामले को लेकर गंभीर है। बताया जा रहा है कि उन्नाव कांड जैसी ताबड़तोड़ कार्रवाई के आसार बन रहे हैं।

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